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गांधी की हत्या से सबसे ज्यादा कांग्रेस को फायदा : उमा भारती

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बनासकांठा, 12 अक्टूबर (आईएएनएस)| केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने गुरुवार को कहा कि महत्मा गांधी की हत्या से सबसे ज्यादा फायदा कांग्रेस को हुआ और सबसे ज्यादा नुकसान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को हुआ।

महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे के आरएसएस से संबंध की बात का सीधा जवाब न देते हुए उमा ने यहां कहा, मैं आज देश के लोगों और मीडिया से पूछना चाहती हूं कि गांधीजी की हत्या से सबसे ज्यादा लाभ किसे हुआ?

उन्होंने कहा, हम जेल गए। हमें प्रतिबंधित किया गया और हम आज तक उसके लिए पीड़ा झेल रहे हैं। देश को इसके लिए पीड़ा झेलनी पड़ी और संघ व जनसंघ को भी इसके लिए काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा।

उमा ने कहा कि महात्मा गांधी की हत्या से सबसे ज्यादा फायदा तो कांग्रेस को हुआ।

उन्होंने कहा, गांधीजी ने घोषणा की थी कि आजादी के बाद कांग्रेस का विघटन कर दिया जाएगा और नई राजनीतिक इकाई का गठन किया जाएगा।

पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री ने यह टिप्पणी ऐसे वक्त की है, जब कुछ दिन पहले ही सर्वोच्च न्यायालय ने वरिष्ठ वकील अमरेंद्र शरण को 1948 में हुई महात्मा गांधी की हत्या की जांच दोबारा जांच करवाने की गुंजाइश का पता लगाने के लिए न्यायमित्र नियुक्त किया है।

नाथूराम गोडसे ने दिल्ली में बिड़ला भवन के पास झाड़ियों से निकलकर 30 जनवरी, 1948 को महात्मा गांधी के सीने पर ताबड़तोड़ तीन गोलियां दाग दी थीं। गांधी के मुंह से सिर्फ दो शब्द निकले थे- हे राम!

गांधी की हत्या से कुछ समय पहले गोडसे आरएसएस छोड़कर हिंदू महासभा का सदस्य बन गया था।

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नेशनल

वाइस एडमिरल दिनेश त्रिपाठी होंगे नए नौसेना चीफ, 30 अप्रैल को संभालेंगे पदभार

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नई दिल्ली। वाइस एडमिरल दिनेश त्रिपाठी नए नौसेना प्रमुख होंगे। दिनेश त्रिपाठी 30 अप्रैल को अपना नया पदभार संभालेंगे और इसी दिन मौजूदा नेवी चीफ आर हरि कुमार सेवानिवृत होंगे।दिनेश त्रिपाठी अभी नौसेना स्टाफ के वाइस चीफ हैं। वे इससे पहले पश्चिमी नौसेना कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ रह चुके हैं। अपने 39 साल लंबे करियर में उन्होंने भारतीय नौसेना के कई अहम असाइनमेंट्स पर काम किया है।

वाइस एडमिरल त्रिपाठी का 15 मई 1964 को जन्म हुआ था और एक जुलाई 1985 में वह भारतीय नौसेना में शामिल हुए थे। संचार और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध विशेषज्ञ वाइस एडमिरल त्रिपाठी का करीब 30 वर्ष का लंबा और विशिष्ट करियर रहा है। नौसेना के उप प्रमुख का पद संभालने से पहले वह पश्चिमी नौसैन्य कमान के फ्लैट ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ रह चुके हैं।

उन्होंने आईएनएस विनाश की भी कमान संभाली थी। रियर एडमिरल के तौर पर वह ईस्टर्न फ्लीट के फ्लैट ऑफिसर कमांडिंग रह चुके हैं। वह भारतीय नौसेना अकादमी, एझिमाला के कमांडेंट भी रह चुके हैं। सैनिक स्कूल और राष्ट्रीय रक्षा अकादमी खडकवासला के पूर्व छात्र वाइस एडमिरल त्रिपाठी ने गोवा के नेवल वॉर कॉलेज और अमेरिका के नेवल वॉर कॉलेज में भी कोर्स किया है। उन्हें अति विशिष्ट सेवा मेडल (एवीएसएम) और नौसेना मेडल से भी सम्मानित किया जा चुका है।

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