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उत्तराखंड

गंगा का जलस्तर न्यूनतम स्तर पर पहुंचा

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हरिद्वार तथा ऋषिकश में गंगा का जलस्तर, न्यूनतम स्तर पर, टिहरी डैम, 3800 क्यूसेक पानी ही छोड़ा

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गंगा का जलस्तर न्यूनतम स्तर पर पहुंचा

हरिद्वार-ऋषिकेश। गंगा का जलस्तर हरिद्वार तथा ऋषिकश में अपने न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया है। बृहस्पतिवार को टिहरी डैम से मात्र 3800 क्यूसेक पानी ही छोड़ा गया है। पिछले वर्ष आज के ही दिन गंगा में टिहरी डैम से पानी की मात्रा 5 हजार क्यूसेक थी। बृहस्पतिवार को गंगा में मात्र 7 हजार क्यूसेक पानी था, जबकि पिछले साल आज के ही दिन गंगा में 18 हजार क्येसक पानी था।

उत्तरी खंड गंगनहर रुड़की के अधिशासी अभियंता सीबी यादव ने बताया कि गंगा में लगभग 7 हजार क्यूसेक पानी है। जिसमें से भीमगोडा बैराज से गंगनहर में 6 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। जबकि नहर की पुरानी जलवहन क्षमता 10500 क्यूसेक है। गंगनहर में 4500 क्यूसेक पानी कम है। उन्होंने बताया कि उनकी जानकारी में हाल के वर्षों में इससे पहले ऐसी स्थिति कभी नहीं आई। हरिद्वार से गंगा में मात्र एक हजार क्यूसेक पानी ही जा रहा है।

गंगा नदी में पानी की कमी से न केवल पीने और सिंचाई के लिए पानी की समस्या खड़ी हुई है बल्कि नदी में पल रहे जीवन को भी खतरा पैदा हो गया है। गंगा के जल स्तर में आई कमी का असर भागीरथी बिंदु भूपतवाला से हरकी पैड़ी को छोड़ी गई अविच्छिन्न धारा में देखा जा सकता है। इस धारा में पानी बहता हुआ नहीं दिखाई दे रहा है। हरकी पैड़ी पर भी पानी ना के बराबर है। उत्तरीखंड गंगनहर के अधिशासी अभियंता सीबी यादव का कहना कि चूंकि इस समय फसल काटी जा रही है और केवल गन्ने के लिए पानी की जरूरत है। इसलिए स्थिति बेकाबू नहीं है। इतना अवश्य हो गया है कि गंगनहर से सिंचाई के लिए जो छोटी नहरें निकली हुई हैं उन सब में पानी की कमी है।

वहीं दूसरी ओर ऋषिकेश स्वर्गाश्रम आने वाले श्रद्धालुओं पर भी गंगा के जलस्तर घटने का असर देखने को मिल रहा है। मुनिकीरेती से पूरे दिन स्वर्गाश्रम के बीच नावों का संचालन ठप हो गया है। केन्द्रीय जल आयोग ने गुरुवार को गंगा के जलस्तर में 31 सेमी गिरावट दर्ज की है। भीषण गर्मी का असर गंगा व उसकी सहायक नदियों पर भी देखने को मिल रहा है। गुरुवार को गंगा के जलस्तर में गिरावट आने से यहा संचालित होने वाली जिला पंचायत की अधिकृत मोटर बोट सेवा बंद करनी पड़ी।

जनपद टिहरी के मुनिकीरेती शत्रुघ्न घाअ से जनपद पौड़ी के स्वर्गाश्रम गीता भवन घाट के बीच प्रतिदिन मोटर बोट का संचालन होता है। इन नावों के जरिये श्रद्धालु दोनों क्षेत्रों में आवागमन करते हैं। गुरुवार को मोटर बोट संचालकों ने अपनी सेवायें बंद कर दीं जिससे शहर में श्रद्धालुओं को रामझूला पुल के जरिये सफर पूरा करना पड़ा। नाव संचालकों का कहना है कि तटों पर पानी और पत्थरों के बीच की दूरी घटने से मोटर बोट के पंखे पत्थरों से टकराने लगे हैं जिससे मोटर बोट सेवा बंद करनी पड़ी। जलस्तर सामान्य होने पर यह सेवा सुचारू कर दी जाएगी।

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उत्तराखंड

10 मई से शुरू हो रही चारधाम यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू, पहले ही दिन हुए 2 लाख से ज्यादा पंजीकरण

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नई दिल्ली। इस बार 10 मई से चारधाम यात्रा शुरू हो रही है। इसके लिए सोमवार से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू हो गई। पहले ही दिन चार धाम के लिए दो लाख से अधिक पंजीकरण हो गए हैं। सबसे अधिक 69 हजार पंजीकरण केदारनाथ धाम के लिए हुए हैं।

रजिस्ट्रेशन की सुविधा मोबाइल ऐप, वॉट्सऐप और टोल फ्री नंबर पर भी है। केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री की यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं के लिए रजिस्ट्रेशन जरूरी होगा। इस बार चारधाम यात्रा शुरू होने से 25 दिन पहले यात्रियों को रजिस्ट्रेशन की सुविधा दी जा रही है, जिससे प्रदेश के बाहर से आने वाले यात्री अपना प्लान बनाकर आसानी से रजिस्ट्रेशन कर सकें।

रजिस्ट्रेशन के लिए नाम, मोबाइल नंबर के साथ यात्रा करने वाले सदस्यों का ब्योरा, निवास स्थान के पते के लिए आईडी देनी होगी। पर्यटन विभाग की वेबसाइट रजिस्ट्रेशन एंड टूरिस्ट केअर डॉट यूके डॉट जीओवी डॉट इन पर लॉगिन कर रजिस्ट्रेशन किया जा सकता है। इसके अलावा वॉट्सऐप नंबर-8394833833 पर यात्रा लिखकर मैसेज करके भी पंजीकरण कर सकते हैं। पर्यटन विभाग ने टोल फ्री नंबर-0135-1364 पर कॉल करके पंजीकरण की सुविधा दी है। स्मार्ट फोन पर टूरिस्टकेअरउत्तराखंड मोबाइल ऐप से भी रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं।

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