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नेशनल

ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ रहे प्रोस्टेट कैंसर के मामले

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नई दिल्ली, 21 सितम्बर (आईएएनएस)| ग्रामीण आबादी में प्रोस्टेट कैंसर (पीसीए) के मामलों में वृद्धि हुई है और विशेषज्ञों का मानना है कि उनके लिए बेहतर इलाज, दवाओं और तकनीक उपलब्ध कराए जाने की जरूरत है। सफदरजंग हॉस्पिटल की ओपीडी में हर महीने 1 लाख से ज्यादा मरीज आते हैं। आंकड़े बताते हैं कि इन 1 लाख मरीजों में 20 प्रतिशत प्रोस्टेट कैंसर, 30 प्रतिशत मेटास्टेटिक प्रोस्टेट कैंसर, 40 प्रतिशत क्लीनिकली सीमित और 30 प्रतिशत सीमित रूप से उन्नत मरीज होते हैं।

सफदरजंग हॉस्पिटल की रजिस्ट्री के अनुसार प्रोस्टेट कैंसर के मामले भारत में लगातार बढ़ रहे हैं। इससे पहले 80 प्रतिशत मामले मेटास्टेटिक और बाकी 20 प्रतिशत प्रोस्टेट कैंसर थे। इनमें से ज्यादातर मेटास्टेटिक और प्रोस्टेट मरीजों की संख्या ग्रामीण क्षेत्रों से हैं।

यह आंकड़ा बताता है कि भारत के लगभग सभी क्षेत्र इस कैंसर से समान रूप से प्रभावित हैं। सभी पॉपुलेशन बेस्ड कैंसर रजिस्ट्रीज (पीबीआरसी) में इस कैंसर के मामलों की दर लगातार तेजी से बढ़ रही है। दिल्ली कैंसर रजिस्ट्री बताती है कि प्रोस्टेट कैंसर दिल्ली के पुरुषों में पाया जाने वाला दूसरा सबसे सामान्य कैंसर है।

वर्धमान महावीर मेडिकल कॉलेज और सफदरजंग हॉस्पिटल के यूरोलॉजी व रीनल ट्रांसप्लांट विभाग के प्रमुख प्रो.(डॉ.) अनूप कुमार ने कहा, ग्रामीण आबादी के बीच प्रोस्टेट कैंसर के खतरे को लेकर तुरंत जागरूकता फैलाने और साथ ही ज्यादा से ज्यादा सरकारी अस्पतालों में इलाज और सर्जरी की सुविधा उपलब्ध कराने की जरूरत है।

कुमार ने कहा, इसके इलाज में आने वाले खर्च में 3 से 4 लाख रुपये कम कर इसे आर्थिक रूप से कमजोर तबकों तक भी पहुंचाया जाना चाहिए। 3डी लैप्रोस्कोपी व रोबोटिक्स जैसी उन्नत तकनीकों, कैंसर की बेहतर दवाओं के साथ जिंदगी बचाई जा सकती है और ग्रामीण क्षेत्रों के मरीजों में जीवन की गुणवत्ता को भी बेहतर करने की जरूरत है।

एम्स यूरोलॉजी विभाग के प्रमुख प्रो. (डॉ.) पी.एन. डोगरा ने कहा, पिछले कुछ दशकों में यह बीमारी वैश्विक तौर पर सेहत की एक बड़ी समस्या बन गई है। प्रोस्टेट कैंसर दुनिया भर के पुरुषों में दूसरा सबसे सामान्य प्रकार का कैंसर है। भारत कैंसर से होने वाली मौतों में छठे नंबर पर है। इसमें कोई संदेह नहीं कि महानगरों में यह अनुपात बदल रहा है लेकिन भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में अब भी सीमित पहुंच बनाए हुए है।

डोगरा ने कहा, सरकार व चिकित्सकों के सामने यह चुनौती है कि वे पूरी गंभीरता के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में जोखिम के कारकों को कम करें और प्रोस्टेट कैंसर का इलाज करें।

दुनिया भर में सितंबर माह को प्रोस्टेट कैंसर जागरूकता माह के रूप में मनाया जाता है, इसलिए सभी लोगों और खासतौर पर ग्रामीण आबादी को पिछले कुछ दशकों में सेहत संबंधी एक बड़ी समस्या बनने वाली इस जानलेवा बीमारी को लेकर जागरूक करने के प्रयासों का प्रसार किया जा रहा है।

इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर के एक अध्ययन के अनुसार, 2030 तक दुनिया भर में प्रोस्टेट कैंसर के 17 लाख नए मामले आने की अनुमान है। जिससे करीब 4,99,000 मौतें होने की आशंका भी जताई जा रही है, जो वैश्विक आबादी के बूढ़ा होने का कारण होगा।

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अन्तर्राष्ट्रीय

जेपी मॉर्गन के CEO बोले- अमेरिका को भी पीएम मोदी जैसे मजबूत नेता की जरुरत

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नई दिल्ली। अमेरिकी बैंकिंग फर्म जेपी मॉर्गन चेज के सीईओ जेमी डिमन ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की है। उन्होंने तो यहाँ तक कह दिया कि अमेरिका को भी पीएम मोदी जैसे मजबूत नेताओं की आवश्यकता है। जेमी डिमन ने कहा कि पीएम मोदी ने भारत में जबदरस्त और अविश्वसनीय काम किया है। अमेरिका में भी भारत नरेंद्र मोदी की तरह का प्रधानमंत्री होना चाहिए।

इकोनॉमिक क्लब ऑफ न्यूयॉर्क की तरफ से आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जेमी डिमन ने कहा कि मैं अमेरिका के लिबरल प्रेस को जानता हूं, जो लगातार नरेंद्र मोदी की आलोचना करते हैं। उन्होंने 40 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है.। इस दौरान डिमन ने भारत में गरीबी उन्मूलन, बुनियादी ढ़ांचे आर्थिक विकास समेत कई अन्य विषयों पर खुलकर बात रखीं।

उन्होंने कहा, “अमेरिका के कई अधिकारी भारत को लेकर कई बातें कहते हैं, लेकिन अपना देश कैसे चलाना है इस बारे में सोचने की जरूरत है। भारत में नरेंद्र मोदी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुछ देशों की सरकारें जलवायु परिवर्तन और श्रम अधिकारों को लेकर भारत की आलोचना करती हैं, जबकि उनके पास शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं है। फिर भी वो डटकर चुनौतियों का समाना कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘भारत ने एक नई चलन शुरू की है, जिसमें लोगों को फिंगर प्रिंट और आंख से पहचान की जाती है। यह भी भारत के लिए एक उल्लेखनीय है।

डिमन ने आगे कहा कि भारत मूलभूत सुविधाओं पर काम करते हुए आगे की दिशा में काम कर रहा है। विकासशील देश से विकसित देश की ओर बढ़ने के लिए वहां की सरकार लगातार प्रयास कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को बढ़ाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं।

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