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नेशनल

वसायुक्त यकृत से लंबे समय में यकृत कैंसर का डर

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नई दिल्ली, 17 अगस्त (आईएएनएस)| इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) का कहना है कि वसायुक्त यकृत से पीड़ित लोगों की संख्या में खतरनाक रूप में वृद्धि हो रही है। यदि ठीक से इलाज न हो तो वसायुक्त यकृत से लंबे समय में यकृत कैंसर भी हो सकता है। उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक, भारत में हर पांच में से एक व्यक्ति के जिगर या यकृत में अधिक वसा मौजूद होती है और हर 10 में से एक व्यक्ति में फैटी लिवर रोग होता है। यह चिंता का एक कारण है, क्योंकि ठीक से जांच और इलाज न हो तो वसायुक्त यकृत से यकृत को क्षति पहुंच सकती है और यकृत कैंसर भी हो सकता है।

आईएमए के अनुसार, गैर-एल्कोहल फैटी लिवर रोग (एनएएफएलडी) वाले 20 प्रतिशत लोगों में 20 वर्षो के अंदर लिवर सिरोसिस होने का खतरा रहता है। यह आंकड़ा शराबियों के समान है।

आईएमए के अध्यक्ष डॉ. के.के. अग्रवाल ने कहा, एनएएफएलडी सिरोसिस और कभी-कभी तो क्रिप्टोजेनिक सिरोसिस की भी वजह बन सकता है। अधिक वजन वाले लोगों में प्रतिदिन दो ड्रिंक और मोटे लोगों में प्रतिदिन एक ड्रिंक लेने से हिपेटिक इंजरी हो सकती है। एनएफएलडी के चलते सिरोसिस के कारण लिवर कैंसर हो जाता है और ऐसी कंडीशन में अक्सर हृदय रोग से मौत हो जाती है।

डॉ. अग्रवाल ने कहा, एनएफएफडीएल अल्कोहल की वजह से तो नहीं होता, लेकिन इसकी खपत अधिक होने पर स्थिति जरूर खराब हो सकती है। प्रारंभिक अवस्था में यह रोग खत्म हो सकता है या वापस भी लौट सकता है। एक बार सिरोसिस बढ़ जाए तो लिवर ठीक से काम नहीं कर पाता है। ऐसा होने पर, फ्लुइड रिटेंशन, मांसपेशियों में नुकसान, आंतरिक रक्तस्राव, पीलिया और लिवर की विफलता जैसे लक्षण पैदा हो सकते हैं।

उन्होंने कहा कि एनएएफएलडी के लक्षणों में प्रमुख हैं- थकान, वजन घटना या भूख की कमी, कमजोरी, मितली, सोचने में परेशानी, दर्द, जिगर का बढ़ जाना और गले या बगल में काले रंग के धब्बे।

आईएमए अध्यक्ष ने बताया, एनएएफएलडी का अक्सर तब पता चल पाता है जब लिवर की कार्य प्रणाली ठीक न पाई जाए, हेपेटाइटिस न होने की पुष्टि हो जाए। हालांकि, लिवर ब्लड टैस्ट सामान्य होने पर भी एनएएफएलडी मौजूद हो सकता है। किसी भी बीमारी को और अधिक गंभीर स्तर तक आगे बढ़ने से रोकने के लिए कुछ हद तक जीवनशैली में परिवर्तन करने की जरूरत होती है।

यहां कुछ सरल जीवनशैली परिवर्तन सुझाए जा रहे हैं जो इस स्थिति से बचाव में कारगर हो सकते हैं :

* वजन संतुलित रखें

* फलों व सब्जियों का खूब सेवन करें

* हर दिन न्यूनतम 30 मिनट शारीरिक व्यायाम करें

* शराब का सेवन सीमित करें या इसे लेने से बचें

* केवल आवश्यक दवाएं ही लेनी चाहिए और परहेज पर ध्यान दें।

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अन्तर्राष्ट्रीय

जेपी मॉर्गन के CEO बोले- अमेरिका को भी पीएम मोदी जैसे मजबूत नेता की जरुरत

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नई दिल्ली। अमेरिकी बैंकिंग फर्म जेपी मॉर्गन चेज के सीईओ जेमी डिमन ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की है। उन्होंने तो यहाँ तक कह दिया कि अमेरिका को भी पीएम मोदी जैसे मजबूत नेताओं की आवश्यकता है। जेमी डिमन ने कहा कि पीएम मोदी ने भारत में जबदरस्त और अविश्वसनीय काम किया है। अमेरिका में भी भारत नरेंद्र मोदी की तरह का प्रधानमंत्री होना चाहिए।

इकोनॉमिक क्लब ऑफ न्यूयॉर्क की तरफ से आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जेमी डिमन ने कहा कि मैं अमेरिका के लिबरल प्रेस को जानता हूं, जो लगातार नरेंद्र मोदी की आलोचना करते हैं। उन्होंने 40 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है.। इस दौरान डिमन ने भारत में गरीबी उन्मूलन, बुनियादी ढ़ांचे आर्थिक विकास समेत कई अन्य विषयों पर खुलकर बात रखीं।

उन्होंने कहा, “अमेरिका के कई अधिकारी भारत को लेकर कई बातें कहते हैं, लेकिन अपना देश कैसे चलाना है इस बारे में सोचने की जरूरत है। भारत में नरेंद्र मोदी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुछ देशों की सरकारें जलवायु परिवर्तन और श्रम अधिकारों को लेकर भारत की आलोचना करती हैं, जबकि उनके पास शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं है। फिर भी वो डटकर चुनौतियों का समाना कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘भारत ने एक नई चलन शुरू की है, जिसमें लोगों को फिंगर प्रिंट और आंख से पहचान की जाती है। यह भी भारत के लिए एक उल्लेखनीय है।

डिमन ने आगे कहा कि भारत मूलभूत सुविधाओं पर काम करते हुए आगे की दिशा में काम कर रहा है। विकासशील देश से विकसित देश की ओर बढ़ने के लिए वहां की सरकार लगातार प्रयास कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को बढ़ाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं।

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