Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

प्रादेशिक

फ़र्ज़ी मामला दर्ज करवाना पड़ा महंगा, एफआईआर के आदेश

Published

on

फ़र्ज़ी मामला, बलात्कार जैसा संगीन मामला, थाना कोतवाली कर्वी

Loading

फ़र्ज़ी मामला, बलात्कार जैसा संगीन मामला, थाना कोतवाली कर्वी

court hammer

ज़ियाउल हक़

चित्रकूट। लगातार बलात्कार जैसे संगीन मामलो के बढ़ते ग्राफ में कई मामले फ़र्ज़ी भी पाये जा रहे है जिसमे सीजेएम कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए बलात्कार के मामले पर महिला के खिलाफ थाने में मामला दर्ज करने के आदेश दिए है।

गौरतलब हो कि थाना कोतवाली कर्वी चौकी शिवरामपुर ग्राम भैसौंधा  निवासी हीरामणि पुत्री भाईनाथ ने गाव के ही श्यामबाबू के खिलाफ 156 (3) के तहत बलात्कार का मुकदमा दर्ज करवाया था। जिसमे मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सुभाष सिंह ने स्वतः संज्ञान लेते हुए मामले को फ़र्ज़ी पाते हुए शिकायतकर्ता हीरामणि के खिलाफ आईपीसी की धारा 211 के तहत पुलिस को मामला दर्ज करने के आदेश दिए है।

Continue Reading

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

Published

on

Loading

लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

Continue Reading

Trending