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अन्तर्राष्ट्रीय

शांति प्रक्रिया में शामिल हों आतंकवादी : अफगानिस्‍तान

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अफगानिस्तान, शांति, राष्ट्रपति, अशरफ गनी

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काबुलअफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने रविवार को आतंकवादियों को आगाह किया कि वे हथियार त्याग कर सरकार की ओर से जारी शांति प्रक्रिया में शामिल हो जाएं।

अफगानिस्तान, शांति, राष्ट्रपति, अशरफ गनी

राष्ट्रपति भवन में ईद-उल-फितर की नमाज के बाद गनी ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा, “हर रोज हमारे लोगों को त्रासदी में डालने वाले हथियारबंद आतंकवादियों से मैं साफ कहता हूं, यदि आप अफगान हैं तो शांति प्रक्रिया में शामिल हो जाएं, वर्ना अफगान सुरक्षा बलों की बहादुरी का सामना करें।”

गनी ने कहा कि आतंकी और उनके समर्थक ‘अलग-थलग’ पड़ गए हैं और अफगानिस्तान को अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के साथ ही देश के नागरिकों का साथ मिल रहा है।

आतंकियों के लिए सिर्फ शांति को एकमात्र विकल्प बताते हुए अफगान नेता ने कहा, “हम शांति चाहते हैं और हमारी शर्तें स्पष्ट हैं।”
गनी की यह टिप्पणी चीन के विदेश मंत्री वांग यी के दौरे के एक दिन बाद आई है। वांग यी ने कहा था कि चीन अफगानिस्तान के नेतृत्व वाले शांति समझौते का समर्थन करने के बारे में सोच रहा है। उन्होंने पाकिस्तान के साथ बातचीत में मध्यस्थ की भूमिका का भी प्रस्ताव दिया।

अफगानिस्तान व पाकिस्तान के बीच आतंकवाद को प्रोत्साहित करने को लेकर तनाव है। दोनों एक-दूसरे पर अपने क्षेत्र में आतंकवादी गतिविधियों को प्रोत्साहित करने का आरोप लगा रहे हैं।

इस महीने अफगान अधिकारियों ने काबुल शांति प्रक्रिया शुरू की है। इस शांति पहल का कई देशों व अंतर्राष्ट्रीय संगठनों ने समर्थन किया है। लेकिन इसे तालिबान विद्रोहियों ने अस्वीकार कर दिया है।

अब तक पहली आधिकारिक बैठक तालिबान व सरकार के बीच जुलाई 2015 में हुई थी, लेकि न यह प्रक्रिया कुछ दिनों बाद तालिबान संस्थापक मुल्ला उमर की मौत की खबर के बाद टूट गई।

इसके बाद से तालिबान ने बातचीत से इनकार कर दिया। नाटो के काम्बैट मिशन की समाप्ति के बाद से विद्रोहियों ने संघर्षग्रस्त देश के कई भागों पर कब्जा कर लिया है।

इससे पहले तालिबान नेता मुल्ला हबीबतुल्ला अखुंदजादा ने शुक्रवार को सरकार से किसी भी बातचीत से इनकार कर दिया था। तालिबान नेता ने कहा था कि तालिबान देश में मौजूद विदेशी सैनिकों के खिलाफ लड़ाई जारी रखेगा।

 

अन्तर्राष्ट्रीय

हेलीकॉप्टर दुर्घटना में केन्या के रक्षा प्रमुख की मौत, राष्ट्रपति ने दिए जांच के आदेश

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नई दिल्ली। केन्या के आर्मी चीफ जनरल फ्रांसिस ओगोला की एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मौत हो गई है। उनके साथ हेलीकॉप्टर पर सवार 9 और लोगों की भी जान चली गई। केन्या के राष्ट्रपति विलियम रुटो ने घटना के संबंध में जानकारी दी। राष्ट्रपति विलियम रुटो ने कहा कि केन्या के रक्षा प्रमुख और नौ अन्य शीर्ष अधिकारियों की गुरुवार को देश के एक दूरदराज के इलाके में एक सैन्य हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मृत्यु हो गई।

रुटो ने कहा, ‘मुझे केन्या रक्षा बलों के प्रमुख जनरल फ्रांसिस ओमोंडी ओगोला के निधन की घोषणा करते हुए गहरा दुख हो रहा है। दुर्घटना के कारण का पता लगाने के लिए एक जांच टीम गठित की गई है और उन्हें एल्गेयो मराकवेट काउंटी में दुर्घटना स्थल पर भेजा गया है।’

रूटो ने बताया कि जनरल ओगोला केन्या के उत्तरी रिफ्ट क्षेत्र में सैनिकों के साथ बैठक करने और वहां पर चल रहे स्कूल नवीकरण का निरीक्षण करने के लिए गुरुवार को नैरोबी से रवाना हुए थे। उन्होंने कहा, ‘मेरे लिए, केन्या रक्षा बलों के कमांडर-इन-चीफ के रूप में, यह केन्या रक्षा बलों की बिरादरी के लिए एक दुखद क्षण है और यह राष्ट्र के लिए सबसे दुर्भाग्यपूर्ण दिन है। हमारी मातृभूमि ने अपने सबसे बहादुर जनरलों में से एक को खो दिया है।’

राष्ट्रपति ने घोषणा की है कि केन्या में शुक्रवार से तीन दिनों का शोक मनाया जाएगा। केन्या के रक्षा मंत्रालय की वेबसाइट के अनुसार, जनरल ओगोला 1984 में केन्याई रक्षा बलों में शामिल हुए और केन्या वायु सेना में तैनात होने से पहले 1985 में वो दूसरे लेफ्टिनेंट बने थे। राष्ट्रपति के प्रवक्ता हुसैन मोहम्मद के अनुसार, हेलीकॉप्टर दुर्घटना के बाद केन्याई राष्ट्रपति ने नैरोबी में देश की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की एक तत्काल बैठक बुलाई है।

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