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बृहस्‍पति ग्रह पर जीवन खोजने की कवायद में मिली बड़ी कामयाबी

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नासा का जूनो स्पेस एयरक्राफ्ट, बृहस्‍पति ग्रह, सौरमंडल के सबसे बड़े ग्रह जुपिटर, नासा जेट प्रपल्शन लैबरेटरी के ग्राउंड कंट्रोलर्स

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नासा का जूनो स्पेस एयरक्राफ्ट, बृहस्‍पति ग्रह, सौरमंडल के सबसे बड़े ग्रह जुपिटर, नासा जेट प्रपल्शन लैबरेटरी के ग्राउंड कंट्रोलर्स

zuno by nasa on jupiter

नासा का जूनो स्पेस एयरक्राफ्ट पहुंचा सौरमंडल के सबसे बड़े ग्रह जुपिटर पर

पसडीना। सौरमंडल का रहस्‍य खोजने में अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी नासा को बड़ी कामयाबी मिली है जूनो नाम का नासा का एक स्पेस एयरक्राफ्ट सोमवार को बृहस्पति ग्रह (जूपिटर) पर पहुंच गया। पांच साल की यात्रा के बाद पंहुचे इस स्पेस एयरक्राफ्ट को मिली कामयाबी से नासा जेट प्रपल्शन लैबरेटरी के ग्राउंड कंट्रोलर्स खुशी से उछल पड़े। तीव्र विकिरण के बावजूद सोलर पावर्ड जूनो स्पेस एयरक्राफ्ट का बृहस्पति पर पहुंचना नासा के लिए बड़ी कामयाबी है।

नासा के मानवरहित अंतरिक्षयान जूनो ने बृहस्पति की कक्षा में घूमना शुरू कर दिया है। सौरमंडल के सबसे बड़े ग्रह की उत्पत्ति का रहस्य सुलझाने के लिए शुरू किए गए 1.1 अरब डॉलर के इस मिशन की यह एक प्रमुख उपलब्धि है। नासा की कैलिफोर्निया स्थित जेट प्रपल्शन लैबरेटरी के ग्राउंड कंट्रोलर्स से जुड़े एक कॉमेंटेटर ने कहा, ‘बृहस्पति पर स्वागत है।’

बृहस्पति ग्रह की लक्षित कक्षा में सौर वेधशाला के सफलतापूर्वक प्रवेश कर जाने पर इस कमरे में लोगों की उल्लास से भरी आवाजें गूंजने लगीं। इस यान ने रात 11 बजकर 53 मिनट पर (अंतरराष्ट्रीय समयानुसार तड़के तीन बजकर 53 मिनट पर) बृहस्पति की कक्षा में प्रवेश किया। पांच साल पहले फ्लोरिडा के केप केनवेराल से प्रक्षेपित इस यान ने यहां पहुंचने से पहले 2.7 अरब किलोमीटर का सफर तय किया है।

नासा के प्रमुख जांचकर्ता स्कॉट बोल्टन ने बेहद उल्लास के साथ चिल्लाते हुए कहा, ‘हम उसमें पहुंच गए।’ उन्होंने मिशन कंट्रोल में लगे अपने सहकर्मियों से कहा, ‘आप लोग अब तक की सर्वश्रेष्ठ टीम हैं।’ बोल्टन ने कहा, ‘आपने नासा की अब तक की सबसे मुश्किल चीज को अंजाम दिया है।’

बृहस्पति ग्रह (जूपिटर) तक जूनो का पहुंचना नाटकीय रहा है। जूनो जब लक्ष्य की तरफ बढ़ रहा था तब रॉकेट के इंजन में आग लग गई थी। इस वजह से यह स्लो हो गया था। यह कक्षा से हल्का फिसल गया था। स्पेसक्राफ्ट में कैमरा और अन्य उपकरण जूपिटर पर आने के बाद ऑफ हो गए हैं। ऐसे में यहां पहुंचने के बाद कोई तस्वीर नहीं आई है। पिछले हफ्ते नासा ने संपर्क साध कई तस्वीरें जारी की थीं। तस्वीर में जूपिटर पीले रंग में चमकीला दिख रहा था।

जूनो से रेडियो संदेश मिलते ही नासा के कैलिफोर्निया के पसडीना स्थित मिशन कंट्रोल रूम में जश्न का माहौल है। जूनो के मिशन कंट्रोल ने घोषणा की, ‘रोगर जूनो, जूपिटर पर आपका स्वागत है।’ जूनो लगभग 18 महीने तक बृहस्पति का चक्कर लगाएगा। इस दौरान जूनो यह पता लगाएगा कि बृहस्पति बना कैसे था।

अपना मिशन पूरा करने के बाद जूनो बृहस्पति ग्रह के वातावरण में दाखिल होकर नष्ट हो जाएगा। नासा ने जूनो मिशन को 2011 में रवाना किया था। इस मिशन पर लगभग एक अरब डॉलर का खर्च आया है। वैज्ञानिकों ने इस ग्रह की क्लोज-अप तस्वीरें दिखाने का वादा किया था।

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नेशनल

राजस्थान के जैसलमेर में वायुसेना का टोही विमान क्रैश, जानमाल का नुकसान नहीं

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जैसलमेर। राजस्थान के जैसलमेर में वायुसेना का एक विमान क्रैश हुआ है। हादसा जैसलमेर से करीब 25 किमी दूर पीथला गांव के पास हुआ है। यहां दूर तक मलबा बिखरा हुआ है। जानकारी के मुताबिक जैसलमेर के सिपला ग्राम पंचायत की बालों की ढाणी के पास आज सुबह भारतीय वायु सेना का एक टोही विमान हादसे का शिकार हो गया। हालांकि यह विमान सुनसान इलाके में दुर्घटनाग्रस्त हुआ है जिससे किसी तरह की जनहानि नहीं हुई है।

घटना की जानकारी मिलते ही प्रशासन के साथ-साथ वायु सेना के भी अधिकारी मौके पहुंच गए। इस दौरान स्थानीय लोगों की भी भीड़ एकत्र हो गई। बता दें कि वायुसेना के टोही विमान आसमान से जासूसी गतिविधियों पर नजर रखने का काम करता है।

जैसलमेर के पिथला गांव के ऊपर से गुजर रहे इस विमान के क्रैश होने पर जोरदार धमाका हुआ। इस धमाके की आवाज से ही आस-पास के इलाके के ग्रामीण डर गए। हादसे का पता लगते ही हर कोई घटना स्थल की तरफ भागने लगा। वहीं से लोगों ने संबंधित लोगों को सूचना भी की। प्रशासन के साथ वायु सेना का दस्ता भी मौके पहुंचा। फिलहाल घटना वाले इलाके को सेना ने अपने कब्जे में लिया है।

गमीमत यह रही कि इस विमान हादसे में को जनहानि नहीं हुई है। दरअसल वायुसेना के टोही विमान में कोई पायलट मौजूद नहीं रहता है। इस विमान को रिमोट के जरिए संचालित किया जाता है।

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