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नेशनल

सोनिया ने उप्र दौरे के लिए ‘बस यात्रा’ को रवाना किया

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सोनिया ने उप्र दौरे के लिए 'बस यात्रा' को रवाना किया

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सोनिया ने उप्र दौरे के लिए 'बस यात्रा' को रवाना कियानई दिल्ली| कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शनिवार को तीन दिवसीय उत्तर प्रदेश दौरे के लिए यहां झंडी दिखाकर एक बस यात्रा को रवाना किया। बस यात्रा का उद्देश्य राज्य में गैर-कांग्रेसी सरकारों की विफलताओं से लोगों को अवगत कराना है। ’27 साल उत्तर प्रदेश बेहाल’ के संदेश के साथ बस यात्रा पहले दिन गाजियाबाद, हापुड़, अमरोहा और मुरादाबाद होकर गुजरेगी और रात में बस मुरादाबाद में ठहरेगी।

अगले दो दिनों में बस रामपुर, बरेली, हरदोई, कन्नौज और कानपुर का दौरा करेगी।

इस अवसर पर पार्टी के उपाध्यक्ष राहुल गांधी, राज्य में 2017 के विधानसभा चुनावों के लिए पार्टी के मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवार शीला दीक्षित और नव नियुक्त प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राज बब्बर समेत पार्टी के कई वरिष्ठ नेता उपस्थित थे।

दीक्षित ने कहा, “हमने हमारी ’27 साल, उत्तर प्रदेश बेहाल’ यात्रा शुरू की है। मैं आपका आशीर्वाद और समर्थन चाहती हूं।”

बस यात्रा के दौरान गुलाम नबी आजाद, शीला और बब्बर जैसे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सार्वजनिक रैलियों को संबोधित करेंगे।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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