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नेशनल

अमिताभ को पहले ही हो गया था श्रीदेवी की मौत का अहसास!

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मुंबई। बॉलीवुड की दिग्गज अभिनेत्री श्रीदेवी का दुबई में दिल का का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वह 54 साल की थीं। बॉलीवुड में उनके निधन की खबर से हर तरफ शोक की लहर है। हालांकि अमिताभ के एक ट्वीट से ऐसा लग रहा है कि उन्हें इस बात का आभास पहले ही हो गया था।

अमितभ बच्‍चन ने इस खबर के आने से कुछ ही घंटे पहले ट्वीट क‍िया था। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा था, “न जाने क्यूँ , एक अजीब सी घबराहट हो रही है।” बताया जा रहा है कि जब उन्होंने ये ट्वीट किया उन्हें श्रीदेवी की मौत की जानकारी नहीं थी।

बताया जा रहा है क‍ि श्रीदेवी की मौत बीती रात 11:30 के करीब हुई और जिस वक्त यह घटना घटी उनके पति बोनी कपूर और उनकी छोटी बेटी खुशी उनके साथ थे। श्रीदेवी की बड़ी बेटी फिलहाल मुंबई में ही हैं और वह शूटिंग शेड्यूल के कारण परिवार के साथ दुबई नहीं जा सकी थीं।

श्रीदेवी करीब 50 साल तक अभ‍िनय की दुनिया में सक्र‍िय रहीं। उन्‍होंने 4 साल की उम्र से ही फ‍िल्‍मों में काम करना शुरू कर द‍िया था। श्रीदेवी ने अपने वयस्क करियर की शुरुआत साल 1979 में हिंदी फिल्म सोलवां सावन से की थी।

हालांकि उन्हें बॉलीवुड में पहचान फिल्म 1983 में आई फिल्म हिम्मतवाला से मिली। उनके कर‍ियर की यादगार फ‍िल्‍मों में सदमा, नगीना, कर्मा, चांदनी, लम्‍हे, चालबाज वगैरह शामिल हैं। 2017 में वह पर्दे पर फ‍िल्‍म मॉम में नजर आई थीं।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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