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बिजनेस

बंधन बैंक का लक्ष्य 25 फीसदी गैरसूक्ष्म ऋण विस्तार पर

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कोलकाता, 27 जुलाई (आईएएनएस)| निजी क्षेत्र के ऋणदाता बंधन बैंक ने अगले पांच सालों में गैरसूक्ष्म ऋण में 25 फीसदी के विस्तार के लक्ष्य रखा है। कंपनी के अधिकारियों ने गुरुवार को यह जानकारी दी।

बैंक के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी चंद्र शेखर घोष ने बताया, वर्तमान में बैंक का 90 फीसदी ऋण सूक्ष्म ऋण है जबकि बाकी गैरसूक्ष्म ऋण है।

उनके मुताबिक बैंक का जोर एमएसएमई और किफायती आवास खंड पर है ताकि वह गैरसूक्ष्म ऋण में वृद्धि कर सके।

उन्होंने कहा, हमारा लक्ष्य वित्त वर्ष के अंत तक अपनी शाखाओं की संख्या बढ़ाकर 1,000 करने की है। वर्तमान में हमारी देश भर में कुल 840 शाखाएं है, जिसमें से 70 फीसदी ग्रामीण इलाकों में है।

घोष ने कहा, अप्रैल-जून तिमाही में बैंक के फंसे हुए कर्जे (एनपीए) 150 करोड़ रुपये रहा, जो कि पिछले साल की समान तिमाही में 86 करोड़ रुपये था। 175 करोड़ के एनपीए में से 75 फीसदी केवल तीन राज्यों में है।

बंधन बैंक ने गुरुवार को 30 जून को खत्म हुई तिमाही में मुनाफे में सालाना आधार पर 35 फीसदी की बढ़ोतरी की जानकारी दी थी, जो 327 करोड़ रुपये रही थी। जबकि एक साल पहले समान अवधि में यह 242 करोड़ रुपये थी।

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बिजनेस

मुंबई बना एशिया के अरबपतियों की राजधानी, बीजिंग को पीछे छोड़ा

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मुंबई। मुंबई में अरबपतियों की संख्या बीजिंग से अधिक हो गई है। हुरुन रिसर्च की 2024 ग्लोबल रिच लिस्ट के अनुसार, मुंबई में 92 अरबपति हैं, जबकि बीजिंग में 91 अरबपति हैं। हालांकि चीन में भारत के 271 की तुलना में कुल मिलाकर 814 अरबपति हैं। ग्लोबल लेवल पर, मुंबई अब न्यूयॉर्क के बाद अरबपतियों के मामले में तीसरे स्थान पर पहुंच गया है, न्यूयार्क में अरबपतियों की संख्या 119 है। लिस्ट के मुताबिक, सात साल बाद लंदन 97 के साथ दूसरे स्थान पर है।

रिपोर्ट में कहा गया है, “मुंबई दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ते अरबपतियों की राजधानी है, इस साल इसमें 26 अरबपति शामिल हुए और यह दुनिया में तीसरा व एशिया में अरबपतियों की राजधानी बन गया है। नई दिल्ली पहली बार शीर्ष 10 में शामिल हुई।” भारत की आर्थिक शक्ति उसकी अरबपति आबादी में उल्लेखनीय वृद्धि से और भी अधिक रेखांकित हुई। देश में आश्चर्यजनक रूप से 94 नए अरबपति जुड़े, जो संयुक्त राज्य अमेरिका को छोड़कर किसी भी देश में सबसे अधिक है। कुल मिलाकर यहां 271 अरबपति हो गए। यह उछाल 2013 के बाद से सबसे ज्‍यादा है और भारतीय अर्थव्यवस्था में बढ़ते आत्मविश्‍वास का प्रमाण है।

2024 हुरुन ग्लोबल रिच लिस्ट रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय अरबपतियों की संचयी संपत्ति चीन की प्रति अरबपति औसत संपत्ति (3.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर बनाम 3.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर) को पार करते हुए 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गई।

रिपोर्ट में बताया गया है कि उद्योग के लिहाज से फार्मास्युटिकल क्षेत्र 39 अरबपतियों के साथ सबसे आगे है, इसके बाद ऑटोमोबाइल और ऑटो कंपोनेंट उद्योग (27) और रसायन क्षेत्र (24) का स्थान है। सामूहिक रूप से भारतीय अरबपतियों की संपत्ति 1 खरब डॉलर के बराबर है, जो वैश्विक अरबपतियों की संपत्ति का 7 फीसदी है, जो देश के पर्याप्त आर्थिक प्रभाव को दर्शाता है।

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