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अन्तर्राष्ट्रीय

म्यांमार में अभी भी जलाए जा रहे हैं रोहिंग्या मुसलमानों के गांव : एमनेस्टी

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लंदन, 23 सितम्बर (आईएएनएस)| अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संस्था एमनेस्टी इंटरनेशनल का कहना है कि उपग्रह से ली गई ताजा तस्वीरों व वीडियो से पता चल रहा है कि म्यांमार के राखिने प्रांत में रोहिंग्या मुसलमानों की आबादी वाले गांवों में अभी भी धुआं उठ रहा है। यह देश की स्टेट काउंसलर आंग सान सू की के इस दावे के बिल्कुल उलट है कि प्रांत में सैन्य अभियान खत्म हो चुका है। ‘गार्डियन’ के मुताबिक, शुक्रवार देर शाम लंदन स्थित समूह ने कहा कि राखिने में मौजूद उसके सूत्रों का दावा है कि शुक्रवार अपराह्न की तस्वीरों में गांवों के घरों में आग लगी नजर आ रही है, जो म्यांमार के सुरक्षा बलों और हिंसक भीड़ द्वारा लगाई गई है।

म्यांमार की हालिया हिंसा ने 4,29,000 रोहिंग्या मुसलमानों को बांग्लादेश पलायन पर मजबूर किया है।

एमनेस्टी की (संकट प्रतिक्रिया) निदेशक तिराना हसन ने कहा, जमीन व अंतरिक्ष से लिए गए यह घातक सबूत दुनिया को आंग सू की के दावे की असलियत दिखा रहे हैं।

उन्होंने कहा, रोहिंग्या मुसलमानों के घरों और गांवों को जलाने का काम जारी है। यह आगजनी उस वक्त भी जारी थी जब इन घरों में लोग रह रहे थे और तब भी जारी है जब इनमें रहने वाले पलायन कर चुके हैं। लेकिन, वे रोहिंग्या के पलायन भर से संतुष्ट नहीं हैं। ऐसा मालूम पड़ रहा है कि अधिकारी यह सुनिश्चित कर लेना चाहते हैं कि उनके लौटने के लिए कोई घर नहीं हो।

पलायन करने वाले अधिकांश रोहिंग्या मुसलमानों ने बांग्लादेश के जिले कॉक्स बाजार के शरणार्थी शिविरों में शरण ले रखी है। इन लोगों का आरोप है कि भागने के दौरान इन पर म्यामांर के बौद्धों और सुरक्षाकर्मियों ने भयावह हमले किए।

गार्डियन की रिपोर्ट के अनुसार, हालिया हिंसा 25 अगस्त को रोहिंग्या विद्रोही समूहों द्वारा पुलिस चौकियों पर हमला करने के बाद भड़की, जिसमें 12 सुरक्षाकर्मी मारे गए थे।

म्यांमार सरकार ने आरोप लगाया कि रोहिंग्या अपने घरों को खुद जला रहे हैं, लेकिन संयुक्त राष्ट्र व अन्य समूहों ने म्यांमार सरकार पर जनजातीय समूहों का नामोनिशान मिटाने की कोशिश करने का आरोप लगाया है।

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अन्तर्राष्ट्रीय

जेपी मॉर्गन के CEO बोले- अमेरिका को भी पीएम मोदी जैसे मजबूत नेता की जरुरत

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नई दिल्ली। अमेरिकी बैंकिंग फर्म जेपी मॉर्गन चेज के सीईओ जेमी डिमन ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की है। उन्होंने तो यहाँ तक कह दिया कि अमेरिका को भी पीएम मोदी जैसे मजबूत नेताओं की आवश्यकता है। जेमी डिमन ने कहा कि पीएम मोदी ने भारत में जबदरस्त और अविश्वसनीय काम किया है। अमेरिका में भी भारत नरेंद्र मोदी की तरह का प्रधानमंत्री होना चाहिए।

इकोनॉमिक क्लब ऑफ न्यूयॉर्क की तरफ से आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जेमी डिमन ने कहा कि मैं अमेरिका के लिबरल प्रेस को जानता हूं, जो लगातार नरेंद्र मोदी की आलोचना करते हैं। उन्होंने 40 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है.। इस दौरान डिमन ने भारत में गरीबी उन्मूलन, बुनियादी ढ़ांचे आर्थिक विकास समेत कई अन्य विषयों पर खुलकर बात रखीं।

उन्होंने कहा, “अमेरिका के कई अधिकारी भारत को लेकर कई बातें कहते हैं, लेकिन अपना देश कैसे चलाना है इस बारे में सोचने की जरूरत है। भारत में नरेंद्र मोदी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुछ देशों की सरकारें जलवायु परिवर्तन और श्रम अधिकारों को लेकर भारत की आलोचना करती हैं, जबकि उनके पास शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं है। फिर भी वो डटकर चुनौतियों का समाना कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘भारत ने एक नई चलन शुरू की है, जिसमें लोगों को फिंगर प्रिंट और आंख से पहचान की जाती है। यह भी भारत के लिए एक उल्लेखनीय है।

डिमन ने आगे कहा कि भारत मूलभूत सुविधाओं पर काम करते हुए आगे की दिशा में काम कर रहा है। विकासशील देश से विकसित देश की ओर बढ़ने के लिए वहां की सरकार लगातार प्रयास कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को बढ़ाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं।

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