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मणिपुर में सांप्रदायिक दंगे की आशंका, खुफिया सूत्रों ने किया सतर्क

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manipur Securityइंफाल। खुफिया सूत्रों ने आशंका जताई है कि मणिपुर में नाकाबंदी और जवाबी नाकाबंदी के परिणामस्वरूप सांप्रदायिक दंगा भडक़ सकता है। एक नवंबर से जारी इस स्थिति के कारण राज्य काफी प्रभावित हुआ है। यूनाइटेड नागा काउंसिल (यूएनसी) ने मणिपुर में अनिश्चितकालीन आर्थिक नाकाबंदी की घोषणा की है, क्योंकि उसका मानना है कि सरकार इंफाल पूर्वी और सेनापति जिलों से निकालकर दो जिले जिरिबाम और सदर हिल्स बनाने जा रही है।

वर्ष 1971 से ही नागा गुट प्रस्तावित जिलों के गठन का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि नागाओं की भूमि उसमें शामिल की जाएगी। नाकाबंदी के दौरान यूएनसी कार्यकर्ताओं ने दो ट्रकों और तामेंगलांग जिले के दो कार्यालयों में आग लगा दी और कई ट्रकों को क्षतिग्रस्त कर दिया। ये वे ट्रक थे, जिन्हें सशस्त्र कर्मी अपनी सुरक्षा में इंफाल की ओर ले जा रहे थे।

इसके विरोध में भी नाकाबंदी हुई। हालांकि इस जवाबी नाकाबंदी ने बुधवार को वीभत्स रूप ले लिया और उसके बाद से कई चीजें जला दी गई हैं। एक महिला कार्यकर्ता एस. इबमेचा ने बताया कि वे लोग इस तरह के अतिवादी कदम उठाने को मजबूर किए गए हैं। उसने कहा, मणिपुर में बहुत सारे समुदाय हैं और इस नाकेबंदी से लोगों को बहुत तकलीफ हो रही है और नागा भी इसके शिकार हो रहे हैं। पहले कदम के रूप में हमलोग नागाओं के इलाके में ले जाए जाने वाली सामग्रियों को बर्बाद कर रहे हैं।

उसने आगे कहा, उन सबों ने ट्रक जला दिए हैं और उपभोक्ता सामान बर्बाद कर दिए हैं। यदि वे इसे नहीं रोकते हैं तो उन्हें जबरदस्त बदले की कार्रवाई भी दिखेगी। एक अधिकारी ने बताया कि स्थिति बद से बदतर होते जा रही है। राज्य सरकार केंद्र के संपर्क में है और आग्रह कर रही है कि केंद्र हस्तक्षेप करे और एनएससीएन-आईएम को अपने सहायक संगठनों को रोकने को कहे।

मणिपुर में पहले सांप्रदायिक दंगे होते रहे हैं। तीन मई, 1993 को बच्चों और महिलाओं सहित कम से कम 102 निर्दोष लोग मारे गए थे।

नेशनल

हिमाचल कांग्रेस प्रभारी तजिंदर सिंह बिट्टू ने छोड़ी पार्टी, बीजेपी में हुए शामिल

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नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के कई बड़े नेता पार्टी से नाता तोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए थे। अब कांग्रेस को एक और बड़ा झटका लगा है। हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस प्रभारी और प्रियंका गांधी के करीबी तजिंदर सिंह बिट्टू ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने के कुछ घंटे बाद ही बीजेपी में शामिल हो गए। उन्होंने दिल्ली में केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव और बीजेपी महासचिव विनोद तावड़े की उपस्थिति में भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। इससे पहले सोशल मीडिया पर इस्तीफे की जानकारी देते हुए बिट्टू ने कहा कि भारी मन से 35 साल बाद मैं कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे रहा हूं।

इसके अलावा, चौधरी करमजीत कौर ने भी बीजेपी मुख्यालय पहुंच कर पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। बता दें करमजीत कौर कांग्रेस के टिकट पर जालंधर से लोकसभा चुनाव लड़ चुकी हैं। हालांकि, मौजूदा समय में वह कांग्रेस से नाराज बताई जा रही थीं।

जानकारी के लिए बता दें कि तेजिंदर सिंह बिट्टू ने शनिवार को कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने के बाद बीजेपी नेता और एडवोकेट जयवीर शेरगिल से मुलाकात की थी। इसकी जानकारी खुद शेरगिल ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट से साझा की थी। उन्होंने बिट्टू के साथ एक तस्वीर शेयर करते हुए लिखा, ‘तेजिंदर बिट्टू, पूर्व सचिव एआईसीसी, सह-प्रभारी हिमाचल प्रदेश से मिलना हमेशा खुश करता है। उनकी आगे की नई पारी के लिए शुभकामनाएं।’

पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के कांग्रेस छोड़ने के बाद से एक-एक करके कई सीनियर नेता पार्टी छोड़ते जा रहे हैं। कांग्रेस छोड़ने वाले ज्यादातर नेता बीजेपी में शामिल हो चुके हैं। इनमें अमरिंदर सिंह, सुनील जाखड़ समेत कई नेता शामिल हैं।

 

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