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बिजनेस

जीएसटी समृद्ध डेटाबेस मुहैया कराएगा : मुख्य सांख्यिकीविद

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कोलकाता, 30 जून (आईएएनएस)| देश के मुख्य सांख्यिकीविद टी.सी.ए. अनंत ने शुक्रवार को कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) व्यवस्था राज्यों और केंद्र सरकार के कर डेटाबेस के मुकाबले अधिक समृद्ध डेटाबेस मुहैया कराएगा।

अनंत ने भारत चैंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा आयोजित एक चर्चा सत्र में कहा, जीएसटी केंद्र और राज्यों के कर डेटाबेस के मुकाबले अधिक समृद्ध डेटाबेस है, क्योंकि सीधी-सी बात है कि यह दोनों को एक में मिलाता है।

अनंत के अनुसार, डिजाइन के बतौर जीएसटी न सिर्फ उद्यमों की कर जवाबदेही की बात करता है, बल्कि इस बारे में भी कि वे एक-दूसरे को कैसे जोड़ सकते हैं और जीएसटी के डेटाबेस में स्वाभाविक रूप से लेनदेन के प्रारूप शामिल हैं।

अनंत ने कहा, हमें सावधानीपूर्वक इसका परीक्षण करना होगा। यह कहना अभी जल्दबाजी होगी कि यह कौन-सा रूप लेगा। यदि हमारे पास लेन-देन के प्रारूप वाला कोई डेटाबेस है, तो इसका मतलब जीडीपी की माप पर इसका निहितार्थ बहुत बड़ा है।

अनंत ने डेटाबेस के दृष्टिकोण से जीएसटी के क्रियान्वयन को एक उत्साहजनक घटनाक्रम बताया और कहा कि भारत के राष्ट्रीय खाते की जटिलता के लिए जीएसटी का निहतार्थ आगे चलकर बहुत बड़ा होगा।

उन्होंने कहा कि कारोबारों को नई अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था के क्रियान्वयन के कम से कम प्रथम वर्ष के लिए एक बार लेन-देन की लागत वहन करनी होगी।

जीएसटी की जटिलता से जुड़े एक सवाल के जवाब में उन्होंने पूछा, हमारे पास अभी जो व्यवस्था है, क्या यह उससे अधिक जटिल है? हो सकता है यह वैसा न हो, जैसा लोग चाहते हों। लेकिन नीति वहीं होती है, जो व्यावहारिक रूप से संभव हो।

उन्होंने कहा कि जीएसटी मौजूदा अप्रत्यक्ष कर संरचना से अच्छा है और आगे चलकर यह अधिक आसान भी होगा।

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बिजनेस

मुंबई बना एशिया के अरबपतियों की राजधानी, बीजिंग को पीछे छोड़ा

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मुंबई। मुंबई में अरबपतियों की संख्या बीजिंग से अधिक हो गई है। हुरुन रिसर्च की 2024 ग्लोबल रिच लिस्ट के अनुसार, मुंबई में 92 अरबपति हैं, जबकि बीजिंग में 91 अरबपति हैं। हालांकि चीन में भारत के 271 की तुलना में कुल मिलाकर 814 अरबपति हैं। ग्लोबल लेवल पर, मुंबई अब न्यूयॉर्क के बाद अरबपतियों के मामले में तीसरे स्थान पर पहुंच गया है, न्यूयार्क में अरबपतियों की संख्या 119 है। लिस्ट के मुताबिक, सात साल बाद लंदन 97 के साथ दूसरे स्थान पर है।

रिपोर्ट में कहा गया है, “मुंबई दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ते अरबपतियों की राजधानी है, इस साल इसमें 26 अरबपति शामिल हुए और यह दुनिया में तीसरा व एशिया में अरबपतियों की राजधानी बन गया है। नई दिल्ली पहली बार शीर्ष 10 में शामिल हुई।” भारत की आर्थिक शक्ति उसकी अरबपति आबादी में उल्लेखनीय वृद्धि से और भी अधिक रेखांकित हुई। देश में आश्चर्यजनक रूप से 94 नए अरबपति जुड़े, जो संयुक्त राज्य अमेरिका को छोड़कर किसी भी देश में सबसे अधिक है। कुल मिलाकर यहां 271 अरबपति हो गए। यह उछाल 2013 के बाद से सबसे ज्‍यादा है और भारतीय अर्थव्यवस्था में बढ़ते आत्मविश्‍वास का प्रमाण है।

2024 हुरुन ग्लोबल रिच लिस्ट रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय अरबपतियों की संचयी संपत्ति चीन की प्रति अरबपति औसत संपत्ति (3.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर बनाम 3.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर) को पार करते हुए 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गई।

रिपोर्ट में बताया गया है कि उद्योग के लिहाज से फार्मास्युटिकल क्षेत्र 39 अरबपतियों के साथ सबसे आगे है, इसके बाद ऑटोमोबाइल और ऑटो कंपोनेंट उद्योग (27) और रसायन क्षेत्र (24) का स्थान है। सामूहिक रूप से भारतीय अरबपतियों की संपत्ति 1 खरब डॉलर के बराबर है, जो वैश्विक अरबपतियों की संपत्ति का 7 फीसदी है, जो देश के पर्याप्त आर्थिक प्रभाव को दर्शाता है।

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