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नेशनल

खेती के ट्यूबवेलों में मीटर नहीं लगेंगे : अमरिंदर

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चंडीगढ़, 25 सितम्बर (आईएएनएस)| पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने सोमवार को स्पष्ट किया कि खेती के ट्यूबवेलों में मीटर लगाने की उनकी सरकार की कोई योजना नहीं है।

अमरिंदर ने शिरोमणि अकाली दल द्वारा इस मुद्दे पर फैलाए जा रहे झूठे प्रोपोगंडा को खारिज करते हुए कहा कि कृषि क्षेत्र में बिजली पर सब्सिडी जारी रहेगी, जिसका वादा उनकी सरकार पहले ही कर चुकी है।

अमरिंदर ने एक बयान में कहा, सब्सिडी वापस लेने या खेती के ट्यूबवेलों में मीटर लगाने का सवाल ही नहीं उठता।

पंजाब में किसानों को खेती के लिए मुफ्त बिजली मिलती है। यह राज्य देश के खाद्यान्न उत्पादन में लगभग 50 प्रतिशत का योगदान करता है, जबकि इसके पास देश के भौगोलिक क्षेत्र का मात्र 1.54 प्रतिशत हिस्सा है। बिजली के बिल का खर्च राज्य सरकार वहन करती है, जो हर साल हजारों करोड़ रुपये होता है।

अमरिंदर ने निराधारा बयानों के जरिए लोगों को भ्रमित करने के लिए अकाली दल और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की निंदा की। उन्होंने कहा कि इस तरह के बयान गुरदासपुर लोकसभा सीट के लिए हो रहे उपचुनाव के मद्देनजर दिए जा रहे हैं।

उन्होंने कहा, ये पार्टियां अपने निहित राजनीतिक हितों के लिए झूठ बोलने के लिए कुख्यात हैं। शिअद और भाजपा ने विधानसभा चुनाव के दौरान भी तमाम अफवाह फैलाए थे, लेकिन वे पंजाब की जनता को बेवकूफ नहीं बना पाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार किसान समुदाय के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है और ऋण माफी सहित किसानों के हितों की हिफाजत के लिए कई कदम पहले ही शुरू कर चुकी है।

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उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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