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बिजनेस

आरबीआई का आदेश, सिक्के जमा करने के लिए बाध्य हैं बैंक

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कानपुर। बैंकों द्वारा सिक्के नहीं जमा करने की शिकायत को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने गंभीरता से लिया है। रिजर्व बैंक ने मास्टर सर्कुलर के साथ बैंकों को पत्र लिखकर सिक्के लेने का आदेश जारी किया है। अब से बैंकों को न सिर्फ सिक्के जमा करने होंगे बल्कि, इसकी सूचना भी बैंक कैंपस में लगानी होगी। बीते कुछ समय से शिकायतें आ रही थीं कि बैंककर्मी सिक्के जमा करने में आनाकानी कर रहे हैं। बैंकों के इस रुख से आम लोगों को भारी परेशानी हो रही थी।

बता दें कि जिन बैंक शाखाओं में चेस्ट की सुविधा नहीं है, करेंसी चेस्ट को उन शाखाओं से सिक्के लेने के लिए भी कहा गया है। हालांकि आरबीआई के इस नियम के अनुसार एक रुपये से अधिक मूल्य वर्ग के सिक्के प्रतिदिन केवल एक हजार रुपये ही जमा किए जा सकते हैं। रिजर्व बैंक ने मास्टर सर्कुलर संलग्न कर बैंकों को चेताया है कि वे सिक्के लेने के लिए बाध्य हैं।

सभी बैंक और उनकी शाखाएं अपने खाताधारक को आरबीआई की गाइडलाइन के मुताबिक सेवाएं देने को बाध्य हैं। इनमें सभी प्रचलित मूल्य वर्ग के नए और साफ सुथरे नोट एवं सिक्के जारी करने, कटे-फटे और गंदे नोट बदलने और किसी भी ट्रांजेक्शन और बदलाव में सिक्कों को स्वीकार करने के लिए बाध्य हैं।

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मुंबई बना एशिया के अरबपतियों की राजधानी, बीजिंग को पीछे छोड़ा

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मुंबई। मुंबई में अरबपतियों की संख्या बीजिंग से अधिक हो गई है। हुरुन रिसर्च की 2024 ग्लोबल रिच लिस्ट के अनुसार, मुंबई में 92 अरबपति हैं, जबकि बीजिंग में 91 अरबपति हैं। हालांकि चीन में भारत के 271 की तुलना में कुल मिलाकर 814 अरबपति हैं। ग्लोबल लेवल पर, मुंबई अब न्यूयॉर्क के बाद अरबपतियों के मामले में तीसरे स्थान पर पहुंच गया है, न्यूयार्क में अरबपतियों की संख्या 119 है। लिस्ट के मुताबिक, सात साल बाद लंदन 97 के साथ दूसरे स्थान पर है।

रिपोर्ट में कहा गया है, “मुंबई दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ते अरबपतियों की राजधानी है, इस साल इसमें 26 अरबपति शामिल हुए और यह दुनिया में तीसरा व एशिया में अरबपतियों की राजधानी बन गया है। नई दिल्ली पहली बार शीर्ष 10 में शामिल हुई।” भारत की आर्थिक शक्ति उसकी अरबपति आबादी में उल्लेखनीय वृद्धि से और भी अधिक रेखांकित हुई। देश में आश्चर्यजनक रूप से 94 नए अरबपति जुड़े, जो संयुक्त राज्य अमेरिका को छोड़कर किसी भी देश में सबसे अधिक है। कुल मिलाकर यहां 271 अरबपति हो गए। यह उछाल 2013 के बाद से सबसे ज्‍यादा है और भारतीय अर्थव्यवस्था में बढ़ते आत्मविश्‍वास का प्रमाण है।

2024 हुरुन ग्लोबल रिच लिस्ट रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय अरबपतियों की संचयी संपत्ति चीन की प्रति अरबपति औसत संपत्ति (3.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर बनाम 3.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर) को पार करते हुए 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गई।

रिपोर्ट में बताया गया है कि उद्योग के लिहाज से फार्मास्युटिकल क्षेत्र 39 अरबपतियों के साथ सबसे आगे है, इसके बाद ऑटोमोबाइल और ऑटो कंपोनेंट उद्योग (27) और रसायन क्षेत्र (24) का स्थान है। सामूहिक रूप से भारतीय अरबपतियों की संपत्ति 1 खरब डॉलर के बराबर है, जो वैश्विक अरबपतियों की संपत्ति का 7 फीसदी है, जो देश के पर्याप्त आर्थिक प्रभाव को दर्शाता है।

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