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ऑनलाइन स्मार्टफोन सेल में भारत सबसे आगे, चीन को पछाड़ा

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नई दिल्ली। साल 2020 में भारत ने मोबाइल फोन की कुल बिक्री में करीब 45 प्रतिशत बिक्री ऑनलाइन माध्यम के जरिए की है। काउंटरप्वाइंट रिसर्च की रिपोर्ट के मुताबिक, दुनियाभर में करीब 26 प्रतिशत मोबाइल फोन की बिक्री ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से हुई है। इसका मतलब की हर चार में से एक फोन ऑनलाइन खरीदा गया है।

रिपोर्ट में कहा गया, “उपभोक्ताओं के व्यवहार में इस बदलाव में कोविड-19 की बड़ी भूमिका रही है। प्रमुख देशों में (मोबाइल की) बिक्री की भारत में सबसे ज्यादा 45 फीसदी ऑनलाइन बिक्री हुई, इसके बाद 39 प्रतिशत के साथ ब्रिटेन और 34 प्रतिशत के साथ चीन का स्थान रहा।”

इसी तरह ब्राजील में मोबाइल फोन की कुल बिक्री में ऑनलाइन बिक्री का हिस्सा 31 प्रतिशत, अमेरिका में 24 प्रतिशत, दक्षिण कोरिया में 16 प्रतिशत और नाइजीरिया में आठ प्रतिशत रहा। दुनियाभर में 2020 में आनलाइन मोबाइल फोन बिक्री पिछले साल के मुकाबले 6 प्रतिशत अंक बढ़ गई जबकि बाजार आकार के मुताबिक इसमें 10 प्रतिशत से अधिक की बिक्री हुई।

रिपोर्ट में कहा गया है कि आनलाइन बिक्री में वृद्धि का यह रुख कुछ समय के लिये धीमा पड़ सकता है और इस साल यह पिछले साल के बराबर ही रह सकता है या फिर कुछ कम हो सकता है।

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केंद्र सरकार का बड़ा एक्शन, 70 लाख मोबाइल नंबर हुए सस्पेंड; जानें क्या है कारण 

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70 lakh mobile numbers suspended in INDIA

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नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने एक बड़ा एक्शन लेते हुए 70 लाख मोबाइल नंबर को सस्पेंड कर दिया है। यानी इन मोबाइल नंबर का इस्तेमाल पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। अब आपके जेहन में ही यही सवाल आ रहा होगा कि आखिर सरकार की ओर से यह कदम क्यों उठाया गया है। दरअसल, यह कदम बढ़ते डिजिटल फ्रॉड को देखते हुए उठाया गया है।

इस वजह से हुए मोबाइल नंबर सस्पेंड

सस्पेंड किए गए ये वे मोबाइल नंबर थे जो किसी तरह के संदिग्ध लेन-देन से जुड़े थे। दरअसल, इस मामले को लेकर वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने मंगलवार को जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इंटरनेट के समय में डिजिटल पेमेंट को लेकर हो रही धोखाधड़ी को देखते हुए ऐसा किया गया है। बता दें, वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने यह जानकारी डिजिटल पेमेंट को लेकर धोखाधड़ी और इससे जुड़े मुद्दों पर बैठक के बाद दी है।

जनवरी में होगी अगली बैठक

जोशी ने कहा है कि डिजिटल फ्रॉड के बढ़ते मामलों को देखते हुए बैंकों को भी निर्देश दिए गए हैं। बैंकों को उनकी प्रक्रियाओं और प्रणालियों को पहले से मजबूत बनाने को कहा गया है। उन्होंने बैठक को लेकर जानकारी देते हुए कहा है कि इस मुद्दे पर आगे भी बैठकें होती रहेंगी। इसी के साथ मामले पर अगली बैठक अगले साल जनवरी में रखी गई है।

वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने आधार सक्षम भुगतान प्रणाली (AEPS) धोखाधड़ी को लेकर कहा है कि राज्यों को इस मुद्दे पर ध्यान देने की जरूरत है। इसी के साथ राज्य सरकारों को डेटा सुरक्षा को भी मजबूत बनाने पर गौर देना चाहिए।

फ्रॉड के मामले कैसे होंगे कम

विवेक जोशी ने कहा है कि डिजिटल धोखाधड़ी को लेकर जागरुकता बेहद जरूरी है। इस तरह की धोखाधड़ी पर लगाम लगाने के लिए जरूरी है कि समाज को इन मामलों से अवगत करवाया जाए और जागरुक किया जाए। मालूम हो कि हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी साइबर धोखाधड़ी को लेकर समाज को जागरुक करने की बात पर जोर दिया था।

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