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अन्तर्राष्ट्रीय

मोसुल को आईएस से मुक्त कराने के लिए सैन्य अभियान शुरू

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मोसुलबगदाद, इराकी प्रधानमंत्री हैदर अल-आब्दी ने मोसुल को आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) से मुक्त कराने के लिए सोमवार से सैन्य अभियान शुरू करने की घोषणा की। सुन्नी बाहुल्य मोसुल, इराक का दूसरा सबसे बड़ा शहर है। बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, सोमवार को राज्य टेलीविजन पर अपने संबोधन के दौरान आब्दी ने कहा, “विजय का समय आ गया है, मोसुल को आजाद कराने के लिए अभियान शुरू कर दिया गया है। ”

उन्होंने कहा, “आज मैं आपको आईएस से आजाद करने वाले इस वीरतापूर्ण अभियान की शुरुआत की घोषणा करता हूं।”

उन्होंने कहा, “इंशाअल्लाह, हम मोसुल में आजादी और आईएस से आपकी मुक्ति का जश्न मनाने के लिए मिलेंगे, जिससे हम सभी एक बार फिर साथ रह सकेंगे। सभी धर्म एकजुट हैं, हम एकसाथ मिलकर फिर से अपने प्यारे शहर मोसुल को बनाएंगे।”

वरिष्ठ इराकी अधिकारियों के बीच उन्होंने कहा कि सिर्फ सरकारी बल ही सुन्नियों की बहुसंख्या वाले शहर मोसुल में प्रवेश करेंगे।

इराकी सरकार, कुर्द पेशमर्गा और सरकार से संबद्ध बलों द्वारा इस लंबे समय से प्रतीक्षित हमले को आईएस से लड़ने वाले अमेरिकी अगुवाई वाले गठबंधन का समर्थन प्राप्त है। मोसुल पर आईएस का जून 2014 से कब्जा है।

अन्तर्राष्ट्रीय

पाकिस्तान में अपने नागरिकों की मौत से भड़का चीन, घटना की गहन जांच की मांग की

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इस्लामाबाद। पाकिस्तान में अपने चार नागरिकों की हत्या के बाद चीन भड़का हुआ है। गृह मंत्री मोहसिन नकवी हमले के तुरंत बाद चीन के दूतावास पहुंचे और राजदूत जियांग जैदोंग से मुलाकात की। राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने भी हमले की कड़ी निंदा की, उन्होंने हमले को पाक चीन की दोस्ती को नुकसान पहुंचाने की साजिश बताया।

चीनी नागरिकों पर हुए हमले पर सिंघुआ विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय रणनीति संस्थान के अनुसंधान विभाग के निदेशक कियान फेंग ने कहा है कि यह हमला पाकिस्तान के लिए एक चेतावनी की तरह है। ये बताता है कि पाकिस्तान को अभी सुरक्षा क्षेत्र में बहुत काम करने की जरूरत है। ग्लोबल टाइम्स में प्रकाशित लेख में उन्होंने इस हमले को उस हमले की कॉपी बताया जो 2021 में किया गया था, जिसमें 9 चीनी नागरिकों की मौत हो गई थी। इस लेख में ये भी कहा गया है कि इस तरह के हमले बताते हैं कि आतंकी ताकतें चीन और पाकिस्तन के आर्थिक गलियारे की सफलता नहीं देखना चाहती हैं और लगातार इसे विफल करने की साजिश रच रही हैं।

उधर अपने नागरिकों की मौत के बाद चीन ने घटना की गहन जांच की मांग भी कर डाली है। पाकिस्तान स्थित चीनी दूतावास ने एक बयान में कहा, “पाकिस्तान में चीनी दूतावास और वाणिज्य दूतावासों ने आपात कार्य शुरू कर दिया है और पाकिस्तानी पक्ष से हमले की गहन जांच करने, दोषियों को कठोर सजा देने तथा चीनी नागरिकों की सुरक्षा के लिए व्यावहारिक और प्रभावी उपाय करने की मांग की है।”

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