आध्यात्म
उप्र : सावन के तीसरे सोमवार पर हर-हर महादेव से गूंजे शिवालय
लखनऊ, 24 जुलाई (आईएएनएस/आईपीएन)। लखनऊ के शिव मंदिरों में श्रावण मास के तीसरे सोमवार को महादेव का जलाभिषेक करने के लिए श्रद्धालुओं का सैलाब भोर से ही मंदिरों के आगे उमड़ पड़ा। अपने अराध्य महादेव के दर्शन के लिए श्रद्धालु आतुर दिखे। भोलेनाथ के श्रृंगार के बाद मंदिरों के कपाट सोमवार तड़के जैसे खुले, वातावरण की हर-हर महादेव के जयकारों के गूंज उठा। हर कोई भोलेनाथ पर जल, दूध और बेलपत्र अर्पित करने के लिए आतुर दिखा। सावन के तीसरे सोमवार को शिवालयों में मनोकामनाएं पूरी कराने के लिए भोलेनाथ का श्रृंगार कर आराधना की गई। मंदिरों में पूरी तरह से सजे-संवरे शिवालय बेहद आकर्षक लग रहे थे। राजधानी के सबसे प्राचीन शिवालयों में से एक डालीगंज स्थित मनकामेश्वर मंदिर में तड़के तीन बजे से ही कपाट खुलने के साथ श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी रही।
मनकामेश्वर मंदिर में बाबा भोलेनाथ के श्रृंगार के बाद भक्तों के लिए रविवार को कपाट खोल दिए गए। महंत साध्वी देव्यागिरि ने भोलेनाथ का श्रृंगार पूरा होने के बाद उनकी आरती की। लखनऊ के इस मंदिर की काफी मान्यता है। आरती में हिस्सा लेने के लिए भोर से ही भक्तों की लाइन लगनी शुरू हो गई थी।
इसके अलावा राजधानी के कोनेश्वर, भूतनाथ मंदिर, बुद्धेश्वर, राजेंद्र नगर में महाकाल मंदिर, द्वादश ज्योतिर्लिंग छोटा-बड़ा शिवालय सहित सभी शिवालयों पर भक्तों की भीड़ रही। इसके अलावा विभिन्न शिवालयों में शिव चालीसा, रुद्राभिषेक, महाभिषेक, महामृत्युंजय का जाप कराया गया। जहां भक्तों ने शिवलिंग पर दूध, मदार, गंगाजल, धतूरा, भांग, भस्म आदि चढ़ाकर विधि-विधान से पूजन-अर्चन किया।
आध्यात्म
होलिका दहन पर भद्रा का साया, जानें शुभ मुहूर्त
नई दिल्ली। 24 मार्च यानी आज होलिका दहन मनाया जाएगा. होली के एक दिन पहले होलिका दहन होती है जिसमें लोग बढ़ चढ़कर भाग लेते हैं। इस दिन भद्रा का साया रहेगा. जबकि रंग वाली होली 25 मार्च को रंग-गुलाल उड़ेंगे। इस साल होली पर साल का पहला चंद्र ग्रहण भी लगने वाला है। आइए जानते हैं कि इस साल होलिका दहन पर भद्रा का साया कब से कब तक रहेगा और होलिका दहन का शुभ मुहूर्त क्या रहने वाला है.
होलिका दहन पर भद्रा कब से कब तक?
24 मार्च को होलिका दहन के दिन भद्रा का साया सुबह 9 बजकर 24 मिनट से लेकर रात 10 बजकर 27 मिनट तक रहेगा। इसलिए आप रात 10 बजकर 27 मिनट के बाद ही होलिका दहन कर पाएंगे।
हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि 24 मार्च को सुबह 9 बजकर 54 मिनट से लेकर 25 मार्च को दोपहर 12 बजकर 29 मिनट तक रहेगी। ऐसे में होलिका दहन 24 मार्च को किया जाएगा. होलिका दहन का शुभ मुहूर्त 24 मार्च को रात 11.13 बजे से रात 12.27 बजे तक रहेगा।
होलिका दहन की पूजन विधि
होलिका दहन के दिन सुबह सूर्योदय से पहले उठें और स्नानादि के बाद साफ-सुथरे वस्त्र धारण करें। शाम के वक्त होलिका दहन के स्थान पर पूजा के लिए जाएं। यहां पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठें. सबसे पहले होलिका को उपले से बनी माला अर्पित करें। अब रोली, अक्षत, फल, फूल, माला, हल्दी, मूंग, गुड़, गुलाल, रंग, सतनाजा, गेहूं की बालियां, गन्ना और चना आदि चढ़ाएं।
फिर होलिका पर एक कलावा बांधते हुए 5 या 7 बार परिक्रमा करें. होलिका माई को जल अर्पित करें और सुख-संपन्नता की प्रार्थना करें। शाम को होलिका दहन के समय अग्नि में जौ या अक्षत अर्पित करें. इसकी अग्नि में नई फसल को चढ़ाते हैं और भूनते हैं। भुने हुए अनाज को लोग घर लाने के बाद प्रसाद के रूप में बांटतें हैं। शास्त्रों में ऐसा करना बहुत ही शुभ माना गया है।
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