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प्रादेशिक

पीएम आज पहुंचेंगे बनारस, देंगे कई सौगात, शिक्षामित्र डाल सकते हैं खलल

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लखनऊ/बनारस। उत्तर प्रदेश की धार्मिक नगरी वाराणसी से सांसद पीएम नरेंद्र मोदी शुक्रवार से यहां के दो दिवसीय दौरे पर रहेंगे। इस दौरान वह कई परियोजनाओं का उद्घाटन करने के साथ ही कई कार्यक्रमों को संबोधित करेंगे। मोदी के दौरे के मद्देनजर शिक्षामित्रों के जमावड़े की आशंका को देखते हुए आसपास के सभी जिलों को अलर्ट कर दिया गया है।

प्रधानमंत्री शुक्रवार दोहपर के बाद बनारस पहुंचेंगे। बनारस दौरे के दौरान वह हथकरघा उद्योग में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए ट्रेड सेंटर के दूसरे चरण की शुरुआत करेंगे। साथ ही प्रधानमंत्री वाराणसी से वडोदरा जाने वाली तीसरी महामाना एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाएंगे।

भाजपा के पूर्वी उत्तर प्रदेश मीडिया प्रभारी संजय भारद्वाज ने बताया कि प्रधानमंत्री से अपने दो दिनों के दौरे के तहत वाराणसी में 17 परियोजनाओं का लोकार्पण तथा छह परियोजनाओं का शिलान्यास करेंगे।

इस बीच वाराणसी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रवास के दौरान शिक्षामित्रों के जमावड़े की आंशका दो देखते हुए प्रशासन भी सतर्क हो गया है। अपर पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था आनंद कुमार ने सभी जिलों के पुलिस कप्तानों को निर्देश दिए हैं कि वे शिक्षामित्रों को उसी जनपद में रोकें ताकि वे वाराणसी न पहुंच पाएं।

प्रशासन को जानकारी मिली है कि प्रधानमंत्री के 22 और 23 सितंबर को वाराणसी प्रवास के दौरान एक लाख से अधिक शिक्षामित्र यहां पहुंच सकते हैं। इसके बाद हर स्तर पर उन्हें रोकने की जिम्मेदारी पुलिस कप्तानों को दी गई है।

इस मामले को लेकर पुलिस महानिरीक्षक विजय सिंह मीना ने बताया कि सभी जिलों के कप्तानों को इस संबंध में निर्देश जारी कर दिए गए हैं। वाराणसी के एसएसपी को विशेष सतर्कता बरतने को कहा गया है।

गौरतलब है कि सहायक अध्यापक पद पर समायोजन के लिए डेढ़ दशक लंबी लड़ाई में सर्वोच्च न्यायालय में मिली हार के बाद 1़37 लाख समायोजित शिक्षामित्र अपने पुराने पद पर लौट आए हैं।

सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का पालन करते हुए बेसिक शिक्षा विभाग के विशेष सचिव देवप्रताप सिंह ने बुधवार को शिक्षामित्रों का सहायक अध्यापक पद पर हुआ समायोजन रद्द करते हुए एक आदेश जारी किया है। इसके तहत सभी 1 लाख 65 हजार शिक्षामित्रों का मानदेय 3,500 से घटाकर 10,000 रुपये महीना कर दिया गया है। उन्हें एक वर्ष में 11 महीने ही मानदेय दिया जाएगा।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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