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बिजनेस

राष्ट्रीय मुनाफाखोरी रोधी प्राधिकरण के गठन के लिए समिति

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नई दिल्ली, 25 जुलाई (आईएएनएस)| जीएसटी परिषद ने जीएसटी के अंतर्गत मुनाफाखोरी के खिलाफ राष्ट्रीय प्राधिकरण के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति के लिए योग्य लोगों की पहचान और सिफारिश करने के लिए कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में एक चयन समिति गठित की है। मुनाफाखोरी के खिलाफ राष्ट्रीय प्राधिकरण का कार्य उपभोक्ताओं को वस्तुओं और सेवाओं के प्रवाह पर कर में कटौती के पूर्ण लाभ सुनिश्चित करना है। जीएसटी परिषद द्वारा गठित किए जाने पर, यह प्राधिकरण वस्तुओं अथवा सेवाओं की आपूर्ति पर जीएसटी की दर में कटौती अथवा यदि मूल्यों में अनुपातिक कटौती द्वारा प्राप्तकर्ता को इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ नहीं सौंपे जाने की स्थिति में मुनाफाखोरी के खिलाफ उपायों को लागू करने के लिए जिम्मेदार होगा। इस प्राधिकरण का नेतृत्व सचिव स्तर का वरिष्ठ अधिकारी करेगा और इसमें केन्द्र और/अथवा राज्यों के चार तकनीकी सदस्य होंगे।

मुनाफाखोरी के खिलाफ उपायों के बारे में पहले से ही अधिसूचित नियमों में व्यवस्था की गई है कि मुनाफाखोरी के खिलाफ उपायों को शुरू करने के लिए आवेदनों की स्थायी समिति द्वारा जांच की जाएगी, लेकिन यदि आवेदन स्थानीय मामले से जुड़ा है जिसमें व्यवसाय केवल एक राज्य में है, इसकी पहले राज्य स्तर की स्क्रीनिंग कमेटी जांच करेगी। स्थायी समिति को अधिकार है कि वह ऐसे मामलों को रक्षा महानिदेशक के पास भेज दें, जिसमें विस्तृत जांच की जरूरत है।

यदि प्राधिकरण मुनाफाखोरी के खिलाफ उपायों को लागू करने की आवश्यकता की पुष्टि कर देता है तो उसे यह अधिकार है कि वह संबद्ध व्यवसाय को अपने दामों को कम करने का आदेश दें अथवा वस्तुओं और सेवाओं के प्राप्तकर्ता के ब्याज के साथ प्राप्त अनुचित लाभ को वापस करे। यदि अनुचित लाभ प्राप्तकर्ता को नहीं दिया जा सकता है तो इसे उपभोक्ता कल्याण कोष में जमा करने का आदेश दिया जा सकता है। मुनाफाखोरी के खिलाफ राष्ट्रीय प्राधिकरण अधिक से अधिक भुगतान नहीं कर सकने वाली व्यवसायिक संस्था पर जुर्माना लगा सकती है और यहां तक कि जीएसटी के अंतर्गत उसका पंजीकरण रद्द करने का आदेश दे सकती है। इस प्राधिकरण के गठन से उपभोक्ता का विश्वास बढ़ने और सभी साझेदारों को जीएसटी के लाभ मिलने की उम्मीद है।

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बिजनेस

रिलायंस जियो ने बनाया कीर्तिमान, डेटा खपत में चीन को पीछे छोड़ बना दुनिया का सबसे बड़ा मोबाइल ऑपरेटर

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नई दिल्ली। भारतीय टेलीकॉम सेक्टर में अपनी धाक जमाने के बाद रिलायंस जियो ने डेटा खपत के मामले में एक नया वैश्विक रिकॉर्ड कायम किया है। रिलायंस जियो, डेटा ट्रैफिक में वर्ल्ड की नंबर वन कंपनी बन गई है। पिछली तिमाही में कुल डेटा ट्रैफिक 40.9 एक्साबाइट दर्ज किया गया। वहीं दुनिया में डेटा ट्रैफिक में अब तक नंबर वन कंपनी रही चाइना मोबाइल लुढ़क कर नंबर दो पोजिशन पर पहुंच गई। उसके नेटवर्क पर डेटा खपत तिमाही में 40 एक्साबाइट से भी कम रही। चीन की एक और कंपनी चाइना टेलीकॉम डेटा खपत के मामले में तीसरे नंबर पर, तो भारत की एयरटेल चौथे नंबर पर रही। दुनिया भर की टेलीकॉम कंपनियों के डेटा ट्रैफिक, ग्राहक आधार पर नजर रखने वाली टीएफिशियंट ने अपनी रिपोर्ट में यह जानकारी दी।

5जी सेवाओं के शुरु होने के बाद, रिलायंस जियो के डेटा खपत में पिछले वर्ष के मुकाबले 35.2 फीसदी का उछाल देखने को मिला। इस उछाल की मुख्य वजह है जियो का ट्रू 5जी नेटवर्क और जियो एयर फाइबर का विस्तार। जियो नेटवर्क रिलायंस जियो के तिमाही नतीजों के मुताबिक जियो ट्रू 5जी नेटवर्क पर 10 करोड़ 80 लाख ग्राहक जुड़ चुके हैं और जियो के कुल डेटा ट्रैफिक का करीब 28 फीसदी हिस्सा अब 5जी नेटवर्क से आ रहा है। दूसरी तरफ जियो एयर फाइबर ने भी देश भर के 5,900 शहरों में अपनी सेवाएं शुरू कर दी हैं।

हालिया जारी तिमाही नतीजों में कंपनी ने जो आंकड़े मुहैया कराए हैं उनके मुताबिक जियो नेटवर्क पर प्रति ग्राहक मासिक डेटा खपत बढ़कर 28.7 जीबी हो गई है, जो तीन साल पहले केवल 13.3 जीबी थी। बताते चलें 2018 में भारत में एक तिमाही का कुल मोबाइल डेटा ट्रैफिक मात्र 4.5 एक्साबाइट था।

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