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आध्यात्म

वे स्‍वयं स्‍वमनमोहन बन जाते हैं

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kripalu ji maharaj

इसी शक्ति से सब से आश्‍चर्यजनक बात यह होती है, कि जो श्रीकृष्‍ण ब्रह्मा शंकरादि के मनमोहन रहते थे। वे स्‍वयं स्‍वमनमोहन बन जाते हैं। यथा-

स्‍वच्‍छायामभिवीक्ष्‍य मुह्यति हरौ राधास्मितं पातु नः।

अपरिकलित पूर्वः कश्‍ चमत्‍कारकारी स्‍फुरति मम गरीयानेष माधुर्यपूरः।

अयमहमपि हन्‍त प्रेक्ष्‍य यं लुब्‍धचेताः सरभसमुपभोक्‍तुं कामये राधिकेव।।

(ललित माधव 8-32)

आपन माधुर्य हरे आपनार मन

आपने अपना चाहे करिते आलिंगन।  (चै. च.)

अर्थात् अपनी परछांई देख कर स्‍वयं मोहित हो जाते हैं। एवं राधा बन कर अपने सौंदर्य माधुर्य का पान करने हेतु परम व्‍याकुल बन जाते हैं। यह सब राधा(परा) कृपा का फल है।

राधे राधे राधे राधे राधे राधे

आध्यात्म

आज पूरा देश मना रहा रामनवमी, जानिए इसके पीछे की पूरी पौराणिक कहानी

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नई दिल्ली। आज पूरे देश में रामनवमी का त्यौहार बड़ी धूम धाम से मनाया जा रहा है। पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक इस दिन भगवान राम का जन्म हुआ था। जो विष्णु का सातवां अवतार थे। रामनवमी का त्यौहार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को मनाया जाता है। आइये जानते हैं इसके पीछे की पौराणिक कहानी।

पौराणिक कथाओं के मुताबिक भगवान राम ने भी मां दुर्गा की पूजा की थी, जिससे कि उन्हें युद्ध के समय विजय मिली थी। साथ ही माना जाता है इस दिन गोस्वामी तुलसीदास जी ने रामचरित मानस की रचना का आरंभ किया। राम नवमी का व्रत जो भी करता है वह व्यक्ति पापों से मुक्त होता है और साथ ही उसे शुभ फल प्रदान होता है

रामनवमी का इतिहास-

महाकाव्य रामायण के अनुसार अयोध्या के राजा दशरथ की तीन पत्नियां थी। कौशल्या, सुमित्रा और कैकयी। शादी को काफी समय बीत जाने के बाद भी राजा दशरथ के घर किसी बालक की किलकारी नहीं गूंजी थी। इसके उपचार के लिए ऋषि वशिष्ट ने राजा दशरथ से पुत्र प्राप्ति के लिए कमेश्टी यज्ञ कराने के लिए कहा। जिसे सुनकर दशरथ खुश हो गए और उन्होंने महर्षि रुशया शरुंगा से यज्ञ करने की विन्नती की। महर्षि ने दशरथ की विन्नती स्वीकार कर ली। यज्ञ के दौरान महर्षि ने तीनों रानियों को प्रसाद के रूप में खाने के लिए खीर दी। इसके कुछ दिनों बाद ही तीनों रानियां गर्भवती हो गईं।

नौ माह बाद चैत्र मास में राजा दशरथ की बड़ी रानी कौशल्या ने भगवान राम को जन्म दिया, कैकयी ने भरत को और सुमित्रा ने दो जुड़वा बच्चे लक्ष्मण और शत्रुघन को जन्म दिया। भगवान विष्णु ने श्री राम के रूप में धरती पर जन्म इसलिए लिया ताकि वे दुष्ट प्राणियों का नरसंहार कर सके।

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