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नेशनल

एनडीडीबी ने नोएडा, दिल्ली में शुरू किया ‘गिफ्ट मिल्क’ प्रोग्राम

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नई दिल्ली, 11 अगस्त (आईएएनएस)| राष्ट्रीय डेरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) फाउन्डेशन फॉर न्यूट्रीशन ने शुक्रवार को नोएडा और दिल्ली के तीन-तीन सरकारी स्कूलों में अपने अनूठे ‘गिफ्ट मिल्क’ प्रोग्राम की शुरुआत की। मदर डेयरी फ्रूट एण्ड वेजीटेबल प्राइवेट लिमिटेड इस पहल के लिए दानदाता एवं कार्यान्वयन एजेन्सी होगी। प्रोग्राम के तहत कवर किए गए स्कूल नोएडा के सेक्टर-44, सेक्टर-51 और सदरपुर क्षेत्रों में तथा दिल्ली के चितरंजन पार्क एवं मादीपुर क्षेत्रों में हैं।

राष्ट्रीय डेरी विकास बोर्ड के अध्यक्ष दिलिप रथ तथा मदर डेयरी के प्रबंध निदेशक संजीव खन्ना ने नोएडा के सेक्टर-51 स्थित राजकीय बालिका इंटर कॉलेज की छात्राओं को दूध का पहला लॉट वितरित कर प्रोग्राम का आरम्भ किया।

दिलिप रथ ने इस मौके पर कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य सर्वेक्षण 2015-16 के अनुसार लगभग 36 फीसदी बच्चे कुपोषित हैं। कुपोषण की इस समस्या का समाधान दूध से सम्भव है क्योंकि दूध अपने आप में पोष्टिक आहार है।

रथ ने कहा, वर्तमान में यह प्रोग्राम दिल्ली, तेलंगाना और गुजरात के 7 स्कूलों के माध्यम से 3500 बच्चों को लाभान्वित कर रहा है। अब तक एनडीडीबी फाउन्डेशन फॉर न्यूट्रीशन सरकारी स्कूलों के बच्चों में तकरीबन 6 लाख युनिट दूध वितरित कर चुकी है। आज एनडीडीबी फाउन्डेशन फॉर न्यूट्रीशन ‘गिफ्ट मिल्क’ प्रोग्राम के तहत नोएडा और दिल्ली में करीब 6000 छात्राओं के साथ 6 सरकारी कन्या स्कूलों को जोड़ देगा। मदर डेयरी सभी कार्य दिवसों पर छात्रों को 200 एमएल फ्लेवर्ड दूध वितरित करेगी।

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उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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