Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

प्रादेशिक

सिंहस्थ कुंभ : दूसरे शाही स्नान के दौरान सम्मानित होंगे साधु-संत

Published

on

सिंहस्थ कुंभ : दूसरे शाही स्नान के दौरान सम्मानित होंगे साधु-संत

Loading

सिंहस्थ कुंभ : दूसरे शाही स्नान के दौरान सम्मानित होंगे साधु-संत

उज्जैन| मध्य प्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन में चल रहे सिंहस्थ कुंभ के पहले शाही स्नान के दौरान अव्यवस्थाओं से सीख लेते हुए नौ मई को होने वाले दूसरे शाही स्नान की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। प्रशासन ने साधु-संतों को खुश रखने के तमाम इंतजाम करने का फैसला किया है। स्नान के लिए आने वाले अखाड़ों के संतों के स्वागत के अलावा अखाड़ा पदाधिकारियों को चांदी के सिक्के भी भेंट किए जाएंगे। ज्ञात हो कि 22 अप्रैल को पहले शाही स्नान के साथ सिंहस्थ कुंभ शुरू हुआ था। इस शाही स्नान के दौरान अव्यवस्था पर विभिन्न अखाड़ों के साधु-संतों ने रोष जाहिर करते हुए चेतावनी दी कि अगर व्यवस्था में सुधार नहीं हुआ तो वे दूसरे शाही स्नान से पहले उज्जैन छोड़ देंगे। अखाड़ों की इस चेतावनी से सरकार और प्रशासन सकते में है।

दूसरे शाही स्नान के मद्देनजर गुरुवार को जिलाधिकारी कवीन्द्र कियावत ने मेला से जुड़े सभी अधिकारियों की बैठक ली। इस बैठक मेंअखाड़ों के अपने परिसरों से स्नान हेतु बाहर निकलने से लेकर उनके स्नान पश्चात अपनी छावनी में पहुंचने तक की तैयारियों पर चर्चा हुई।

बैठक में तय किया गया कि अखाड़ों के संतों के स्नान के लिए आगमन के दौरान मार्ग में शोभा यात्रा के आगे-पीछे पुलिस व प्रशासन के अधिकारी तैनात रहेंगे। जोन मजिस्ट्रेट अपने क्षेत्र के अखाड़ा पदाधिकारियों से चर्चा कर मार्ग की रूपरेखा अभी से तय कर लेंगे। रास्ते में खुली नालियां ढकी जाएंगी। शोभायात्रा के लिए सड़कों की धुलाई की जाएगी। क्षिप्रा में बहते हुए कचरे को समय पूर्व निकाल लिया जाएगा। प्रत्येक अखाड़े के स्नान पश्चात तत्काल घाट को धुलवा कर अगले अखाड़े के स्नान के लिए तैयार किया जाएगा।

बैठक में तय किया गया कि मेला कार्यालय के अधिकारी अखाड़ों के संतों के घाट आगमन पर पदाधिकारी संतों-महन्तों का फूल और मालाओं से स्वागत करने के अलावा उन्हें चांदी के सिक्के भी भेंट करेंगे। इसके लिए समय पूर्व पदाधिकारी संत-महंत चिन्हित कर लिए जाएंगे। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि एक अखाड़ा पूर्ण रूप से स्नान कर ले, उसके पश्चात ही दूसरा अखाड़ा स्नान के लिए घाट पर आए।

स्नान के लिए अखाड़ों के स्नान के लिए आते समय रास्ते में पूर्ण सुरक्षा व्यवस्था पुलिस द्वारा की जाएगी। हर अखाड़े के साथ एक एम्बुलेंस भी चलेगी। अखाड़ों के स्नान हेतु घाट आगमन पर विधिवत उनकी आगवानी की जाएगी। जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि शाही स्नान के एक दिन पूर्व अखाड़ों में जाकर अधिकारी उन्हें स्नान के लिए लिखित में विधिवत निमंत्रण देंगे और स्नान के लिए अनुरोध करेंगे।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

Published

on

Loading

लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

Continue Reading

Trending