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आईओटी बाजार 2020 तक होगा 1,290 अरब डॉलर का : रिपोर्ट

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नई दिल्ली, 12 अक्टूबर (आईएएनएस)| डिजिटल अर्थव्यवस्था के उद्भव के साथ ही वैश्विक इंटरनेट (आईओटी) बाजार का खर्च 2020 तक बढ़कर 1,290 अरब डॉलर हो जाएगा, जो साल 2015 में 625.2 अरब डॉलर था। एक रिपोर्ट में गुरुवार को यह जानकारी दी गई।

इंटरनेशनल डाटा कॉरपोरेशन (आईडीसी) ने अमेरिका की आईओटी सेवा प्रदाता एइरिस के साथ मिलकर यह रिपोर्ट तैयार की है। इस रिपोर्ट के आंकड़ों के मुताबिक आईओटी एंडप्वाइंट का इंस्टालेशन आधार साल 2015 के अंत तक 12.1 अरब था, जो साल 2020 तक बढ़कर 30 अरब हो जाएगा, जबकि वृद्धि दर की सालाना रफ्तार (सीएजीआर) 15.6 फीसदी होगी।

आईडीसी इंडिया के सह-निदेशक (उभरती प्रौद्योगिकी) अर्जुन विश्वनाथन ने एक बयान में कहा, आईटी और व्यापार नेतृत्व अपने कारोबार का रूपांतरण कर रहे हैं और अपने डिजिटल पदचिन्हों का विस्तार कर रहे हैं। उद्योग में यह व्यापक सहमति है कि आईओटी बेहतर दक्षता, उत्पादकता और ग्राहक अनुभव में प्रमुख भूमिका निभा रही है।

इस रिपोर्ट में कहा गया है कि आईओटी ग्राहकों के अनुभव को बेहतर बनाने के साथ-साथ मूल्य वर्धन भी करता है, इसलिए इस तकनीक को तेजी से अपनाया जा रहा है।

एइरिस के अध्यक्ष डॉ. रिषि भटनागर ने कहा, जब आप ग्राहक की लाइफटाइम वैल्यू बढ़ाने के बारे में बात करते हैं या फिर बेहतर ग्राहक अनुभव के लिए व्यवसाय में बदलाव लाना चाहते हैं तो आईओटी प्रौद्योगिकी इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

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बिजनेस

मुंबई बना एशिया के अरबपतियों की राजधानी, बीजिंग को पीछे छोड़ा

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मुंबई। मुंबई में अरबपतियों की संख्या बीजिंग से अधिक हो गई है। हुरुन रिसर्च की 2024 ग्लोबल रिच लिस्ट के अनुसार, मुंबई में 92 अरबपति हैं, जबकि बीजिंग में 91 अरबपति हैं। हालांकि चीन में भारत के 271 की तुलना में कुल मिलाकर 814 अरबपति हैं। ग्लोबल लेवल पर, मुंबई अब न्यूयॉर्क के बाद अरबपतियों के मामले में तीसरे स्थान पर पहुंच गया है, न्यूयार्क में अरबपतियों की संख्या 119 है। लिस्ट के मुताबिक, सात साल बाद लंदन 97 के साथ दूसरे स्थान पर है।

रिपोर्ट में कहा गया है, “मुंबई दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ते अरबपतियों की राजधानी है, इस साल इसमें 26 अरबपति शामिल हुए और यह दुनिया में तीसरा व एशिया में अरबपतियों की राजधानी बन गया है। नई दिल्ली पहली बार शीर्ष 10 में शामिल हुई।” भारत की आर्थिक शक्ति उसकी अरबपति आबादी में उल्लेखनीय वृद्धि से और भी अधिक रेखांकित हुई। देश में आश्चर्यजनक रूप से 94 नए अरबपति जुड़े, जो संयुक्त राज्य अमेरिका को छोड़कर किसी भी देश में सबसे अधिक है। कुल मिलाकर यहां 271 अरबपति हो गए। यह उछाल 2013 के बाद से सबसे ज्‍यादा है और भारतीय अर्थव्यवस्था में बढ़ते आत्मविश्‍वास का प्रमाण है।

2024 हुरुन ग्लोबल रिच लिस्ट रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय अरबपतियों की संचयी संपत्ति चीन की प्रति अरबपति औसत संपत्ति (3.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर बनाम 3.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर) को पार करते हुए 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गई।

रिपोर्ट में बताया गया है कि उद्योग के लिहाज से फार्मास्युटिकल क्षेत्र 39 अरबपतियों के साथ सबसे आगे है, इसके बाद ऑटोमोबाइल और ऑटो कंपोनेंट उद्योग (27) और रसायन क्षेत्र (24) का स्थान है। सामूहिक रूप से भारतीय अरबपतियों की संपत्ति 1 खरब डॉलर के बराबर है, जो वैश्विक अरबपतियों की संपत्ति का 7 फीसदी है, जो देश के पर्याप्त आर्थिक प्रभाव को दर्शाता है।

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