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वायरल हेपेटाइटिस देश में एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या : आईएमए

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नई दिल्ली, 27 जुलाई (आईएएनएस)| इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) का कहना है कि देश में वायरल हेपेटाइटिस बी एक गंभीर समस्या है। लगभग 40 करोड़ लोग दुनिया भर में हेपेटाइटिस बी और सी से संक्रमित हैं। आईएमए के अनुसार, भारत में चार करोड़ लोग लंबे समय से हेपेटाइटिस बी से संक्रमित हैं और हेपेटाइटिस सी से पीड़ित भारतीयों की संख्या छह से 12 लाख के बीच हो सकती है। यकृत विफलता के सबसे अधिक गंभीर मामलों में हेपेटाइटिस ई वायरस (हेवीवी) को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है। हेपेटाइटिस सी वाले लगभग 90 प्रतिशत लोगों को इलाज से ठीक किया जा सकता है।

आईएमए के अध्यक्ष डॉ. के.के. अग्रवाल ने कहा, हेपेटाइटिस ए वायरस, हेपेटाइटिस बी वायरस के बाद तीव्र वायरल हेपेटाइटिस का सबसे सामान्य कारण है। कुछ गतिविधियों में शामिल होना, जैसे कि टैटू बनवाना या जाने अनजाने में संक्रमित इंजेक्शन लगवाना या फिर कई सेक्स पार्टनर होने के कारण भी हेपेटाइटिस विकसित होने का खतरा बढ़ जाता है।

डॉ. अग्रवाल ने कहा, यकृत एक महत्वपूर्ण अंग है, जो प्रोटीन पोषक तत्वों और संक्रमणों से लड़ने में मदद करता है। जब यकृत में सूजन आ जाती है या यह क्षतिग्रस्त हो जाता है, तो इसका कार्य प्रभावित हो सकता है। हेपेटाइटिस बी को फोमाइट्स द्वारा भी प्रेषित किया जा सकता है जैसे कि रक्त प्राप्त करने के लिए इस्तेमाल होने वाले फिंगर स्टिक उपकरणों से ग्लूकोज मापन, मल्टी डोज औषधि की शीशियों, जेट गन इंजेक्टर और एंडोस्कोप।

उन्होंने कहा, हेपेटाइटिस बी एचसीवी की तुलना में 10 गुना और एचआईवी से 50-100 गुना ज्यादा संक्रामक है। एचबीवी ड्रिप में सात दिनों तक जीवित रह सकता है और संक्रमण पैदा करने में सक्षम रहता है। इसी कारण से हेपेटाइटिस बी को एचआईवी से ज्यादा खतरनाक संक्रमण माना जाता है।

डॉ. अग्रवाल ने कहा, तीव्र वायरल हेपेटाइटिस के लक्षणों में थकान, फ्लू जैसे लक्षण, गहरे रंग का मूत्र, हल्के रंग का मल, बुखार और पीलिया आदि शामिल हैं। हालांकि, तीव्र वायरल हेपेटाइटिस भी कम लक्षणों के साथ हो सकता है और अज्ञात रह सकता है। कई बार, तीव्र वायरल हेपेटाइटिस बड़े पैमाने पर यकृत संबंधी विफलता का कारण बन सकता है।

उन्होंने कहा कि तीव्र वायरल हेपेटाइटिस के लिए प्रारंभिक उपचार में मितली, उल्टी और पेट दर्द के लक्षणों से राहत मिलना प्रमुख है। यदि दवा से किसी रोगी में विपरीत लक्षण दिखने लगें तो दवा रोक देना बेहतर है। बिगड़ा हुआ जिगर सामान्य रूप से दवाओं से ठीक नहीं हो पाता।

हेपेटाइटिस को रोकने के उपाय :-

टीका लगवाएं : हेपेटाइटिस ए और बी टीके बहुत प्रभावी होते हैं और इन्हें अलग इंजेक्शन से लगाना चाहिए। अपने चिकित्सक से परामर्श करना और किसी भी संक्रमण से बचने के लिए समय पर टीकाकरण करना बेहतर होता है।

हाथ धोने की आदत : यह सुनिश्चित करें कि परिवार में हर कोई बाथरूम जाने (या डायपर बदलने) के बाद और भोजन करने से पहले हाथ धोए।

किसी अन्य के रक्त संपर्क से बचें : रक्त का कोई भी संपर्क हेपेटाइटिस बी और सी को प्रसारित कर सकता है। इसलिए अगर आप इसके संपर्क में आते हैं तो अच्छी तरह से हाथ धो लें।

टैटू से सावधान रहें : किसी लाइसेंसधारी पेशेवर द्वारा ही टैटू गुदवाएं। सुइयों और टैटू से हेपेटाइटिस होने का डर रहता है।

सुरक्षित सेक्स : उचित गर्भनिरोधक विकल्प का उपयोग करें। यौन साथी अधिक होने पर हेपेटाइटिस संक्रमण की आशंका बढ़ जाती है।

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बाहुबली मुख्तार अंसारी की हार्ट अटैक से मौत, बांदा जेल में बिगड़ी थी तबीयत

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लखनऊ। बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई है। बांदा जेल में मुख्तार को हार्ट अटैक आया था, इसके बाद मुख्तार अंसारी को बांदा मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। सूत्रों के मुताबिक जेल से लाते वक्त मुख्तार बेहोश था। मुख्तार अंसारी की हालत गंभीर बनी हुई थी। 9 डॉक्टरों का पैनल मुख्तार अंसारी के लिए तैनात किया गया था। इलाज के दौरान मुख्तार अंसारी की मौत हो गई। इस मामले में मेडिकल कॉलेज बांदा के प्रिंसिपल ने चुप्पी साधी हुई है। उधर मुख्तार की मौत के बाद मऊ, बांदा और गाजीपुर में धारा 144 लागू हो गई है। इसके साथ ही यूपी में हाई अलर्ट है और सभी कप्तानों को अलर्ट पर रहने पर कहा गया है।

प्रयागराज में मुख्तार और उनके परिवार का इलाहाबाद हाईकोर्ट में केस देखने वाले वकील अजय श्रीवास्तव प्रयागराज से बांदा के लिए रवाना हो गए हैं। उनका कहना है कि जेल या प्रशासन की तरफ से अभी तक मुख्तार अंसारी के परिवार को कोई सूचना नहीं दी गई है। हालांकि मुख्तार के बेटे उमर अंसारी भी बांदा के लिए रवाना हो गए हैं।

बता दें कि मुख़्तार अंसारी की तबियत रात में अचानक खराब हो जाने और शोचालय में गिर जाने के कारण उसे तत्काल जेल डॉक्टर ने उपचार दिया गया। इसके बाद जिला प्रशासन को अवगत कराकर डॉक्टर्स की टीम बुलायी गई थी। डॉक्टर्स ने मुख्तार  को मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया था। इसके बाद बंदी मुख्तार अंसारी को पुलिस सुरक्षा में मेडिकल कालेज बांदा में भर्ती करा दिया गया था।

बता दें कि मुख्तार अंसारी को पिछले 18 महीने में 8 मामलो में सजा मिल चुकी थी, उसके खिलाफ अलग-अलग जिलों के थानों में कुल 65 मुकदमे दर्ज थे। पिछले 18 सालों से मुख्तार अंसारी जेल में बंद था। यूपी की बांदा जेल में बंद बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी को हार्ट अटैक आया था जिसके बाद उसे बांदा के रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था,लेकिन इलाज के दौरान मुख्तार अंसारी की मौत हो गई।

 

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