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लाइफ स्टाइल

सोशल मीडिया के चलते बच्चों की रचनात्‍मकता में आ रही है कमी

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सोशल मीडिया, बच्चों की रचनात्‍मकता में कमी, सोशल नेटवर्किग साइट्स पर चैट

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सोशल मीडिया, बच्चों की रचनात्‍मकता में कमी, सोशल नेटवर्किग साइट्स पर चैट

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आजकल लोग अपने चौबीस घंटों में से एक बड़ा वक्‍त सोशल मीडिया पर व्‍यतीत कर रहे हैं। खासतौर पर यदि देखा जाय तो बच्‍चों के बीच सोशल मीडिया ने अपनी एक विशेष जगह बनाई है लेकिन इसी वजह से बच्‍चों में पढ़ने की आदत कम होती जा रही है पहले की तरह गर्मियों की छुट्टिय़ों में मनोरंजक पुस्तकें पढ़कर अपना समय बिताने के बजाय बच्चे अब सोशल नेटवर्किग साइट्स पर चैट करना अधिक पसंद कर रहे हैं।

विशेषज्ञों का कहना है कि किताबें न पढ़ने की वजह से बच्चों की रचनात्मकता और कल्पनाशीलता में कमी आ रही है जो उनके भविष्य के लिए ठीक नहीं। फोर्टिस अस्पताल के मनोरोग विभाग द्वारा किए गए सर्वेक्षण में दिल्ली के 1350 बच्चों को शामिल किया गया।

इसमें उनकी सामान्य दिनचर्या में सोशल साइट्स के प्रभाव संबंधी 20 बिंदुओं पर प्रश्न किया गया। अस्पताल के मनोचिकित्सा विभाग के प्रमुख और अध्ययन के प्रमुख डॉ. समीर पारिख ने बताया कि ज्ञान अजिर्त करने के लिए बच्चों की सोशल साइट्स पर निर्भरता बढ़ी है।

कुछ मामलों में इसे अच्छी आदत कहा जा सकता है, लेकिन लगातार किताबों से दूरी बच्चों की कल्पनाशीलता को कम कर रही है। अध्ययन में यह भी देखा गया कि बच्चे फेसबुक, इंस्ट्राग्राम और ट्विटर जैसी सोशल साइट्स पर अपनी उम्र छिपा कर आईडी बना रहे हैं।

सर्वेक्षण में 14 से 17 साल की उम्र तक के बच्चों से सोशल मीडिया संबंधी उनकी आदतों के बारे में जानकारी हासिल की गई। इस दौरान यह भी देखा गया कि 40 प्रतिशत बच्चे 17 साल की उम्र से पहले ही स्मार्ट फोन का इस्तेमाल कर रहे हैं।

जानकारी एकत्र करने के प्रति छात्रों की जिज्ञासा बढ़ी है, लेकिन इसके लिए वह शत प्रतिशत सोशल साइट्स पर ही निर्भर है। किताबें पढ़ने या कहानी सुनते समय विचारों में एक तरह की आभासी दुनिया बनती है जो रचनात्कता को बढ़ाती है। संचार के नए माध्यमों से यह कम हो रही है।

अध्ययन के परिणाम

74 प्रतिशत छात्र मानते हैं सोशल साइट्स सूचना एकत्र करने का बेहतर मंच है

76 प्रतिशत ने माना की उनकी पढ़ने की आदत कम हुई है

24 प्रतिशत हफ्ते में एक बार पसंदीदा किताब पढ़ते हैं

72 प्रतिशत ने माना कि सेलिब्रिटी की दिनचर्या को वह आम जीवन में उतारने की कोशिश करते हैं

85 फीसदी ने माना कि उनके दोस्त सोशल साइट्स पर थे, इस कारण उन्होंने भी इस मंच पर आना पसंद किया

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तेजी से बढ़ रही है दिल की बीमारियों के चलते मौत, करें ये उपाय

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Death due to heart diseases increasing

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नई दिल्ली। भारत में दिल की बीमारियों के कारण होने वाली मौतों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। मधुमेह, उच्च रक्तचाप, हाई कॉलेस्ट्रॉल, धूम्रपान एवं आनुवंशिक कारणों से दिल की बीमारियों की संभावना बढ़ रही है। दक्षिण-पूर्वी एशियाई आबादी में आनुवंशिक रूप से दिल की बीमारियों की संभावना अधिक होती है। दिल को सुरक्षित रखने के लिए कुछ उपाय हैं, जिसे अपनाकर आप दिल की बीमारियों से दूर रह सकते हैं।

सेहतमंद आहार लें

संतुलित और सेहतमंद आहार का सेवन करने से शरीर को सही पोषण मिलता है। जंक फूड में फैट, नमक और चीनी बहुत अधिक मात्रा में होती है, जो समय के साथ हमारे दिल को बीमार बना देती है। अक्सर लोग बिना सोचे समझे प्रोसेस्ड फूड का सेवन करते हैं क्योंकि उन्हें यह बहुत आसान लगता है, लेकिन इस तरह का भोजन हमारी सेहत के लिए अच्छा नहीं है। हमारे आहार में पर्याप्त मात्रा में कैलोरीज, प्रोटीन, विटामिन, मिनरल और लो सैचुरेटेड फैट होने चाहिए।

गतिहीन जीवनशैली से बचें

बहुत से लोग नियमित रूप से व्यायाम नहीं करते। आज हममें से लाखों लोग ऐसी नौकरियां करते हैं, जिसके लिए उन्हें घंटों एक ही जगह पर बैठे रहना पड़ता है। व्यायाम की कमी व्यक्ति के लिए बेहद हानिकारक हो सकती है। यह मोटापे को जन्म देती है, जिसके कारण व्यक्ति धीरे धीरे डायबिटीज, हाइपरटेंशन और दिल की बीमारियों का शिकार बन जाता है।

शारीरिक रूप से सक्रिय

व्यायाम दिल को तंदुरुस्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। कार्डियो व्यायाम से दिल की पम्प करने की क्षमता बढ़ती है और दिल की मांसपेशियां तंदुरुस्त बन जाती हैं। नियमित व्यायाम करने से रक्तचाप नियन्त्रण में रहता है, शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल कम होते हैं और ब्लड शुगर भी नियन्त्रित रहती है।

तनाव से बचें

तनाव आज हम सभी के जीवन का अभिन्न हिस्सा बन चुका है, खासतौर पर ज्यादातर शहरी लोग अपने काम को लेकर तनाव में रहते हैं। जब आपका शरीर तनाव में रहता है, तो इसका असर शरीर के हर अंग पर पड़ता है। तनाव के समय शरीर में एड्रिनलिन हॉर्मोन ज्यादा मात्रा में बनने लगता है, अगर ऐसा नियमित रूप से होने लगे तो दिल की बीमारियों की संभावना बढ़ जाती है।

अच्छी और गहरी नींद

समय की कमी के कारण बहुत से लोग अपनी नींद को कम कर काम करने लगते हैं। वे अपनी महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने के लिए नींद से समझौता करते हैं जो सेहत के लिए खास तौर पर दिल के लिए खतरनाक है। 7-8 घंटे से कम नींद लेने से दिल की बीमारियों की संभावना बढ़ जाती है।

धूम्रपान और शराब के सेवन से बचें

धूम्रपान और शराब का सेवन किसी भी सेहत के लिए अच्छा नहीं है। आजकल विकासशील देशों में धूम्रपान का चलन तेजी से बढ़ रहा है। जो दिल के लिए नुकसानदायक है। यहां तक कि अगर आपके आस-पास कोई व्यक्ति धूम्रपान करता है तो वह भी आपकी सेहत के लिए अच्छा नहीं। धूम्रपान छोड़ने के लिए परिवार और दोस्तों के सहयोग की जरूरत होती है। इसकी आदत छोड़ने के लिए निकोटीन पैच या ई-सिगरेट का इस्तेमाल किया जा सकता है।

नियमित रूप से स्वास्थ्य की जांच

नियमित रूप से स्वास्थ्य की जांच कराकर आप दिल की बीमारियों के खतरे से बच सकते हैं। क्योंकि ऐसा करने से अगर आपको कोई समस्या है तो समय पर उसका निदान हो जाएगा और समय रहते इलाज शुरू कर बीमारी को गंभीर होने से रोका जा सकेगा। इसलिए नियमित रूप से अपनी जांच करवाते रहें और अपने स्वास्थ्य को मॉनिटर करते रहें।

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डिस्क्लेमर: उपरोक्त जानकारी एक सूचना मात्र है. अपनाने से पहले सम्बंधित विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें.

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