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मोदी ने मन की बात में आपातकाल को याद किया
नई दिल्ली, 25 जून (आईएएनएस)| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने मासिक रेडियो क्रार्यक्रम मन की बात में आपातकाल की ‘कालीरात’ को याद किया, जब हजारों राजनीतिक कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया और पूरा देश एक तरह से ‘जेल’ में तब्दील हो गया था। अपने मासिक रेडियो संबोधन ‘मन की बात’ में मोदी ने ईद व भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा पर राष्ट्र को बधाई दी। उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुस्लिम बहुल गांव में सफाई की पहल और आंध्र प्रदेश के 71 ग्राम पंचायतों में 10,000 घरों में शौचालय निर्माण की तारीफ की। मोदी मौजूदा समय में अमेरिका में हैं।
उन्होंने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो), अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर योग की पहुंच व जीईएम के सशक्तीकरण (सरकारी ई-मार्केटप्लेस) व मुद्रा जैसी योजनाओं को भी स्पर्श किया। उन्होंने लोगों को गुलदस्ता की जगह किताबें व खादी के रुमाल भेंट करने का आग्रह किया। उन्होंने लोगों से सिर्फ अध्ययन के बजाय खेल के लिए प्रोत्साहित करने की भी बात कही।
उन्होंने कहा, 25 जून, 1975 लोकतंत्र के इतिहास में ऐसी काली रात थी, जिसे कोई भी लोकतंत्र प्रेमी, कोई भी भारतीय भुला नहीं सकता। यह एक काला कालखंड है। आपातकाल में देश को जेलखाने में बदल दिया गया। विरोधी स्वर को दबोच दिया गया और प्रेस को पूरी तरह निष्प्रभावी कर दिया गया था।
प्रधानमंत्री ने कहा, देश की न्याय व्यवस्था भी अपातकाल की उस भयावह छवि से बच नहीं पाई। वर्तमान के पत्रकारिता के छात्रों व लोकतंत्र के समर्थकों को लगातार स्मरणपत्रों के जरिए उस अंधेरी अवधि के बारे में जागरूकता फैलानी चाहिए, और यह काम जारी रखना चाहिए।
मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा आपातकाल के एक वर्ष पूरा होने पर लिखी गई एक कविता भी पढ़ी, जिसमें उन्होंने आजादी वापस पाने की कामना की थी। वाजपेयी उस समय जेल में थे।
मोदी ने रविवार को अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 33वें संस्करण में 17.5 लाख रुपये की सरकारी सहायता लौटाने और अपने बलबूते पर शौचालयों का निर्माण करने के लिए उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले के एक छोटे-से गांव की सराहना की।
उन्होंने कहा, रमजान के पवित्र महीने में मुसलमान भाइयों और बहनों ने सरकार को यह पैसा लौटा दिया। उन्होंने कहा कि इन शौचालयों का निर्माण अपने श्रम व अपने पैसे से करेंगे और यह 17 लाख रुपये की राशि गांव में दूसरी सुविधाओं के लिए खर्च की जाए।
उन्होंने कहा, मुझे यह देखकर खुशी हुई कि स्वच्छता अब एक सरकारी कार्यक्रम तक सीमित नहीं है। यह समाज व लोगों के जरिए एक आंदोलन में बदल रहा है।
मोदी ने साथ ही आंध्र प्रदेश के विजयानगरम जिले के ग्रामीणों की भी सराहना की, जिन्होंने 71 गांवों के लिए 100 घंटों में 10,000 शौचालयों का निर्माण कर रिकॉर्ड बनाया।’
मोदी ने इसरो को उनकी सफलता के लिए बधाई दी।
उन्होंने कहा, यदि हमारे पैर योग पर टिके हैं तो हमारे सपने आकाश की सीमा को पार करने के हैं। कुछ दिनों पहले इसरो (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) ने अपने काटरेसैट-2 श्रृंखला के उपग्रह, एक नैनो उपग्रह और इटली, जर्मनी तथा फ्रांस सहित विभिन्न देशों के 29 उपग्रहों का प्रक्षेपण किया।
भारतीय अंतरिक्ष वैज्ञानिकों को बधाई देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देश के मंगल मिशन ने 19 जून को 1,000 दिन पूरे कर लिए, जबकि शुरुआत में इसकी अवधि सिर्फ छह महीने मानी जा रही थी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि यदि बच्चे खेल में रुचि लेते हैं तो उन्हें मौके मिलने चाहिए और उन्हें खेल के मैदान से हटाकर किताब पढ़ने को मजबूर नहीं किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा, बच्चों को खेल के साथ में पढ़ाई करनी चाहिए। यदि वे पढ़ाई में अच्छा कर सकते हैं तो उन्हें निश्चित रूप से पढ़ना चाहिए। लेकिन यदि उनमें खेल में अच्छा करने की क्षमता है तो उन्हें स्कूल, कॉलेज परिवार व आसपास के लोगों द्वारा प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए।
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दूसरे चरण में धार्मिक ध्रुवीकरण के समीकरण का चक्रव्यूह भेद पाएंगे मोदी!
सच्चिदा नन्द द्विवेदी एडिटर-इन-चीफ
लखनऊ। राजस्थान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व पीएम डॉ. मनमोहन सिंह के बयान का जिक्र करते हुए कहा कि अगर कांग्रेस केंद्र में सत्ता में आती है, तो वह लोगों की संपत्ति लेकर मुसलमानों को बांट देगी. इसके बाद ही विकास की रफ्तार पर चलने वाला चुनाव दूसरे चरण के पहले हिन्दू मुस्लिम के बीच बंट गया है। दरअसल मोदी का ये बयान यूं ही नहीं आया है, दूसरे चरण में जहां जहां मतदान होना है वहाँ की बहुतायत सीटों पर मुस्लिम मतदाता निर्णायक स्थिति में है… इसमें राहुल गांधी की वायनाड सीट भी है जहां मुस्लिम वोटर करीब 50 फीसदी है।
26 अप्रैल को लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण का मतदान होना है। पहले चरण का मतदान 19 अप्रैल को हो चुका है जिसमें कम मतदान प्रतिशत ने सत्तारूढ़ बीजेपी के केन्द्रीय नेतृत्व को चिंता में डाल दिया है। दूसरे चरण में 88 लोकसभा सीटों पर वोटिंग हैं। केरल की सभी 20 लोकसभा सीटों पर इसी चरण में मतदान हो जाएगा। कर्नाटक की 14 और राजस्थान की 13 लोकसभा सीटों पर भी मतदान होगा।
इसके पहले कि मोदी के बयान के गूढ़ार्थ को समझा जाए एक बार दूसरे चरण की सीटों का गणित समझना जरूरी हो जाता है। इसमें सबसे ज्यादा जरूरी है केरल राज्य जहां पर चल रहे लव जिहाद के किस्से और धार्मिक ध्रुवीकरण के समीकरण का चक्रव्यूह आज तक बीजेपी नहीं भेद पाई है। केरल में हिन्दू आबादी करीब 54 फीसदी है तो मुस्लिम आबादी करीब 26 फीसदी तो ईसाई वहां 18 फीसदी हैं। जबकि सिख बौद्ध और जैन महज 1 फीसदी हैं। यही वो धार्मिक समीकरण का तिलिस्म हैं जिसे बीजेपी इस बार तोड़ने का प्रयास कर रही हैं।
इतना ही नहीं केरल में करीब 15 लोकसभा सीट ऐसी हैं मुस्लिम बहुतायत में हैं। वहीं वायनाड में तो मुस्लिम आबादी करीब 50 फीसदी है जहां से राहुल गांधी पिछले बार जीत कर सांसद चुने गए थे और इस बार भी वायनाड़ के रास्ते दिल्ली पहुंचना चाहते हैं। राज्यवार नजर डालें तो पिक्चर काफी हद तक साफ हो जाती है। आखिर शब्दों पर संयम रखने वाले मोदी ने चुनावी फिजा बदलने वाला ये बयान क्यों दिया? इसके लिए इन सीटों पर नजर डालिए।
इन सीटों पर दूसरे चरण में मतदान
असम: दर्रांग-उदालगुरी, डिफू, करीमगंज, सिलचर और नौगांव।
बिहार: किशनगंज, कटिहार, पूर्णिया, भागलपुर और बांका।
छत्तीसगढ़: राजनांदगांव, महासमुंद और कांकेर।
जम्मू-कश्मीर: जम्मू लोकसभा ।
कर्नाटक: उडुपी-चिकमगलूर, हासन, दक्षिण कन्नड़, चित्रदुर्ग, तुमकुर, मांड्या, मैसूर, चामराजनगर, बेंगलुरु ग्रामीण, बेंगलुरु उत्तर, बेंगलुरु केंद्रीय, बेंगलुरु दक्षिण,चिकबल्लापुर और कोलार।
केरल: कासरगोड, कन्नूर, वडकरा, वायनाड, कोझिकोड, मलप्पुरम, पोन्नानी, पलक्कड़, अलाथुर, त्रिशूर, चलाकुडी, एर्णाकुलम, इडुक्की, कोट्टायम, अलाप्पुझा, मवेलिक्कारा, पथानमथिट्टा, कोल्लम, अट्टिंगल और तिरुअनंतपुरम।
मध्य प्रदेश: टीकमगढ़, दमोह, खजुराहो, सतना, रीवा और होशंगाबाद।
महाराष्ट्र: बुलढाणा, अकोला, अमरावती, वर्धा, यवतमाल- वाशिम, हिंगोली, नांदेड़ और परभणी।
राजस्थान: टोंक-सवाई माधोपुर, अजमेर, पाली, जोधपुर, बाड़मेर, जालोर, उदयपुर, बांसवाड़ा, चित्तौड़गढ़, राजसमंद, भीलवाड़ा, कोटा और झालावाड़-बारा।
त्रिपुरा: त्रिपुरा पूर्व।
उत्तर प्रदेश: अमरोहा, मेरठ, बागपत, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर, बुलंदशहर, अलीगढ़ और मथुरा।
पश्चिम बंगाल: दार्जिलिंग, रायगंज और बालूरघाट।
दरअसल देश की 543 लोकसभा सीटों में से 65 सीटें ऐसी हैं जहां मुस्लिम वोटर जीत और हार में बड़ी भूमिका निभाते हैं। ये वो सीटें हैं जहां मुस्लिम वोटरों की संख्या 30 फीसदी से लेकर 80 फीसदी तक है। वहीं, करीब 35-40 लोकसभा सीटें ऐसी हैं जहां इनकी मुस्लिम समुदाय के वोटरों की अच्छी खासी संख्या है। यानि करीब 100 लोकसभा सीट ऐसी हैं जहां अगर वोटों का ध्रुवीकरण हो गया तो भाजपा के लिए उसके लक्ष्य 400 के आंकड़े को हासिल करना आसान हो जाएगा। ऐसे में एक बार फिर ये साफ हो गया विपक्षी कितनी भी कोशिश कर लें वो चुनाव बीजेपी की पिच पर ही लड़ने को मजबूर हैं।
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