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नेशनल

हिमाचल चुनाव : धूमल सुजानपुर से लड़ेंगे, मुख्यमंत्री पर भाजपा ने चुप्पी साधी

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नई दिल्ली/शिमला, 18 अक्टूबर (आईएएनएस)| भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए बुधवार को जारी सूची के अनुसार प्रदेश के दो बार मुख्यमंत्री रह चुके प्रेम कुमार धूमल सुजानपुर से चुनाव लड़ेंगे और भाजपा के राज्य प्रमुख सतपाल सिंह सत्ती ऊना से दोबारा चुनाव लड़ेंगे। भाजपा ने अपने 68 उम्मीदवारों की सूची जारी की है लेकिन मुख्यमंत्री पद के लिए अबतक अपना पत्ता नहीं खोला है।

माना जा रहा है कि भाजपा की तरफ से मुख्यमंत्री पद के लिए मुख्य मुकाबला धूमल और केंद्रीय मंत्री जे.पी. नड्डा के बीच हो सकता है।

सत्तारूढ़ कांग्रेस को अभी अपनी सूची जारी करनी है। इस बारे में केवल यह जानकारी है कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी छह बार के मुख्यमंत्री 83 वर्षीय वीरभद्र सिंह को ही पार्टी की कमान सौपेंगे और मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाएंगे।

धूमल अपनी वर्तमान सीट हमीरपुर से चुनाव नहीं लड़ेंगे। उनके बदले इस सीट से विधायक नरेंद्र ठाकुर चुनाव लड़ेंगे।

भाजपा की ओर से जारी सूची में कई पूर्व मंत्रियों को शामिल किया गया है जिसमें नहान से राजीव बिंदल और जुब्बाल-कोटखाई से नरिंद्र बरागटा शामिल हैं।

बरागटा को पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के युवा नेता रोहित ठाकुर से करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा था।

कैबिनेट मंत्री रह चुके अनिल शर्मा ने तीन दिन पहले ही कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थामा था। वह मंडी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे।

शर्मा अपने पिता और पूर्व टेलीकॉम मंत्री सुखराम के साथ भाजपा में शामिल हुए हैं।

शर्मा ने कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद कहा, मैं पार्टी द्वारा जान बूझकर दरकिनार किए जाने से कांग्रेस और सरकार से इस्तीफा दे रहा हूं। मैं और पंडित सुखराम जी को मंडी रैली के दौरान पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने उपेक्षित किया।

भाजपा ने यह सूची चुनाव के लिए नामांकन की प्रक्रिया शुरू होने के दो दिन बाद जारी की है। नामांकन की अंतिम तिथि 23 अक्टूबर है।

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उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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