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बिजनेस

व्यापार की आसानी में झारखंड 13वें स्थान पर फिसला

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रांची, 8 दिसम्बर (आईएएनएस)| ईज ऑफ डूइंग बिजनेस यानी व्यापार करने की आसानी की रैकिग में झारखंड 7वें स्थान से फिसल कर 13वें स्थान पर पहुंच गया है।

सरकारी आंकड़ों से शुक्रवार को यह जानकारी मिली। केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग के मुताबिक, इस रैंकिंग में हरियाणा 69 फीसदी स्कोर के साथ शीर्ष पर है। इसके बाद तेलंगाना (68.46 फीसदी) और गुजरात (67.74 फीसदी) हैं।

साल 2015 में झारखंड इस सूची में तीसरे स्थान पर था और इस साल यह 57.68 फीसदी स्कोर के साथ 13वें स्थान पर है।

बिहार एकल खिड़की प्रणाली में सुधार के मामले में शीर्ष पर है, जबकि झारखंड इस मामले में शीर्ष पांच में भी नहीं है। श्रम कानून के मामले में भी झारखंड शीर्ष पांच राज्यों में शामिल नहीं है, जबकि हरियाणा इसमें शीर्ष पर है।

झारखंड सरकार की रैकिंग में गिरावट के बाद विपक्षी दलों ने सरकार की आलोचना की है। झारखंड कांग्रेस के महासचिव किशोर सहदेव ने आईएएनएस को बताया, झारखंड की छवि (विकास पर ध्यान देने के मामले में) नकली तरीके से बनाई गई थी, धीरे-धीरे इसकी कलई खुल रही है।

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बिजनेस

मुंबई बना एशिया के अरबपतियों की राजधानी, बीजिंग को पीछे छोड़ा

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मुंबई। मुंबई में अरबपतियों की संख्या बीजिंग से अधिक हो गई है। हुरुन रिसर्च की 2024 ग्लोबल रिच लिस्ट के अनुसार, मुंबई में 92 अरबपति हैं, जबकि बीजिंग में 91 अरबपति हैं। हालांकि चीन में भारत के 271 की तुलना में कुल मिलाकर 814 अरबपति हैं। ग्लोबल लेवल पर, मुंबई अब न्यूयॉर्क के बाद अरबपतियों के मामले में तीसरे स्थान पर पहुंच गया है, न्यूयार्क में अरबपतियों की संख्या 119 है। लिस्ट के मुताबिक, सात साल बाद लंदन 97 के साथ दूसरे स्थान पर है।

रिपोर्ट में कहा गया है, “मुंबई दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ते अरबपतियों की राजधानी है, इस साल इसमें 26 अरबपति शामिल हुए और यह दुनिया में तीसरा व एशिया में अरबपतियों की राजधानी बन गया है। नई दिल्ली पहली बार शीर्ष 10 में शामिल हुई।” भारत की आर्थिक शक्ति उसकी अरबपति आबादी में उल्लेखनीय वृद्धि से और भी अधिक रेखांकित हुई। देश में आश्चर्यजनक रूप से 94 नए अरबपति जुड़े, जो संयुक्त राज्य अमेरिका को छोड़कर किसी भी देश में सबसे अधिक है। कुल मिलाकर यहां 271 अरबपति हो गए। यह उछाल 2013 के बाद से सबसे ज्‍यादा है और भारतीय अर्थव्यवस्था में बढ़ते आत्मविश्‍वास का प्रमाण है।

2024 हुरुन ग्लोबल रिच लिस्ट रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय अरबपतियों की संचयी संपत्ति चीन की प्रति अरबपति औसत संपत्ति (3.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर बनाम 3.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर) को पार करते हुए 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गई।

रिपोर्ट में बताया गया है कि उद्योग के लिहाज से फार्मास्युटिकल क्षेत्र 39 अरबपतियों के साथ सबसे आगे है, इसके बाद ऑटोमोबाइल और ऑटो कंपोनेंट उद्योग (27) और रसायन क्षेत्र (24) का स्थान है। सामूहिक रूप से भारतीय अरबपतियों की संपत्ति 1 खरब डॉलर के बराबर है, जो वैश्विक अरबपतियों की संपत्ति का 7 फीसदी है, जो देश के पर्याप्त आर्थिक प्रभाव को दर्शाता है।

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