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IND VS SL: धवन का शतक, भारत का सीरीज पर 2-1 से कब्जा

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विशाखापट्टनम| गेंदबाजों के बाद सलामी बल्लेबाज शिखर धवन (नाबाद 100) और श्रेयस अय्यर (65) की बेहतरीन पारियों के दम पर भारत ने रविवार को श्रीलंका को निर्णायक मुकाबले में आठ विकेट से हरा दिया। इसी के साथ मेजबान टीम ने तीन वनडे मैचों की सीरीज 2-1 से अपने नाम कर ली है। इसके साथ भारत ने लगातरा आठवीं वनडे सीरीज अपने नाम की है।

भारत ने मैन आफ द मैच कुलदीप यादव और युजवेंद्र चहल के तीन-तीन विकेटों के दम पर श्रीलंका को 44.5 ओवरों में 215 रनों पर ही ढेर कर दिया था। इस आसान से लक्ष्य को भारत ने 32.1 ओवरों में दो विकेट खोकर हासिल कर लिया।

मैन ऑफ द सीरीज चुने गए धवन ने 85 गेंदों में 13 चौके और दो छक्कों की मदद से नाबाद शतकीय पारी खेली। इसी के साथ उन्होंने वनडे में चार हजार रन भी पूरे कर लिए हैं। धवन ने अपने 4000 रन 95 पारियों में पूरे किए हैं जबकि विराट कोहली ने 93 पारियों में यह आंकड़ा छुआ था।

वहीं युवा बल्लेबाज अय्यर ने अपने तीसरे वनडे में लगातार दूसरा अर्धशतक जड़ अपनी टीम की जीत में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने 63 गेंदों की पारी में आठ चौके और एक छक्का लगाया।

दोनों के बीच दूसरे विकेट के लिए 125 रनों की साझेदारी हुई। यह साझेदारी तब आई जब भारत ने अपना पहला विकेट 14 के कुल स्कोर पर रोहित शर्मा (7) के रूप में खो दिया था। इसके बाद धवन और अय्यर ने टीम को जीत के काफी करीब पहुंचाया।

अय्यर को थिसारा परेरा ने सुरंगा लकमल के हाथों कैच करा आउट किया। इसके बाद दिनेश कार्तिक (नाबाद 26) ने धवन का साथ दिया और टीम को जीत दिला ले गए।

इससे पहले, टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी श्रीलंका उपुल थरंगा (95) और सादिरा समाराविक्रमा (42) के बीच हुई दूसरे विकेट के लिए 121 रनों की साझेदारी का फायदा नहीं उठा पाई और एक समय बड़े स्कोर की ओर जाती दिख रही मेहमान टीम कम स्कोर पर ही थम गई।

भारतीय गेंदबाजों ने थरंगा और समाराविक्रमा की साझेदारी को तोड़ते हुए मैच में वापसी की और श्रीलंका को 44.5 ओवरों में 215 रनों पर ढेर कर दिया।

भारत के लिए युजवेंद्र चहल और कुलदीप यादव के अलावा हार्दिक पांड्या ने दो विकेट लिए। भुवनेश्वर कुमार और जसप्रीत बुमराह को एक-एक विकेट मिला।

15 रनों के कुल स्कोर पर बुमराह ने जब दानुष्का गुणाथिलका (13) को पवेलियन भेजा तो लगा की भारतीय गेंदबाज दूसरे मैच की तरह ही श्रीलंकाई विकटों की झड़ी लगा देंगे, लेकिन थरंगा ने अपने अनुभव का बखूबी इस्तेमाल किया और समाराविक्रमा के साथ पारी को संभाला।

थरंगा ने हार्दिक पांड्या द्वारा फेंके गए पारी के नौवें ओवर में लगातार पांच चौके जड़े। इसके बाद उन्होंने अपना अर्धशतक पूरा किया, लेकिन वह अपने शतक से पांच रनों से चूक गए। 82 गेंदों पर 12 चौके और तीन छक्के मारने वाले थरंगा कुलदीप की गेंद पर महेंद्र सिंह धौनी द्वारा स्टम्प कर दिए गए।

थरंगा ने इस साल वनडे में अपने 1000 रन पूरे कर लिए हैं। वह इस साल ऐसा करने वाले तीसरे बल्लेबाज बन गए हैं। उनसे पहले विराट कोहली और रोहित शर्मा ने ऐसा किया है।

थरंगा 160 के कुल स्कोर पर आउट हुए। उनसे पहले चहल ने समाराविक्रमा को अर्धशतक पूरा नहीं करने दिया और 136 के कुल स्कोर पर शिखर धवन के हाथों कैच कराया। इन दोनों बल्लेबाजों के जाने के बाद श्रीलंकाई पारी संभल नहीं पाई और लगातार विकेट खोती रही।

श्रीलंका ने अपने सात विकेट महज 55 रनों में ही खो दिए।

दूसरे मैच में शतक लगाने वाले एंजेलो मैथ्यूज (17) को चहल ने बोल्ड किया। निरोशन डिकवेला (8) को कुलदीप ने श्रेयस अय्यर के हाथों कैच कराया। कप्तान थिसारा परेरा (6) को चहल ने पगबाधा आउट कराया।

सचिथा पाथिराना (7) को पांड्या ने 208 रनों के कुल स्कोर पर आउट किया। दो रन बाद अकिला धनंजय (1) को कुलदीप ने बोल्ड किया।

पांड्या ने सुरंगा लकमल और भुवनेश्वर ने असेला गुणारत्ने (17) को आउट कर श्रीलंकाई पारी का अंत किया।

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नेशनल

दूसरे चरण में धार्मिक ध्रुवीकरण के समीकरण का चक्रव्यूह भेद पाएंगे मोदी!

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सच्चिदा नन्द द्विवेदी एडिटर-इन-चीफ

लखनऊ। राजस्थान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व पीएम डॉ. मनमोहन सिंह के बयान का जिक्र करते हुए कहा कि अगर कांग्रेस केंद्र में सत्ता में आती है, तो वह लोगों की संपत्ति लेकर मुसलमानों को बांट देगी. इसके बाद ही विकास की रफ्तार पर चलने वाला चुनाव दूसरे चरण के पहले हिन्दू मुस्लिम के बीच बंट गया है। दरअसल मोदी का ये बयान यूं ही नहीं आया है, दूसरे चरण में जहां जहां मतदान होना है वहाँ की बहुतायत सीटों पर मुस्लिम मतदाता निर्णायक स्थिति में है… इसमें राहुल गांधी की वायनाड सीट भी है जहां मुस्लिम वोटर करीब 50 फीसदी है।

26 अप्रैल को लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण का मतदान होना है। पहले चरण का मतदान 19 अप्रैल को हो चुका है जिसमें कम मतदान प्रतिशत ने सत्तारूढ़ बीजेपी के केन्द्रीय नेतृत्व को चिंता में डाल दिया है। दूसरे चरण में 88 लोकसभा सीटों पर वोटिंग हैं। केरल की सभी 20 लोकसभा सीटों पर इसी चरण में मतदान हो जाएगा। कर्नाटक की 14 और राजस्थान की 13 लोकसभा सीटों पर भी मतदान होगा।

इसके पहले कि मोदी के बयान के गूढ़ार्थ को समझा जाए एक बार दूसरे चरण की सीटों का गणित समझना जरूरी हो जाता है। इसमें सबसे ज्यादा जरूरी है केरल राज्य जहां पर चल रहे लव जिहाद के किस्से और धार्मिक ध्रुवीकरण के समीकरण का चक्रव्यूह आज तक बीजेपी नहीं भेद पाई है। केरल में हिन्दू आबादी करीब 54 फीसदी है तो मुस्लिम आबादी करीब 26 फीसदी तो ईसाई वहां 18 फीसदी हैं। जबकि सिख बौद्ध और जैन महज 1 फीसदी हैं। यही वो धार्मिक समीकरण का तिलिस्म हैं जिसे बीजेपी इस बार तोड़ने का प्रयास कर रही हैं।

इतना ही नहीं केरल में करीब 15 लोकसभा सीट ऐसी हैं मुस्लिम बहुतायत में हैं। वहीं वायनाड में तो मुस्लिम आबादी करीब 50 फीसदी है जहां से राहुल गांधी पिछले बार जीत कर सांसद चुने गए थे और इस बार भी वायनाड़ के रास्ते दिल्ली पहुंचना चाहते हैं। राज्यवार नजर डालें तो पिक्चर काफी हद तक साफ हो जाती है। आखिर शब्दों पर संयम रखने वाले मोदी ने चुनावी फिजा बदलने वाला ये बयान क्यों दिया? इसके लिए इन सीटों पर नजर डालिए।

इन सीटों पर दूसरे चरण में मतदान

असम: दर्रांग-उदालगुरी, डिफू, करीमगंज, सिलचर और नौगांव।
बिहार: किशनगंज, कटिहार, पूर्णिया, भागलपुर और बांका।
छत्तीसगढ़: राजनांदगांव, महासमुंद और कांकेर।
जम्मू-कश्मीर: जम्मू लोकसभा ।
कर्नाटक: उडुपी-चिकमगलूर, हासन, दक्षिण कन्नड़, चित्रदुर्ग, तुमकुर, मांड्या, मैसूर, चामराजनगर, बेंगलुरु ग्रामीण, बेंगलुरु उत्तर, बेंगलुरु केंद्रीय, बेंगलुरु दक्षिण,चिकबल्लापुर और कोलार।
केरल: कासरगोड, कन्नूर, वडकरा, वायनाड, कोझिकोड, मलप्पुरम, पोन्नानी, पलक्कड़, अलाथुर, त्रिशूर, चलाकुडी, एर्णाकुलम, इडुक्की, कोट्टायम, अलाप्पुझा, मवेलिक्कारा, पथानमथिट्टा, कोल्लम, अट्टिंगल और तिरुअनंतपुरम।
मध्य प्रदेश: टीकमगढ़, दमोह, खजुराहो, सतना, रीवा और होशंगाबाद।
महाराष्ट्र: बुलढाणा, अकोला, अमरावती, वर्धा, यवतमाल- वाशिम, हिंगोली, नांदेड़ और परभणी।
राजस्थान: टोंक-सवाई माधोपुर, अजमेर, पाली, जोधपुर, बाड़मेर, जालोर, उदयपुर, बांसवाड़ा, चित्तौड़गढ़, राजसमंद, भीलवाड़ा, कोटा और झालावाड़-बारा।
त्रिपुरा: त्रिपुरा पूर्व।
उत्तर प्रदेश: अमरोहा, मेरठ, बागपत, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर, बुलंदशहर, अलीगढ़ और मथुरा।
पश्चिम बंगाल: दार्जिलिंग, रायगंज और बालूरघाट।

दरअसल देश की 543 लोकसभा सीटों में से 65 सीटें ऐसी हैं जहां मुस्लिम वोटर जीत और हार में बड़ी भूमिका निभाते हैं। ये वो सीटें हैं जहां मुस्लिम वोटरों की संख्या 30 फीसदी से लेकर 80 फीसदी तक है। वहीं, करीब 35-40 लोकसभा सीटें ऐसी हैं जहां इनकी मुस्लिम समुदाय के वोटरों की अच्छी खासी संख्या है। यानि करीब 100 लोकसभा सीट ऐसी हैं जहां अगर वोटों का ध्रुवीकरण हो गया तो भाजपा के लिए उसके लक्ष्य 400 के आंकड़े को हासिल करना आसान हो जाएगा। ऐसे में एक बार फिर ये साफ हो गया विपक्षी कितनी भी कोशिश कर लें वो चुनाव बीजेपी की पिच पर ही लड़ने को मजबूर हैं।

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