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साइंस

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर भव्य विज्ञान पद यात्रा आयोजित

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राष्ट्रीय विज्ञान दिवस, आंचलिक विज्ञान नगरी, भव्य विज्ञान पद यात्रा

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लखनऊ। 28 फरवरी जिसे पूरे भारत में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के रूप में मनाया जाता है, के अवसर पर आंचलिक विज्ञान नगरी ने राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी, भारत (नासी), लोकल चैप्टर, उ.प्र. विज्ञान अकादमी (उपास) एवं भारतीय स्टेट बैंक, क्षेत्रीय कार्यालय लखनऊ के सहयोग से विज्ञान पद यात्रा का आयोजन किया। इस पद यात्रा में लगभग 20 स्कूलों व गैर सरकारी संगठनों के अधिकारियों, वैज्ञानिकों, अध्यापकों एवं विद्यार्थियों को मिलाकर 700 से भी अधिक लोगों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया जिसमें प्राथमिक कक्षा से लेकर कालेज के बच्चे शामिल थे। बच्चे सुबह 8 बजे से ही विज्ञान नगरी में इकट्ठा होना शुरू हो गये थे। स्कूलों में परीक्षाओं तथा रविवार होने के बावजूद भी इतनी बड़ी संख्या में विद्यार्थियों का भाग लेना उनमें पनप रहा वैज्ञानिक दृष्टिकोण को दर्शाता है तथा लोगों में बन रही वैज्ञानिक सोच का भी परिचायक है।

700 से भी अधिक लोगों ने पद यात्रा में भाग लिया

इस पद यात्रा को बायोटेक पार्क के भूतपूर्व सीईओ तथा वरिष्ठ सलाहकार डा.पी.के. सेठ, सीडीआरआई के भूतपूर्व वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं भटनागर सम्मान से सम्मानित डा.डी.एस. भाकुनी व उपास के वरिष्ठ अधिकारी एवं वैज्ञानिक डा. कमल राज ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इन वैज्ञानिकों ने बच्चों में दिखे उत्साह की जमकर सराहना की तथा आशा जताई कि जल्द ही भारत की झोली में अनेक नोबल पुरस्कार आयेगें। उन्होंने बच्चों का मनोबल भी बढ़ाया और विज्ञान के क्षेत्र में कार्य करने के लिए प्रोत्साहित किया। आज राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के उपलक्ष्य में सीएसआईआर-आईआईटीआर के निदेशक डा. आलोक धवन द्वारा एक लोकप्रिय विज्ञान व्याख्यान दिया गया जिसका केन्द्र इन्नोवेशन अर्थात नवप्रवर्तन पर आधारित था। उन्होंने सर सी.वी. रमन का उल्लेख करते हुए कहा कि अनुसंधान करने के लिए आपको स्वतंत्र सोच की आवश्यकता होती है न कि उपकरणों की।

उन्होंने बताया कि विज्ञान एक कला ही है तथा इन्नावेशन विज्ञान को समझने का एक रूप है।  जिसके अगले चरण में उत्पाद तथा इंटरप्राइजेज होते हैं।  उन्होंने बताया कि हमारी सभी इंद्रियाँ हमें प्रश्न पूँछने के लिए बाध्य करती हैं जो उनके आकार में भी दिखाई देता है इसलिए हमें हमेशा प्रश्न पूँछते रहना चाहिए तथा प्रश्न पूँछने में कोई संकोच नहीं करना चाहिए।  इस संदर्भ में उन्होंने बताया कि जब आप प्रश्न पूँगे तभी तो उसका समाधान खोजने की कोशिश करेगें।  इस अवसर पर उपस्थित विद्यार्थियों को डा0 आलोक धवन ने अच्छे अनुसंधानकर्ता होने के कुछ मोलिक गुण बताये जिसमें समझना, प्रश्न पूँछना, तर्क देना, जांच-परख करना आदि शामिल है। व्याख्यान के अंत में उन्होंने आईआईटीआर के पैटेन्ट किये हुए उपकरणों की जानकारी दी तथा नवप्रवर्तन से संबंधित 2 छोटी-छोटी मिल्में भी दिखाई। लगभग 150 विद्यार्थियों ने इस व्याख्यान का लाभ उठाया। राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रमों एवं स्पर्धाओं के पुरस्कार एवं नवाचार प्रतियोगिता के पुरस्कार कल वितरित किये जायेगें।

नेशनल

प्रधानमंत्री के मन पर छाईं सीतापुर की ‘ड्रोन दीदी’

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लखनऊ| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को ‘मन की बात’ की। मन की बात में इस बार भी उत्तर प्रदेश छाया रहा। पीएम मोदी ने युवाओं व महिलाओं का भी जिक्र किया। एक तरफ उन्होंने सीतापुर की ‘ड्रोन दीदी’ से बातचीत की तो दूसरी तरफ अपने वाराणसी दौरे के दौरान लगी फोटो प्रदर्शनी के संस्मरण साझा करते हुए युवाओं को राह दिखाई।

पीएम ने सीतापुर की ‘नमो ड्रोन दीदी’ से भी की बात

मन की बात में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीतापुर की ड्रोन दीदी सुनीता देवी से भी बात की। प्रधानमंत्री ने ड्रोन दीदी के परिवार व उनके विषय में जाना। सुनीता ने बताया कि उनकी पढ़ाई बीए तक हुई है। परिवार में माता जी, पति व दो बच्चे हैं। खेतीबाड़ी कर जीविकोपार्जन चलता है। सुनीता ने बताया कि फूलपुर इफको कंपनी इलाहाबाद में उन्होंने ट्रेनिंग ली। सीतापुर कृषि विज्ञान केंद्र में पहली बार ड्रोन देखा था। पीएम मोदी ने उनसे पूछा कि पहले दिन आपको ड्रोन दिखाया होगा या फिर कुछ बोर्ड-कागज पर पढ़ाया गया होगा, फिर मैदान में ले जाकर प्रैक्टिस कराया गया। सुनीता ने बताया कि जब हम लोग गए थे। उसके दूसरे दिन से ट्रेनिंग शुरू हुई। पहले तो थ्योरी पढ़ाई गई थी, फिर क्लास चली। ड्रोन में क्या क्या पार्ट हैं, कैसे-कैसे क्या क्या करना है, ये सारी चीजें पढ़ाई गईं। तीसरे दिन पेपर हुआ। उसके बाद कंप्यूटर पर भी सुनीता ने प्रश्न पत्र हल किए। पहले क्लास चली, उसके बाद में टेस्ट लिया गया फिर प्रेक्टिकल करवाया गया था। ड्रोन कैसे उड़ाना है, कैसे कंट्रोल संभालना है। यह सारी चीजें सिखाई गई थीं।

सुनीता ने बताया कि बरसात में दिक्कत होती है। फसल बड़ी हो रही है। ऐसे में मेड़ पर खड़े होकर ड्रोन से काम कर सकते हैं। कोई कीड़ा मकोड़ा यदि खेत के अंदर है तो हमें सावधानी बरतनी रहेगी। अभी तक हम 35 एकड़ खेत में स्प्रे कर चुके हैं। प्रधानमंत्री के सवाल पर सुनीता ने बताया कि किसान भी इससे संतुष्ट हो रहे हैं। उन्हें भी बहुत अच्छा लग रहा है। समय की भी बचत हो रही है। हम लोगों को सिर्फ आकर खेत बताना पड़ता है कि कहां से कहां तक मेरा खेत है। मात्र आधे घंटे में ही इस काम को पूरा कर लिया जाता है। ड्रोन देखने के लिये भी बहुत सारे लोग आ जाते हैं।

पीएम मोदी ने कहा कि मेरा एक मिशन है लखपति दीदी बनाने का। देश भर की बहनें सुन रही हैं, आज एक ड्रोन दीदी पहली बार मेरे साथ बात कर रही हैं। आप क्या कहना चाहेंगी। इस पर सुनीता ने कहा कि मेरे जैसी हजारों बहनें आगे आएं और ड्रोन दीदी बनें। मेरे साथ हजारों लोग खड़े होंगे तो मुझे बहुत खुशी होगी और लगेगा कि हम अकेले नहीं हैं। बहुत सारे लोग हमारे साथ में ड्रोन दीदी के नाम से पहचाने जाएंगे। पीएम मोदी ने सुनीता को बधाई देते हुए कहा कि नमो ड्रोन दीदी देश में कृषि को आधुनिक बनाने का बड़ा माध्यम बन रही हैं।

हुनर व प्रतिभा दिखाने में सोशल मीडिया ने लोगों की बहुत मदद की है

मन की बात में पीएम मोदी ने कहा कि दो दिन पहले मैं वाराणसी में था। वहां शानदार फोटो प्रदर्शनी देखी। काशी और आसपास के युवाओं ने कैमरे में जो मूवमेंट कैप्चर किये हैं, वे अद्भुत हैं। इसमें काफी फोटोग्राफ ऐसी हैं, जो मोबाइल के कैमरे से खींची गई थी। वाकई आज जिसके पास मोबाइल है, वह कंटेंट क्रिएटर बन गया है। सोशल मीडिया ने हुनर और प्रतिभा दिखाने में लोगों की बहुत मदद की है। भारत के हमारे युवा साथी कंटेंट क्रिएशन के क्षेत्र में कमाल कर रहें हैं। कोई भी सोशल मीडिया प्लेटफार्म हो, हमारे युवा साथी अलग अलग विषयों पर अलग अलग कंटेंट साझा करते हुए मिल जाएंगे। टूरिज्म हो, पब्लिक पार्टिसिपेशन हो या फिर प्रेरक जीवनयात्रा, इनसे जुड़े तरह-तरह के कंटेंट सोशल मीडिया पर मौजूद हैं। कंटेंट क्रिएट कर रहे देश के युवाओं की आवाज आज बहुत प्रभावी बन चुकी है। उनकी प्रतिभा को सम्मान देने के लिये देश में नेशनल क्रिएटर्स अवार्ड शुरू किए गए हैं। इसके तहत अलग अलग कैटेगरीज में उन चेंजमेकर्स को सम्मानित करने की तैयारी है, जो सामाजिक परिवर्तन की प्रभावी आवाज बनने के लिये टेक्नोलोजी का उपयोग कर रहे हैं। यह कान्टेस्ट MYGOV पर चल रहा है। मैं कंटेंट क्रिएटर्स को इससे जुड़ने के लिए आग्रह करुंगा। आप भी अगर ऐसे इन्टरेस्टिंग कंटेंट क्रिएटर्स को जानते हैं तो उन्हें नेशनल क्रिएटर्स अवार्ड के लिये जरूर नॉमिनेट करें ।

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