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नेशनल

उप्र : शाहजहांपुर में किशोरी के साथ सामूहिक दुष्कर्म

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शाहजहांपुर, 22 सितम्बर (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले में थाना कांट के एक गांव में प्रधान के बेटे व उसके साथी द्वारा एक 15 वर्षीय किशोरी के साथ सामूहिक दुष्कर्म किए जाने का मामला प्रकाश में आया है। पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।

थानाध्यक्ष अमर सिंह ने शुक्रवार को बताया, क्षेत्र के एक गांव के ग्राम प्रधान के बेटे तिनकू (25) और उसके दोस्त शिवम (22) ने गुरुवार आधी रात गांव की 15 साल की एक किशोरी के साथ उसके घर में घुस कर दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया। घटना के समय किशोरी अपने छोटे भाई और बहन के साथ थी। परिवार के अन्य सदस्य किसी काम से दूसरे गांव गए हुए थे।

सिंह ने बताया कि पिता की तहरीर पर दोनों आरोपियों के खिलाफ धारा-376 डी, 452 आईपीसी और पॉस्को एक्ट की धारा-5/6 के तहत मामला दर्ज कर शिवम को गिरफ्तार कर लिया गया है और तिनकू की तलाश में छापेमारी की जा रही है। किशोरी को चिकित्सा परीक्षण के लिए जिला अस्पताल भेजा गया है।

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उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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