अन्तर्राष्ट्रीय
‘बांग्लादेश में स्थिर हुई रोहिंग्या शरणार्थियों की संख्या’
ढाका, 23 सितम्बर (आईएएनएस)| म्यांमार में हिंसा के कारण पलायन कर बांग्लादेश पहुंचे रोहिंग्या मुस्लिम अल्पसंख्यक शरणार्थियों की संख्या लगभग 430,000 पर स्थिर हो गई है। संयुक्त राष्ट्र कार्यालय ने यह जानकारी शनिवार को दी। एफे न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, इंटर सेक्टर कोऑर्डिनेशन ग्रुप ने आंकड़ा जारी करते हुए एक बयान में कहा कि गुरुवार को जारी नवीनतम रिपोर्ट के बाद से इस संख्या में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है। उस समय तक 429,000 रोहिंग्या मुसलमान बांग्लादेश पहुंचे थे।
शरणार्थियों का प्रवाह भले ही रुक गया है, लेकिन बांग्लादेश में संयुक्त राष्ट्र के कार्यालय ने पहले कहा था कि आने वाले हफ्तों में 200,000 या 300,000 तक शरणार्थियों की संख्या बढ़ने से इनकार नहीं किया जा सकता क्योंकि हजारों रोहिंग्या म्यांमार से बांग्लादेश सीमा पार करने के लिए इंतजार कर रहे हैं।
कई सरकारी चौकियों पर रोहिंग्या विद्रोहियों के हमले के बाद म्यांमार सेना ने 25 अगस्त के बाद राखिने क्षेत्र में एक आक्रामक अभियान शुरू किया जिसके बाद रोहिंग्या लोगों का पलायन शुरू हुआ।
संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार उच्चायुक्त ने कहा था कि म्यांमार में रोहिंग्या समुदाय की ‘नस्लीय सफाई’ हो सकती है।
गैर सरकारी संस्थाओं ने म्यांमार में मानव अधिकारों के उल्लंघन की निंदा की और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने म्यांमार सरकार पर सेना के ऑपरेशन को रोकने को लेकर दबाव भी बढ़ा दिया है।
अन्तर्राष्ट्रीय
जेपी मॉर्गन के CEO बोले- अमेरिका को भी पीएम मोदी जैसे मजबूत नेता की जरुरत
नई दिल्ली। अमेरिकी बैंकिंग फर्म जेपी मॉर्गन चेज के सीईओ जेमी डिमन ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की है। उन्होंने तो यहाँ तक कह दिया कि अमेरिका को भी पीएम मोदी जैसे मजबूत नेताओं की आवश्यकता है। जेमी डिमन ने कहा कि पीएम मोदी ने भारत में जबदरस्त और अविश्वसनीय काम किया है। अमेरिका में भी भारत नरेंद्र मोदी की तरह का प्रधानमंत्री होना चाहिए।
इकोनॉमिक क्लब ऑफ न्यूयॉर्क की तरफ से आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जेमी डिमन ने कहा कि मैं अमेरिका के लिबरल प्रेस को जानता हूं, जो लगातार नरेंद्र मोदी की आलोचना करते हैं। उन्होंने 40 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है.। इस दौरान डिमन ने भारत में गरीबी उन्मूलन, बुनियादी ढ़ांचे आर्थिक विकास समेत कई अन्य विषयों पर खुलकर बात रखीं।
उन्होंने कहा, “अमेरिका के कई अधिकारी भारत को लेकर कई बातें कहते हैं, लेकिन अपना देश कैसे चलाना है इस बारे में सोचने की जरूरत है। भारत में नरेंद्र मोदी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुछ देशों की सरकारें जलवायु परिवर्तन और श्रम अधिकारों को लेकर भारत की आलोचना करती हैं, जबकि उनके पास शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं है। फिर भी वो डटकर चुनौतियों का समाना कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘भारत ने एक नई चलन शुरू की है, जिसमें लोगों को फिंगर प्रिंट और आंख से पहचान की जाती है। यह भी भारत के लिए एक उल्लेखनीय है।
डिमन ने आगे कहा कि भारत मूलभूत सुविधाओं पर काम करते हुए आगे की दिशा में काम कर रहा है। विकासशील देश से विकसित देश की ओर बढ़ने के लिए वहां की सरकार लगातार प्रयास कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को बढ़ाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं।
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