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‘सौ वर्षों तक जीने के लिए सौ वर्षों तक स्वस्थ रहना होगा’

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7वें साईन्स एक्सपो का चौथा दिन, आंचलिक विज्ञान नगरी, किंग जार्ज मेडिकल विश्वविद्यालय के प्रो. उदय मोहन, ‘‘हेल्थ एवं लाइफ स्टाइल’’ विषय, मानव 100 वर्षों तक जीने में कामयाब

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7वें साईन्स एक्सपो का चौथा दिन

लखनऊ। साईन्स एक्सपो के चौथे दिन आंचलिक विज्ञान नगरी में दिन भर गतिविधियाँ चलती रही। सबसे पहले किंग जार्ज मेडिकल विश्वविद्यालय के प्रो. उदय मोहन ने ‘‘हेल्थ एवं लाइफ स्टाइल’’ विषय पर रोचक एवं सरल शब्दों में कीमती जानकारी प्रदान की। अपने व्याख्यान में उन्होंने हेल्थ और लाइफ स्टाइल की परिभाषा बताते हुए बीमारियों के ऐसे कारण जिनपर हम काबू पा सकते हैं तथा ऐसे कारण जिनका हम कुछ नहीं कर सकते आदि पर उदाहरण देते हुए रोशनी डाली। उन्होंने बताया कि 21वीं सदी में संभवतः मानव 100 वर्षों तक जीने में कामयाब हो जायेगा, परन्तु इसके लिए उसे अपने स्वास्थ्य को भी 100 वर्षों तक स्वस्थ बनाये रखने की प्रक्रिया को सीखना होगा जिसमें रहन-सहन व खाने-पीने की अच्छी आदतों का अनुसरण अति आवश्यक होगा। उन्होंने बच्चों से अपील की कि वे सभी प्रकार के खानों का सेवन कर सकते हैं परन्तु किसी भी प्रकार के भोजन का अत्यधिक सेवन या केवल उस पर निर्भरता सही नहीं।  उन्होंने अपने खाने की थाली में क्या-क्या होना चाहिए इस बात की भी विस्तृत जानकारी दी।  प्रो. उदय मोहन ने अच्छी सेहत के कुछ नियम भी बताये। उन्होंने भोजन में पोषक तत्व, प्रतिदिन व्यायाम, सही मात्रा में नींद तथा तनाव से दूर रहने की हिदायत भी दी। प्रो. उदय मोहन ने बच्चों को नशे से हर हाल में दूर रहने की सलाह दी क्योंकि नशे से कोई भी लाभ नहीं होता। कुल मिलाकर बच्चों ने इस व्याख्यान को बहुत ध्यान से सुना और अंत में अनेक प्रश्न भी पूँछे।7वें साईन्स एक्सपो का चौथा दिन, आंचलिक विज्ञान नगरी, किंग जार्ज मेडिकल विश्वविद्यालय के प्रो. उदय मोहन, ‘‘हेल्थ एवं लाइफ स्टाइल’’ विषय, मानव 100 वर्षों तक जीने में कामयाब

इसके पश्चात ‘वैज्ञानिकों से मिलिये’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें डा.ए.के.साह, आईआईएसआर, डा. सुधा अग्रवाल, सीमैप, डा. आर.पी. शर्मा, बायोटेक पार्क एवं आंचलिक विज्ञान नगरी के परियोजना समायोजक उमेश कुमार ने भाग लिया जिन्होंने अपनी-अपनी संस्थाओं के बारे में जानकारी दी एवं वहाँ पर उपलब्ध शोध के अवसरों तथा कैरियर के बारे में भी जानकारी बच्चों को प्रदान की। सभी वैज्ञानिकों ने बच्चों को उनके संस्थान में आने का खुला निमंत्रण भी दिया। बाद में अपने-अपने क्षेत्रों से जुड़े प्रश्नों के उत्‍तर भी दिये। आज उपरोक्त कार्यक्रम के अतिरिक्त ‘स्वच्छ भारत’ विषय पर 5 नुक्कड़ नाटकों का आयोजन किया गया जिसमें एसकेडी अकादमी, सीएमएस, एलपीएस एवं आर्मी पब्लिक स्कूल के विद्यार्थियों ने दमदार प्रदर्शन किया।  कार्यक्रम के अंत में सीएमएस, एलपीएस तथा विद्याट्री स्कूलों के विद्यार्थियों ने म्यूजिकल बैण्ड का भी प्रदर्शन किया।  इन कार्यक्रमों में विद्यार्थियों के अलावा सामान्य दर्शकों ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। कुल मिलाकर 750 विद्यार्थियों ने आज के कार्यक्रमों में प्रतिभागिता की। कल साइंस एक्सपो का अखिरी दिन होगा तथा प्रो. रविकांत, कुलपति, किंग जार्ज मेडिकल विश्वविद्यालय समापन समारोह के मुख्य अतिथि होगें। कार्यक्रमों में लोकप्रिय व्याख्यान एवं वैज्ञानिकों से मिलिए कार्यक्रम भी आयोजित किये जायेगें। साइंस एक्सपो जन सामान्य के लिए कल 2ः00 बजे तक ही खुला रहेगा।

नेशनल

दूसरे चरण में धार्मिक ध्रुवीकरण के समीकरण का चक्रव्यूह भेद पाएंगे मोदी!

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सच्चिदा नन्द द्विवेदी एडिटर-इन-चीफ

लखनऊ। राजस्थान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व पीएम डॉ. मनमोहन सिंह के बयान का जिक्र करते हुए कहा कि अगर कांग्रेस केंद्र में सत्ता में आती है, तो वह लोगों की संपत्ति लेकर मुसलमानों को बांट देगी. इसके बाद ही विकास की रफ्तार पर चलने वाला चुनाव दूसरे चरण के पहले हिन्दू मुस्लिम के बीच बंट गया है। दरअसल मोदी का ये बयान यूं ही नहीं आया है, दूसरे चरण में जहां जहां मतदान होना है वहाँ की बहुतायत सीटों पर मुस्लिम मतदाता निर्णायक स्थिति में है… इसमें राहुल गांधी की वायनाड सीट भी है जहां मुस्लिम वोटर करीब 50 फीसदी है।

26 अप्रैल को लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण का मतदान होना है। पहले चरण का मतदान 19 अप्रैल को हो चुका है जिसमें कम मतदान प्रतिशत ने सत्तारूढ़ बीजेपी के केन्द्रीय नेतृत्व को चिंता में डाल दिया है। दूसरे चरण में 88 लोकसभा सीटों पर वोटिंग हैं। केरल की सभी 20 लोकसभा सीटों पर इसी चरण में मतदान हो जाएगा। कर्नाटक की 14 और राजस्थान की 13 लोकसभा सीटों पर भी मतदान होगा।

इसके पहले कि मोदी के बयान के गूढ़ार्थ को समझा जाए एक बार दूसरे चरण की सीटों का गणित समझना जरूरी हो जाता है। इसमें सबसे ज्यादा जरूरी है केरल राज्य जहां पर चल रहे लव जिहाद के किस्से और धार्मिक ध्रुवीकरण के समीकरण का चक्रव्यूह आज तक बीजेपी नहीं भेद पाई है। केरल में हिन्दू आबादी करीब 54 फीसदी है तो मुस्लिम आबादी करीब 26 फीसदी तो ईसाई वहां 18 फीसदी हैं। जबकि सिख बौद्ध और जैन महज 1 फीसदी हैं। यही वो धार्मिक समीकरण का तिलिस्म हैं जिसे बीजेपी इस बार तोड़ने का प्रयास कर रही हैं।

इतना ही नहीं केरल में करीब 15 लोकसभा सीट ऐसी हैं मुस्लिम बहुतायत में हैं। वहीं वायनाड में तो मुस्लिम आबादी करीब 50 फीसदी है जहां से राहुल गांधी पिछले बार जीत कर सांसद चुने गए थे और इस बार भी वायनाड़ के रास्ते दिल्ली पहुंचना चाहते हैं। राज्यवार नजर डालें तो पिक्चर काफी हद तक साफ हो जाती है। आखिर शब्दों पर संयम रखने वाले मोदी ने चुनावी फिजा बदलने वाला ये बयान क्यों दिया? इसके लिए इन सीटों पर नजर डालिए।

इन सीटों पर दूसरे चरण में मतदान

असम: दर्रांग-उदालगुरी, डिफू, करीमगंज, सिलचर और नौगांव।
बिहार: किशनगंज, कटिहार, पूर्णिया, भागलपुर और बांका।
छत्तीसगढ़: राजनांदगांव, महासमुंद और कांकेर।
जम्मू-कश्मीर: जम्मू लोकसभा ।
कर्नाटक: उडुपी-चिकमगलूर, हासन, दक्षिण कन्नड़, चित्रदुर्ग, तुमकुर, मांड्या, मैसूर, चामराजनगर, बेंगलुरु ग्रामीण, बेंगलुरु उत्तर, बेंगलुरु केंद्रीय, बेंगलुरु दक्षिण,चिकबल्लापुर और कोलार।
केरल: कासरगोड, कन्नूर, वडकरा, वायनाड, कोझिकोड, मलप्पुरम, पोन्नानी, पलक्कड़, अलाथुर, त्रिशूर, चलाकुडी, एर्णाकुलम, इडुक्की, कोट्टायम, अलाप्पुझा, मवेलिक्कारा, पथानमथिट्टा, कोल्लम, अट्टिंगल और तिरुअनंतपुरम।
मध्य प्रदेश: टीकमगढ़, दमोह, खजुराहो, सतना, रीवा और होशंगाबाद।
महाराष्ट्र: बुलढाणा, अकोला, अमरावती, वर्धा, यवतमाल- वाशिम, हिंगोली, नांदेड़ और परभणी।
राजस्थान: टोंक-सवाई माधोपुर, अजमेर, पाली, जोधपुर, बाड़मेर, जालोर, उदयपुर, बांसवाड़ा, चित्तौड़गढ़, राजसमंद, भीलवाड़ा, कोटा और झालावाड़-बारा।
त्रिपुरा: त्रिपुरा पूर्व।
उत्तर प्रदेश: अमरोहा, मेरठ, बागपत, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर, बुलंदशहर, अलीगढ़ और मथुरा।
पश्चिम बंगाल: दार्जिलिंग, रायगंज और बालूरघाट।

दरअसल देश की 543 लोकसभा सीटों में से 65 सीटें ऐसी हैं जहां मुस्लिम वोटर जीत और हार में बड़ी भूमिका निभाते हैं। ये वो सीटें हैं जहां मुस्लिम वोटरों की संख्या 30 फीसदी से लेकर 80 फीसदी तक है। वहीं, करीब 35-40 लोकसभा सीटें ऐसी हैं जहां इनकी मुस्लिम समुदाय के वोटरों की अच्छी खासी संख्या है। यानि करीब 100 लोकसभा सीट ऐसी हैं जहां अगर वोटों का ध्रुवीकरण हो गया तो भाजपा के लिए उसके लक्ष्य 400 के आंकड़े को हासिल करना आसान हो जाएगा। ऐसे में एक बार फिर ये साफ हो गया विपक्षी कितनी भी कोशिश कर लें वो चुनाव बीजेपी की पिच पर ही लड़ने को मजबूर हैं।

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