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अन्तर्राष्ट्रीय

बच्चों को बताएं कड़ी मेहनत की महत्ता

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न्यूयॉर्क, 25 सितंबर (आईएएनएस)| क्या आप अपने बच्चों को कड़ी मेहनत के फायदे बताना चाहते हैं? यदि हां, तो उन्हें करके बताइए कि उन्हें अपना लक्ष्य पाने के लिए इसी तरह प्रयास करने होंगे। यह बात शोधकर्ताओं ने कही। शोध के निष्कर्ष में पता चला है कि 15 महीने तक के शिशु जब अपने माता-पिता को लक्ष्य प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत करते हुए देखते हैं, तो वे कड़ी मेहनत का महत्व समझ जाते हैं।

वे शिशु, जिन्होंने सफल होने से पहले अपने माता-पिता को अपने अपने लक्ष्यों तक पहुंचने के लिए संघर्ष करते देखा है, दूसरे शिशुओं की तुलना में कठिन कार्यो में भी रुचि लेते हैं और उसके के लिए कठिन प्रयास करते हैं।

शोधकर्ताओं का मानना है कि उनका यह अध्ययन उन माता-पिता का मार्गदर्शन कर सकता है, जो अपने बच्चों में प्रयासों के मूल्य को स्थापित करने की आशा रखते हैं।

मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) के प्रोफेसर लौरा शूल्ज ने कहा, माता-पिता पर कुछ दबाव होता है कि वे बच्चों के लिए सबकुछ आसान कर देते हैं और अपने बच्चों के सामने कभी निराश नहीं होते।

शूल्ज ने कहा, अपने लक्ष्यों को हासिल करने के लिए आप कितनी कड़ी मेहनत कर रहे हैं, यह अपने बच्चों को दिखाना कोई बुरी चीज नहीं है।

टीम ने अध्ययन में इस बात पर ध्यान दिया कि बहुत कम उम्र के बच्चों को कैसे सिखाया जाना चाहिए, उन्हें यह कैसे तय करना है कि कड़ी मेहनत का प्रयास कब करना है और यह प्रयास उस काम के लायक है या नहीं।

शोध का निष्कर्ष पत्रिका ‘साइंस’ में प्रकाशित हुआ है। अध्ययन के लिए टीम ने एक प्रयोग किया, जिसमें 15 महीने के बच्चों को एक वयस्क को दो कार्य करते हुए दिखाया गया।

इसके बाद बच्चों को एक संगीत बजने वाला खिलौना दिया गया। उस खिलौने को चलाने के लिए शिशुओं को एक बटन दबाना था।

शोधकर्ताओं ने पाया कि जिन शिशुओं ने अपने माता-पिता को संघर्ष करते हुए देखा था, उन्होंने दूसरे शिशु, जिनके माता-पिता को बिना संघर्ष, आसानी से सफलता पाते देखा गया, उनकी तुलना में दो से ज्यादा बार बटन दबाए।

शोधकर्ताओं ने अध्ययन में पाया कि जो लोग कम उम्र में महत्वपूर्ण रूप से सीखने में सक्षम होने लगते हैं, वे कार्य को कैसे करना है, उसका पता बहुत जल्द लगा लेते हैं।

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अन्तर्राष्ट्रीय

हेलीकॉप्टर दुर्घटना में केन्या के रक्षा प्रमुख की मौत, राष्ट्रपति ने दिए जांच के आदेश

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नई दिल्ली। केन्या के आर्मी चीफ जनरल फ्रांसिस ओगोला की एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मौत हो गई है। उनके साथ हेलीकॉप्टर पर सवार 9 और लोगों की भी जान चली गई। केन्या के राष्ट्रपति विलियम रुटो ने घटना के संबंध में जानकारी दी। राष्ट्रपति विलियम रुटो ने कहा कि केन्या के रक्षा प्रमुख और नौ अन्य शीर्ष अधिकारियों की गुरुवार को देश के एक दूरदराज के इलाके में एक सैन्य हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मृत्यु हो गई।

रुटो ने कहा, ‘मुझे केन्या रक्षा बलों के प्रमुख जनरल फ्रांसिस ओमोंडी ओगोला के निधन की घोषणा करते हुए गहरा दुख हो रहा है। दुर्घटना के कारण का पता लगाने के लिए एक जांच टीम गठित की गई है और उन्हें एल्गेयो मराकवेट काउंटी में दुर्घटना स्थल पर भेजा गया है।’

रूटो ने बताया कि जनरल ओगोला केन्या के उत्तरी रिफ्ट क्षेत्र में सैनिकों के साथ बैठक करने और वहां पर चल रहे स्कूल नवीकरण का निरीक्षण करने के लिए गुरुवार को नैरोबी से रवाना हुए थे। उन्होंने कहा, ‘मेरे लिए, केन्या रक्षा बलों के कमांडर-इन-चीफ के रूप में, यह केन्या रक्षा बलों की बिरादरी के लिए एक दुखद क्षण है और यह राष्ट्र के लिए सबसे दुर्भाग्यपूर्ण दिन है। हमारी मातृभूमि ने अपने सबसे बहादुर जनरलों में से एक को खो दिया है।’

राष्ट्रपति ने घोषणा की है कि केन्या में शुक्रवार से तीन दिनों का शोक मनाया जाएगा। केन्या के रक्षा मंत्रालय की वेबसाइट के अनुसार, जनरल ओगोला 1984 में केन्याई रक्षा बलों में शामिल हुए और केन्या वायु सेना में तैनात होने से पहले 1985 में वो दूसरे लेफ्टिनेंट बने थे। राष्ट्रपति के प्रवक्ता हुसैन मोहम्मद के अनुसार, हेलीकॉप्टर दुर्घटना के बाद केन्याई राष्ट्रपति ने नैरोबी में देश की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की एक तत्काल बैठक बुलाई है।

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