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प्रादेशिक

यूपी विधानसभा में मिला विस्फोटक, सीएम ने बुलाई इमरजेंसी मीटिंग

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा में सदन के अन्दर विस्फोटक सामग्री मिलने से हडकंप मच गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस संबंध में उच्चस्तरीय बैठक बुलाने के साथ ही मामले की जांच सघनता से करने के आदेश दिए हैं।

गुरुवार को विधानसभा सत्र के दौरान सुरक्षा सदस्यों को संदिग्ध व्हाइट पाउडर मिला था। जिसके बाद डॉग स्क्वॉड ने पूरी असेंबली की छानबीन की थी। इस पाउडर को फॉरेंसिक लैब भेजा गया। इस पाउडर का वजन 60 ग्राम था।

अब पुष्टि हो गई है कि यह पीईटीएन विस्फोटक है। इसे विधानसभा की सुरक्षा में बड़ी चूक माना जा रहा है। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मुद्दे पर अहम बैठक बुलाई है, बैठक में सुरक्षा को लेकर चर्चा होगी। आपको बता दें कि इन दिनों यूपी विधानसभा में बजट सत्र चल रहा है।

राज्य के अपर पुलिस महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था) आनन्द कुमार ने बताया कि यह विस्फोटक नेता विरोधी रामगोविंद चौधरी की कुर्सी के आसपास मिला है। उनका कहना था कि इस विस्फोटक के लिए डेटोनेटर की जरूरत होती है लेकिन डेटोनेटर नहीं मिले हैं।

उन्होंने माना कि यह सुरक्षा में चूक है लेकिन पूरी जांच के बगैर कुछ और नहीं कहा जा सकता। उन्होंने कहा कि मामले की जांच जारी है।

क्या होता है पीईटीएन?
पेंटाएरीथ्रीटोल ट्राइनाइट्रेट यानी पीईटीएन बेहद पावरफुल प्लास्टिक एक्सप्लोसिव है। ये व्हाइट पाउडर चरमपंथियों, आतंकियों के बीच पॉप्युलर है, क्योंकि ये ब्लैक मार्केट में आसानी से मिलता है और चेक प्वाइंट्स पर इसकी जांच बेहद मुश्किल है।

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उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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