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नेशनल

दिल्ली : सीवेज संयंत्र की सफाई के दौरान 2 की मौत

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नई दिल्ली, 12 अगस्त (आईएएनएस)| राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सीवर की सफाई के दौरान मौत का एक और मामला सामने आया है। शनिवार को दिल्ली के एक मॉल के सीवेज संयंत्र में सफाई के दौरान दो भाइयों की मौत हो गई। पुलिस ने यह जानकारी दी। दोनों भाइयों को बचाने में उनके पिता और एक राहतकर्मी की भी हालत बिगड़ गई और उन्हें एक अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।

पुलिस उपायुक्त नूपुर प्रसाद ने बताया कि 50 वर्षीय यूसुफ और उसके दो बेटे 24 वर्षीय जहांगीर और 22 वर्षीय एजाज शनिवार को पूर्वी दिल्ली के आनंद विहार इलाके में स्थित अगरवाल फन सिटी मॉल में सीवेज संयंत्र की सफाई करने गए थे। हादसा अपराह्न करीब 1.0 बजे हुआ।

सफाई के दौरान दोनों भाइयों की मौत के बारे में पूछे जाने पर प्रसाद ने आईएएनएस को बताया कि मरने वाले दोनों सफाइकर्मियों ने सुरक्षा उपकरण नहीं पहन रखे थे और अब तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है।

पुलिस के अनुसार, मृतक उत्तर प्रदेश के सहिबाबाद के रहने वाले थे।

प्रसाद ने बताया, गैस का रिसाव होने के कारण दोनों सफाइकर्मियों की दम घुटने से मौत हो गई, जबकि उन्हें बचाने गए राहतकर्मी महिपाल की भी गैस के प्रभाव में आने से हालत बिगड़ गई।

पुलिस ने बताया कि सभी को अस्पताल पहुंचाया गया, जहां जहांगीर को तुरंत मृत घोषित कर दिया गया, जबकि एजाज की उपचार के दौरान मौत हुई।

उन्होंने बताया कि यूसुफ और महिपाल का इलाज चल रहा है तथा घटना पर एक मामला दर्ज कर लिया गया है।

इससे पहले बीते रविवार को दक्षिणी दिल्ली के लाजपत नगर इलाके में सीवर की सफाई करने के दौरान तीन लोगों की मौत हो गई थी।

पिछले महीने भी दक्षिणी दिल्ली के घिटोरनी इलाके में एक मॉल के ‘हार्वेस्टिंग टैंक’ की सफाई करने उतरे चार लोगों की जहरीली गैस के चलते मौत हो गई थी।

दोनों ही मामलों में सुरक्षा उपकरणों की कमी मौत की वजह बनी।

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उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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