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प्रादेशिक

इंसानियत शर्मसार, कलयुगी बेटे ने कैंची से फोड़ डाली मां की दोनों आंखें

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वाराणसी। जिस मां ने खुद भूखा रहकर अपने बेटे को कभी भूखा नहीं सोने दिया उसी बेटे अपनी मां को ऐसा जख्म दिया है जो शायद कुछ दिनों या महीनों में भर जाए लेकिन जो जख्म उसके दिल पर हुआ है वो शायद कभी नहीं भर सकेगा। मामला यूपी के वाराणसी जिले का है। यहां एक कलयुगी बेटे ने गुस्से में आकर अपनी मां की दोनों आंखें फोड़ दी। महिला को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है जहां वह जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ रही है।

मिली जानकारी के मुताबिक़, सारनाथ इलाके के आशापुर कॉलोनी में सुमन गुप्ता अपने दो बेटों के साथ रहती हैं। उनका किसी बात को लेकर अपने बेटे से झगड़ा हो गया। बात इतनी बढ़ गई कि बेटा किचन से कैंची उठा लाया और अपनी मां की आंखों पर एक के बाद एक कई वार किए। इस बीच महिला भागती हुई घर से बाहर भागी तो लोगों को घटना का पता चला।

घटना को अंजाम देने के बाद आरोपी बेटा खुद पुलिस के पास पहुंचा और पूरे मामले की जानकारी दी। पुलिस ने आरोपी चंदन को गिरफ्तार कर लिया है वहीं उसकी मां को बीएचयू ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया है। डॉक्टरों के मुताबिक उनकी हालत चिंताजनक है।

उत्तर प्रदेश

रामनवमी पर भगवान सूर्य ने किया रामलला के ललाट पर ‘सूर्य तिलक’

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अयोध्या। देशभर में आज रामनवी का पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया जा रहा है। इस बार रामनवमी के मौके पर अयोध्या में खास आयोजन किया जा रहा है। 500 साल बाद अयोध्या में मर्यादा पुरुषोत्तम का सूर्य तिलक किया गया।

वैज्ञानिक दर्पण के जरिए सूर्य की किरण को भगवान रामलला के मस्तक पर पहुंचाया गया। इस दौरान सूर्य की किरणों ने लगभग 4 मिनट तक रामलला के ललाट की शोभा बढ़ाई। शंखों की ध्वनि, मंत्रोच्चारण और पुजारियों की मौजूदगी में सूर्य तिलक के अवसर को और भी शानदार बना दिया। दूसरी ओर श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया कि श्री रामनवमी की पावन बेला में आज, श्री राम जन्मभूमि मंदिर में प्रभु श्री रामलला सरकार का दिव्य अभिषेक किया गया।

भगवान राम के सूर्याभिषेक के बाद लोगों ने दिव्य दर्शन किए। अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के बाद रामलला की ये पहली रामनवमी है। अयोध्या में रामनवमी की अद्भुत और विह्गम छटा दिखने को मिल रही है। इस दौरान रामलला की विशेष पूजा-अर्चना हुई। इस मौके पर राम मंदिर को फूलों और लाइटिंग से सजाया गया है। राम मंदिर के कपाट भक्तों के लिए सुबह 3.30 बजे खोल दिए गए हैं। यहां पर रात 11 बजे तक भक्त रामलला के दर्शन कर सकेंगे। यहां पर मंदिर में सुबह से ही श्रद्धालुओं का तांता लग गया। दोपहर 12.16 बजे रामलला का सूर्यतिलक के भव्य दर्शन हुए।

इससे पहले श्रीराम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने जानकारी दी थी कि सूर्य के तिलक का सफल परीक्षण पूरा कर लिया गया है। वैज्ञानिकों ने जिस तरह से प्रयास किया है, वह बहुत सराहनीय और वह बहुत अद्भुत है, क्योंकि सूर्य की किरणें भगवान रामलला के ठीक ललाट पर पड़ी है। जैसे ही सूर्य की किरणें प्रभु राम के माथे पर पड़ी, वैसे ही पता चल रहा है कि भगवान सूर्य उदय कर रहे हैं।

उन्होंने आगे कहा था कि इतना ही नहीं, त्रेता युग में भी जब प्रभु राम ने अवतार लिया था तो उस दौरान सूर्य देव एक महीने तक अयोध्या में रुके थे। त्रेता युग का वह दृश्य अब कलयुग में भी साकार हो रहा है। जब हम प्रभु राम का आरती उतार रहे थे और सूर्य देव उनके माथे पर राजतिलक कर रहे थे तो वह दृश्य बहुत अद्भुत दिख रहा था।

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