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क्या सच में महिलाएं वर्तमान समय में अबला हैं?

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उत्‍तर प्रदेश पंचायत चुनाव में महिलाओं की भागीदारी, भारत की ग्रामीण महिलाएं, देश की सर्वोच्‍च सेवा अखिल भारतीय प्रशासनिक सेवा, लगातार लड़कियों का टॉपर लिस्‍ट में आना, लड़कियों के प्रति विभेद की मानसिकता में बदलाव

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रश्मि यादव

हाल में हुए उत्तर प्रदेश पंचायत चुनाव में महिलाओं की भागीदारी हर स्तर पर, चाहे फिर वो प्रत्‍याशी के तौर पर हो या मतदाता के तौर पर, यह दर्शाती है कि अब भारत की ग्रामीण महिलाएं भी घर की चहरदीवारी से बाहर निकल कर समाज में अपनी उपस्थिति दर्ज करा रही हैं। देश की सर्वोच्च सेवा अखिल भारतीय प्रशासनिक सेवा में लगातार लड़कियों का टॉपर लिस्ट में आना इस बात का द्योतक है कि भारतीय समाज में लड़कियों के प्रति विभेद की मानसिकता में बदलाव हो रहा है। अब महिलाएं घर की दहलीज लांघ कर पुरूषों के कंधे से कंधा मिलाकर उन क्षेत्रों में भी सफलता का परचम लहरा रहीं हैं जहॉं अभी तक सिर्फ पुरूषों का ही वर्चस्‍व था।  अरूंधती भट्टाचार्या, अर्चना रामासुंदरम कुछ ऐसे नाम हैं जो इस बात की सच्चाई को स्थापित करते हैं।

पर क्या वाकई में देश की हर बेटी को अपने घर में वो स्वस्थ माहौल मिला है कि वह अपनी क्षमताओं को जान सके? बड़े अफसोस की बात है कि हमें जवाब ‘ना’ ही मिलता है। इस 21वीं सदी में भी महिलाओं को अबला ही समझा जाता है। आज भी पिता, भाई, पति व पुत्र को ही एक औरत का संरक्षक माना जाता है। आज भी महिलाओं पर घर के पुरूषों के निर्णय थोपे जाते हैं।  महिलाओं को अबला बनाने के लिए जितनी हमारी पितृसत्तामक सामाजिक व्यवस्था जिम्मेदार है उतनी ही जिम्मेदार है ये लगातार बढ़ती बलात्कार व एसिड अटैक की घटनाऍं। इन घटनाओं ने मॉं बाप को यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि क्‍या उन्हें वाकई अपनी बेटियों को अकेले घर से भेजना चाहिए। आज भी मॉं बाप बेटी की उम्र 22-23 होते ही सोचते हैं कि उनकी शादी कर दें ताकि पति के रूप में उसे एक संरक्षक मिल सके। भारतीय समाज आज भी अपनी पितृसत्तामक सोच से उभर नहीं पाया है।  आज भी इस देश में महिला को अबला, मजबूर माना जाता है।Indian woman in Kolkata with mobile phone

अगर हम सच में महिलाओं के लिए इस्तेमाल होने वाले इस अबला शब्द को खत्‍म करना चाहते हैं तो सर्वप्रथम हमें अपने देश की कानून-व्‍यवस्था को दुरूस्त करना होगा, ताकि महिलाएं घरों से बाहर खुद को सुरक्षित महसूस कर सकें और बिना संरक्षण के अपना जीवन व्यतीत कर सकें। दूसरा जब तक इस देश का हर अभिभावक अपने बच्चों में फर्क करना बंद नहीं करेगा, जब तक हर भाई अपनी बहन को और हर पति अपनी पत्नी को बराबरी का दर्जा नहीं देगा तब तक इस कलंक को मिटाना असंभव है।  हमें यह स्वीकार करना होगा कि लड़का-लड़की दोनों ही इन्सान हैं और दोनों में ही कुछ ना कुछ प्रा‍कृतिक कमजोरियां हैं जिनका फायदा दूसरे पक्ष को नहीं उठाना चाहिए।  तीसरी व सबसे जरूरी बात ये कि खुद लड़कियों को स्‍वयं को अबला मानने की सोच को त्यागना होगा। खुद पर तरस खाने की बजाए उन्‍हें अपनी क्षमताओं को समझना होगा। जैसा कि हम सब जानते हैं कि रात के बाद सुबह जरूर होती है, ऐसी ही महिलाओं के जीवन में भी बदलाव की सुबह की पहली किरण दिखाई देने लगी है। आज की लड़कियों के बढ़ता आत्मविश्वास व कठिन से कठिन चुनौतियों को स्‍वीकार करने का जज्बा इस बात को दर्शाता है कि बदलाव हो रहा है। वह दिन दूर नहीं जब भारत भूमि की हर बेटी ‘अबला’ नहीं ‘सबला’ होगी।

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नेशनल

लोकसभा चुनाव: पहले चरण के लिए मतदान जारी, 21 राज्यों की 102 सीटों पर डाले जा रहे वोट

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नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के पहले चरण के लिए आज मतदान हो रहा है। वोटिंग सुबह 7 बजे से शुरू हो गई। वहीं मतदाता शाम 6 बजे तक अपने मत का प्रयोग कर सकेंगे। हालांकि पूर्वोत्तर के राज्यों में मतदान समाप्त होने का समय अलग है। पहले चरण में 21 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की कुल 102 सीटों के लिए वोट डाले जा रहे हैं। इनमें उत्तर प्रदेश की कुल 8 सीटों पर मतदान हो रहा है जबकि राजस्थान की 12 लोकसभा सीटों के लिए आज वोट डाले जा रहे हैं।

उधर मध्य प्रदेश की 6 और बिहार की 4 सीटों के लिए आज वोट डाले जा रहे हैं। पश्चिम बंगाल की 3, असम और महाराष्ट्र की 5-5 सीटों के लिए भी आज वोट डाले जा रहे हैं. जबकि मणिपुर की 2 और त्रिपुरा, छत्तीसगढ़ और जम्मू कश्मीर की एक-एक सीट के लिए आज मतदान हो रहा है.|उधर तमिलनाडु की सभी 39 सीटों पर आज ही मतदान संपन्न हो जाएगा|इसके साथ ही मेघालय की 2, उत्तराखंड 5, अरुणाचल प्रदेश 2, अंडमान निकोबार द्वीप समूह, मिजोरम, नागालैंड, पुडुचेरी, सिक्किम, और लक्षद्वीप की एक-एक सीट के लिए भी आज मतदान हो रहा है.|

चुनाव आयोग और स्थानीय प्रशासन ने पहले चरण के मतदान के लिए संसाधन और सुरक्षा समेत सभी जरूरी इंतजाम किए हैं। वोटिंग सुबह सात बजे से शुरू होगी। स्थानीय पुलिस, चुनाव आयोग के अधिकारियों के अलावा मतदान और ईवीएम की सुरक्षा में आरएएफ, सीआरपीएफ व अन्य अर्धसैनिक बलों की तैनाती की गई है।

कई दिग्गज मैदान में

पहले दौर में कई दिग्गज उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। कुछ प्रमुख उम्मीवारों की बात करें तो पहले चरण में महाराष्ट्र की नागपुर लोकसभा सीट से केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, अरुणाचल पश्चिम से किरेन रिजिजू , बिहार में जमुई सीट से लोजपा के अरुण भारती, तमिलनाडु के शिवगंगा से कार्ति पी चिदंबरम और मध्यप्रदेश की छिंदवाड़ा लोकसभा सीट से नकुलनाथ चुनाव मैदान में उतरे हुए हैं।

गौरतलब है कि मतदान से 48 घंटे पहले चुनाव प्रचार थम गया था। इस बार 18वीं लोकसभा के गठन के लिए कुल 543 सीटों के लिए सात चरण में 19 अप्रैल से 1 जून तक मतदान होना है। 4 जून को मतगणना होगी। बता दें मौजूदा लोकसभा का कार्यकाल 16 जून को खत्म हो रहा है। चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार इस बार लोकसभा में कुल 97 करोड़ मतदाता हैं। लोकसभा चुनाव में कुल 10.5 लाख पोलिंग स्टेशन बनाए गए हैं।

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