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जेटली ने दिलाया भरोसा, सेना के पास पर्याप्‍त मात्रा में गोला–बारूद

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नई दिल्ली। रक्षामंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को राज्यसभा को आश्वस्त किया कि रक्षा बल के पास पर्याप्त मात्रा में गोला-बारूद हैं।

विपक्षी सदस्यों ने जब केंद्रीय लेखा परीक्षक की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए गोला-बारूद की कमी पर चिंता जताई, तब जेटली ने उन्हें यह भरोसा दिलाया।

नियंत्रक एवं लेखा महापरीक्षक की रिपोर्ट में बीते सप्ताह जिक्र किया गया था कि भारतीय सेना गोला-बारूद की कमी से जूझ रही है।

खासतौर से टैंक और तोपों की कमी है और 152 प्रकार के हथियारों में से 121 युद्ध के आवश्यक न्यूनतम मानकों के अनुरूप नहीं हैं।

उच्च सदन में मुद्दा उठाते हुए मंगलवार को समाजवादी पार्टी के नेता रामगोपाल यादव ने कहा कि हथियारों की कमी का मुद्दा गंभीर है क्योंकि पाकिस्तान और चीन दोनों से लगी सीमाओं पर तनाव जारी है।

उन्होंने कहा, “सीमा पर तनाव है, हम जानते हैं कि चीन और पाकिस्तान क्या कर रहे हैं। क्या कारण है कि हमारे पास 10 दिन से ज्यादा खपत के लायक गोला-बारूद नहीं हैं।” हालांकि, जेटली ने कहा कि इस रिपोर्ट का जिक्र एक खास समय के हिसाब से किया गया है।

जेटली ने कहा, “एक विशेष रिपोर्ट 2013 में दी गई थी और इसकी अनुवर्ती एक रिपोर्ट हाल में जमा की गई है, इसे लोक लेखा समिति के समक्ष रखे जाने की संभावना है। हम कैग की रिपोर्ट पर चर्चा नहीं करते, लेकिन हम रिपोर्ट को ध्यान में रखेंगे।”

उन्होंने कहा, “रिपोर्ट का संदर्भ एक समय विशेष से है। इसके बाद से पर्याप्त रूप से महत्वपूर्ण प्रगति हुई है। प्रक्रिया सरल हो गई है, शक्तियों को विकेंद्रीकृत किया गया है और सशस्त्र बलों को यथोचित और पर्याप्त रूप से सुसज्जित किया गया है। हम सदन को इसका भरोसा देते हैं।”

सरकार ने हाल ही में सेना के उप प्रमुख को सीधे तौर पर छोटी लड़ाई और गहन युद्ध के लिए 46 तरह के युद्धोपकरण रक्षा मंत्रालय की अनुमति के बिना खरीदने की शक्ति प्रदान की है।

बीते साल 18 सितंबर को जम्मू एवं कश्मीर के उड़ी आधार शिविर पर आतंकवादी हमले के बाद 20 हजार करोड़ रुपये के हथियारों के आपातकालीन खरीद को मंजूरी दी गई थी।

कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा कि युद्धोपकरण खरीदने की शक्ति के विकेंद्रीकरण का निर्णय हाल में लिया गया है।

सरकार ने इसके लिए बीते तीन साल में कुछ नहीं किया है। इसके लिए उन्होंने पूर्व रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर की आलोचना की और उन्हें नाकामयाब बताया।

कैग की रिपोर्ट में गोला-बारूद के भंडारण की दिशा में 2013 के बाद अपर्याप्त कदम उठाए जाने के बारे में इशारा किया गया है।

संचालन की जरूरतों के मुताबिक 2019 के लिए तय लक्ष्य के मुताबिक, सेना को 40 दिनों के बड़े युद्ध के लिए पर्याप्त गोला-बारूद से लैस होना चाहिए।

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प्रियंका गांधी ने सहारनपुर में किया रोड शो, कहा- मोदी सत्ता को पूजते हैं सत्य को नहीं

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सहारनपुर। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने 2024 लोकसभा चुनाव के तहत सहारनपुर में रोड शो किया। इस दौरान उन्होंने पीएम मोदी और बीजेपी पर जमकर निशाना साधा। प्रियंका ने कहा कि इस देश ने सत्ता को नहीं सत्य को पूजा है और मोदी सत्ता को पूजते हैं सत्य को नहीं। रोड शो के दौरान प्रियंका गांधी ने रामनवमी पर कहा कि भगवान राम ने भी सत्य की लड़ाई लड़ी थी। जब उनके सामने रावण युद्ध करने के लिए आया तो सारी शक्ति रावण के पास थी, लेकिन भगवान राम ने नौ व्रत रखकर सारी शक्ति अपने पास ले ली थी। इसके बाद रावण से युद्ध किया और सत्य की जीत हुई।

यह रोड शो कांग्रेस के लोकसभा उम्मीदवार इमरान मसूद के समर्थन में आयोजित किया गया था। प्रियंका गांधी ने कहा कि मैं हर जगह यही कह रही हूं कि ये चुनाव जनता का होना चाहिए, जनता के मुद्दों पर होना चाहिए। मोदी जी और बीजेपी के नेता बेरोजगारी, महंगाई, किसानों, महिलाओं की बात नहीं कर रहे हैं। जो असली समस्याएं महिलाओं-किसानों की है, उनके बारे में बात ही नहीं हो रही है। बात इधर उधर की ध्यान भटकाने की हो रही है। उन्होंने आगे कहा कि जो सत्ता में बैठे हैं, वह माता शक्ति और सत्य के उपासक नहीं हैं, ‘सत्ता’ के उपासक हैं। वो सत्ता के लिए किसी भी हद तक गिर जाएंगे। सत्ता के लिए सरकारें गिरा देंगे, विधायकों को खरीदेंगे, अमीरों को देश की संपत्ति दे देंगे। यह हमारे देश की परंपरा नहीं है। भगवान श्रीराम ‘सत्ता’ के लिए नहीं, ‘सत्य’ के लिए लड़े। इसलिए हम उनकी पूजा करते हैं। आज रामनवमी का शुभ दिन है, इसलिए मैं बहुत खुश हूं। वाल्मीकि रामायण में लिखा है कि जब भगवान राम युद्ध भूमि में उतरे तो देखा कि माता की शक्तियां रावण के पास थीं। जिसके बाद उन्होंने नौ दिनों तक माता की आराधना की और 108 नील कमल मां के चरणों में अर्पण किए।

उन्होंने कहा कि जिसके बाद माता ने उनकी परीक्षा लेने को सोची और 108वां कमल छिपा दिया। लेकिन, भगवान राम के पास श्रद्धा की शक्ति थी, उन्हें याद आया कि उनकी मां उन्हें बचपन में ‘राजीव लोचन’ कहती थीं। यह बात याद आते ही भगवान राम अपने नयन निकालने ही जा रहे थे, तभी माता ने उन्हें रोकते हुए कहा कि मैं तुम्हारी श्रद्धा से प्रसन्न हुई। मेरी शक्ति तुम्हारे साथ है। हम भगवान राम को इसलिए पूजते हैं, क्योंकि उन्होंने सच्ची श्रद्धा के साथ यह लड़ाई लड़ी और जनता को सर्वोपरि रखा। जनता पर अन्याय करने वाली भाजपा की विदाई तय है।

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