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हेल्थ

सिगरेट का ज्‍यादा सेवन किया तो इरेक्‍टाइल डिस्फंक्शन

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सिगरेट, धूम्रपान, स्‍पर्म, ईडी, इरेक्टाइल डिस्फंक्शन

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ज्यादा धूम्रपान से हो सकता है इरेक्टाइल डिस्फंक्शन

नई दिल्ली। रोजाना 20 सिगरेट से ज्यादा धूम्रपान करने वालों में शुक्राणुओं यानी स्‍पर्म की कमी की समस्या तेजी से सामने आ रही है। साथ ही ऐसे लोगों में इरेक्टाइल डिस्फंक्शन (ईडी) का जोखिम भी 60 प्रतिशत तक अधिक रहता है। अध्ययन के अनुसार, डाइबिटीज, , हाई ब्‍लड प्रेशर  और हाई कोलेस्ट्रॉल आदि भी ईडी की समस्या के लिए जिम्मेदार कारकों में हैं।

आईएमए के अनुसार, धूम्रपान से वीर्य स्खलन, स्‍पर्म की कमी और स्‍पर्म की गुणवत्ता में भी कमी आ जाती है।

क्‍या है इरेक्टाइल डिस्फंक्शन

पुरुष जननेंद्रिय में पर्याप्त तनाव और उत्तेजना की कमी। इस विकार के कारण शारीरिक और मनोवैज्ञानिक दोनों ही हो सकते हैं। ईडी आमतौर पर अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत होता है।

इस बारे में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के अध्यक्ष डॉ. केके अग्रवाल ने कहा, “पुरुषों में यौन उत्तेजना जटिल प्रक्रिया है। इस प्रक्रिया में मस्तिष्क, हार्मोन, भावनाएं, तंत्रिकाएं, मांसपेशियां और रक्त वाहिकाएं शामिल रहती हैं। जब इनमें कोई समस्या होती है, तब ईडी हो सकता है। तनाव और मानसिक स्वास्थ्य संबंधी चिंताएं समस्या को और बिगाड़ सकती हैं।”

मेडिकल समस्या, अधिक वजन, प्रोस्टेट सर्जरी या कैंसर, चोट, डिप्रेशन की दवाएं, मनोवैज्ञानिक स्थितियां और अल्कोहल का अधिक सेवन भी ईडी की समस्या को और गंभीर बना सकते हैं।

ईडी से कैसे बचे

डॉ. अग्रवाल ने बताया, “ईडी से पीड़ित लोग जीवनशैली में बदलाव करके अपने यौन जीवन को बेहतर कर सकते हैं। इसके लिए धूम्रपान छोड़ना, वजन कम करना और व्यायाम जरूरी है। इससे रक्त का प्रवाह सुधरने लगता है। किसी दवा से साइड इफैक्ट की स्थिति में डॉक्टर की सलाह से कोई अन्य दवा ली जा सकती है।”

लाभकारी टिप्स 

* दिन में कम से कम 30 मिनट टहलने से ईडी के जोखिम में 41 प्रतिशत की कमी आ सकती है।

* सही आहार लें। फलों, सब्जियों, साबूत अनाज और मछली को अपने आहार में शामिल करें।

* उच्च रक्तचाप, उच्च रक्त शर्करा, उच्च कोलेस्ट्रॉल और उच्च ट्राइग्लिसराइड्स पुरुष अंग की धमनियों को नुकसान पहुंचा सकते हैं। एचडीएल (अच्छे) कोलेस्ट्रॉल का कम स्तर और मोटापा यह समस्या बढ़ा सकते हैं। इसलिए वजन घटाना
आवश्यक है।

 

लाइफ स्टाइल

हार्ट अटैक से बचने के लिए अपनाएं ये उपाय, सही खानपान व व्यायाम है जरूरी

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heart attack

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नई दिल्ली। आजकल हमें लगभग रोज ऐसे वीडियो देखने को मिलते हैं जिनमें बाहर से दिखने वाले एक स्वस्थ इंसान को अचानक हार्ट अटैक आता है और तुरंत ही उसकी मौत हो जाती है। ऐसा वीडियो देखकर लोग डर रहे हैं। आज हम आपको बताएंगे कि कैसे आप हार्ट की बीमारी से दूर रह सकते हैं।

खानपान

गेहूं की रोटी की जगह बाजरा, ज्वार या रागी अथवा इनका आटा मिलाकर बनाई रोटी खाएं।

आम, केला, चीकू जैसे ज्यादा मीठे फल कम खाएं। इनके बजाय पपीता, कीवी, संतरा जैसे कम मीठे फल खाएं।

तली और मीठी चीजें जितना कम कर दें, उतना बेहतर है।

जितनी भूख से उससे 20 फीसदी कम खाएं और हर 15 दिन में वजन चेक करते रहें।

व्यायाम

सप्ताह में पांच दिन 45 मिनट तक कसरत करें। वॉकिंग भी करते हैं तो असर दिखता है।

दिल की बीमारियों की एक बड़ी वजह मोटापा है। वजन जितना बढ़ेगा और हृदय रोगों का खतरा उतना ज्यादा रहेगा।

फिटनेस को इस स्तर पर लाने का प्रयास करें कि सीधे खड़े होने पर जब आप नीचे नजरें करें तो बेल्ट का बक्कल दिखे।

अगर एक से डेढ़ किलोमीटर जाना है तो पैदल जाएं।

7 घंटे की नींद जरूरी

रोजाना कम से कम 7 घंटे की नींद जरूर लें।  जल्दी सोने और जल्द उठने का रूटीन बनाएं।

रात 10 से सुबह 6 बजे तक सोने का सही समय है। इससे शरीर नाइट साइकिल में बेहतर आराम कर सकेगा।

तनाव लेने से बचें, इसका सीधा असर दिमाग और दिल पर होता है।

धूम्रपान पूरी तरह छोड़ दें

लगातार धूम्रपान करने से उसका धुआं धमनियों की लाइनिंग को कमजोर करता है।

इससे धमनियों में वसा के जमा होने की आशंका और भी बढ़ जाती है।

इसी तरह अल्कोहल से दूरी बना लेते हैं तो हार्ट हेल्दी रहेगा।

कौन सा टेस्ट कराएं

30 साल की उम्र पार करते ही शुगर, लीवर, किडनी और ईसीजी जांच करानी चाहिए.

अगर आप जिम या वर्कआउट करते हैं तो अपना हार्ट और कार्डियक चेकअप जरूर कराएं.

40 साल की उम्र के बाद स्ट्रेस टेस्ट कराएं.

ट्रेडमिल टेस्ट (टीएमटी) भी जरूरी है.

स्मोकर्स, डायबिटिक और मोटापे के शिकार लोगों को स्ट्रेस टेस्ट कराना चाहिए.

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डिस्क्लेमर: उपरोक्त जानकारी मात्र सूचना के उद्देश्य से है न कि कोई डाक्टरी सलाह. सटीक जानकारी के लिए सम्बंधित विशेषज्ञ से अवश्य सलाह लें.

 

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