Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

मनोरंजन

‘भारतीय शास्त्रीय संगीत एक विशिष्ट वर्ग के लोगों के लिए’

Published

on

Loading

नई दिल्ली, 25 सितम्बर (आईएएनएस)| भारतीय शास्त्रीय संगीत के आमतौर पर बहुत ही सीमित श्रोता होते हैं। पुणे के लोकप्रिय गायक सुहास व्यास मानते है कि ऐसा इसलिए है क्योंकि शास्त्रीय संगीत एक निश्चित वर्ग के लोगों के लिए है।

यह पूछे जाने पर कि ऐसा क्यों है, व्यास ने आईएएनएस को ई-मेल के जरिए बताया, जैसा कि इसे क्लासिकल संगीत (शास्त्रीय संगीत) कहा जाता है है, इसलिए यह एक विशिष्ट क्लास (वर्ग) के लोगों के लिए है। आश्चर्यजनक रूप से, हमारे संगीत को विदेशों में बेहद सराहा जाता है।

उन्होंने कहा, भारत में भी दर्शक इसे सुन रहे हैं और नई पीढ़ी भी इसे सीख रही है और इस कला को अपनी पीढ़ी तक पहुंचा रही है।

व्यास छात्रों को प्रशिक्षण देकर, व्याख्यान आयोजित करके और भारत एवं साथ ही विदेशों में प्रस्तुति देकर भारतीय शास्त्रीय को बढ़ावा देने के लिए कार्य कर रहे हैं।

इस महीने की शुरुआत में उन्होंने चीन में कार्यक्रम पेश किया था और उनका अनुभव शानदार रहा।

उन्होंने कहा, यह शो चीन के शियामेन में ब्रिक्स शिखर सांस्कृतिक सम्मेलन के लिए था। विदेशी धरती पर अपने देश और अपनी संस्कृति का प्रतिनिधित्व करना बहुत अच्छा अनुभव रहा। ऑडिटोरियम पूरा भरा हुआ था और सभी दर्शकों ने खड़े होकर हमारा स्वागत किया।

भाषा की समस्या के बारे में उन्होंने कहा, जैसा कि कहा जाता है, कला की कोई भाषा नहीं होती, यह भावनाओं से जुड़ा होता है। सभी दर्शक संगीत से जुड़े हुए थे। मैंने एस.एन रतनजनकर (हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत के विद्वान और शिक्षक) की एक बहुत दुर्लभ रचना पेश की थी।

व्यास ने कहा, संगीत समारोह के बाद एक प्रतिनिधि मंच के पीछे आए। हम एक दूसरे की भाषा नहीं समझ सकते थे, इसलिए वह पहले अपने और फिर मेरे दिल की तरफ इशारा कर रहे थे। मैं उनका संदेश समझ गया।

वह मानते हैं कि एक ऐसे समारोह में जहां अन्य ब्रिक्स देशों (ब्राजील, रूस, चीन और दक्षिण अफ्रीका) के कलाकारों ने भी प्रस्तुति दी, दर्शकों के उनके संगीत से जुड़ने का एक और कारण है।

उन्होंने आगे कहा, अन्य सभी प्रस्तुतियों में जो ज्यादातर ओपेरा स्टाइल में थीं, केवल हमारी ही प्रस्तुति बैठकर और ताल वाद्य यंत्रों के साथ थी इसलिए दर्शकों को हमारे संगीत ने काफी आकर्षित किया।

ज्यादातर शांति को बढ़ावा देने के लिए संगीत का प्रयोग किया जाता है, लेकिन जब चीजें राजनीतिक रूप से गलत रूप अख्तियार कर लेती हैं, तो सबसे पहले इसका प्रभाव कलाकारों पर ही पड़ता है।

इसकी वजह पूछे जाने पर व्यास ने कहा, लोग कलाकार को सबसे पहले इसलिए कटघरे में खड़ा करते है क्योंकि कलाकारों की प्रतिक्रिया का राजनीतिक रूप से कम नुकसान होता है और संघर्षो की स्थिति में संकुचित विचारधारा वाले राजनीतिक दलों को इससे सबसे अधिक लाभ मिलता है।

उन्होंने कहा, शांति के समय में भी जनता से कलाकारों के जुड़ाव के कारण इससे राजनीतिक दलों को काफी फायदा मिलता है।

Continue Reading

प्रादेशिक

धनबाद में बॉलीवुड एक्टर पंकज त्रिपाठी के जीजा की सड़क हादसे में मौत, बहन की हालत गंभीर

Published

on

Loading

धनबाद। बॉलीवुड एक्टर पकंज त्रिपाठी के जीजा राकेश तिवारी की एक सड़क हादसे में मौत हो गई है। वहीं उनकी बहन की हालत गंभीर है जिनका अस्पताल में इलाज चल रहा है।.हादसा बेहद भीषण था जिसमें उनकी कार बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुई है। ये एक्सिडेंट शनिवार की शाम करीब चार बजे धनबाद जिले के निरसा चौक के पास हुआ है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, राकेश तिवारी पत्नी सरिता तिवारी के साथ अपनी कार से धनबाद से कोलकाता जा रहे थे। चश्मदीदों के मुताबिक कार तेज रफ्तार में थी। निरसा चौक पर एक ऑटो को बचाने के चक्कर में कार अनियंत्रित हो गई और डिवाइडर से टकरा गई। इसमें कार बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई है।

हादसे में दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए थे। स्थानीय लोगों की मदद से एंबुलेस से धनबाद एसएनएमएमसीएच भेज दिया गया था। यहां राकेश तिवारी की इलाज के दौरान मौत हो गई। हालांकि, उनकी पत्नी की हालत गंभीर बनी हुई है. हादसे की खबर पाकर पंकज त्रिपाठी मुंबई से कोलकाता एयरपोर्ट उतरकर निजी कार से धनबाद के लिए रवाना हो गए हैं।

Continue Reading

Trending