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अन्तर्राष्ट्रीय

Google पर लगा अब तक का सबसे बड़ा Fine, बन गया रिकॉर्ड

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लंदन। यूरोपीय संघ (ईयू) ने मंगलवार को दिग्गज इंटरनेट कंपनी गूगल (Google) पर अब तक का सर्वाधिक 2.7 अरब डॉलर का जुर्माना (Fine) लगाया है। गूगल पर यह जुर्माना सर्च के क्षेत्र में अपने एकाधिकार का दुरुपयोग कर स्पर्धारोधी नियमों का उल्लंघन करने के लिए लगाया गया है।

सात वर्ष तक चली जांच में पाया गया कि गूगल ने अपने सर्च इंजन पर खोज परिणामों में अन्य वेबसाइटों की अपेक्षा अधिक कीमत होने के बावजूद अपनी शॉपिंग वेबसाइटों को तरजीह दी।

यूरोपीय आयोग ने एक बयान जारी कर कहा, “गूगल ने बाजार का सबसे बड़ा सर्च इंजन होने के नाते अपने अन्य उत्पादों को अवैध तरीके से तरजीह देकर एकाधिकार व्यापार रोधी नियमों का उल्लंघन किया है।”

यूरोपीय आयोग के आयुक्त एवं स्पर्धा नीतियों के प्रभारी मार्गरेट वेस्टगेर ने एक बयान जारी कर कहा, “गूगल ने जो कुछ किया है, वह ईयू के स्पर्धा रोधी नियमों के तहत अवैध है। गूगल ने अन्य कंपनियों को गुणवत्ता और नवाचार के आधार पर प्रतिस्पर्धा करने से रोका। सबसे अहम बात यह है कि गूगल ने यूरोपीय ग्राहकों को उत्पादों एवं सेवाओं का सही विकल्प चुनने और नवाचारों का पूरा लाभ उठाने से बाधित किया।”

बयान में कहा गया है कि गूगल को अपनी यह हरकत 90 दिनों के अंदर रोकनी होगी, अन्यथा गूगल की ही सहायक रिटेल कंपनी ‘अल्फाबेट’ के दैनिक वैश्विक कारोबार का पांच फीसदी जुर्माना देना होगा।

इससे पहले किसी प्रौद्योगिकी कंपनी पर लगा सबसे बड़ा जुर्माना 1.1 अरब डॉलर का था, जो 2009 में इंटेल पर लगा था।

ईयू गूगल से अपने सर्च इंजन पर खोज परिणामों में बदलाव लाने के लिए भी कह सकती है, जिससे कि गूगल सर्च इंजन गूगल के ही अन्य उत्पादों को तरजीह न दें।

अन्तर्राष्ट्रीय

जेपी मॉर्गन के CEO बोले- अमेरिका को भी पीएम मोदी जैसे मजबूत नेता की जरुरत

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नई दिल्ली। अमेरिकी बैंकिंग फर्म जेपी मॉर्गन चेज के सीईओ जेमी डिमन ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की है। उन्होंने तो यहाँ तक कह दिया कि अमेरिका को भी पीएम मोदी जैसे मजबूत नेताओं की आवश्यकता है। जेमी डिमन ने कहा कि पीएम मोदी ने भारत में जबदरस्त और अविश्वसनीय काम किया है। अमेरिका में भी भारत नरेंद्र मोदी की तरह का प्रधानमंत्री होना चाहिए।

इकोनॉमिक क्लब ऑफ न्यूयॉर्क की तरफ से आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जेमी डिमन ने कहा कि मैं अमेरिका के लिबरल प्रेस को जानता हूं, जो लगातार नरेंद्र मोदी की आलोचना करते हैं। उन्होंने 40 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है.। इस दौरान डिमन ने भारत में गरीबी उन्मूलन, बुनियादी ढ़ांचे आर्थिक विकास समेत कई अन्य विषयों पर खुलकर बात रखीं।

उन्होंने कहा, “अमेरिका के कई अधिकारी भारत को लेकर कई बातें कहते हैं, लेकिन अपना देश कैसे चलाना है इस बारे में सोचने की जरूरत है। भारत में नरेंद्र मोदी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुछ देशों की सरकारें जलवायु परिवर्तन और श्रम अधिकारों को लेकर भारत की आलोचना करती हैं, जबकि उनके पास शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं है। फिर भी वो डटकर चुनौतियों का समाना कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘भारत ने एक नई चलन शुरू की है, जिसमें लोगों को फिंगर प्रिंट और आंख से पहचान की जाती है। यह भी भारत के लिए एक उल्लेखनीय है।

डिमन ने आगे कहा कि भारत मूलभूत सुविधाओं पर काम करते हुए आगे की दिशा में काम कर रहा है। विकासशील देश से विकसित देश की ओर बढ़ने के लिए वहां की सरकार लगातार प्रयास कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को बढ़ाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं।

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