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गिलानी का बेटा गिरफ्तार, बीमार नेता से परिजनों के मिलने पर रोक

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syed ali shah gilaniश्रीनगर। हुर्रियत नेता सैयद अली शाह गिलानी के बड़े बेटे को जम्मू एवं कश्मीर पुलिस ने शनिवार को गिरफ्तार कर लिया और छोटे बेटे को 88 वर्षीय नेता और पिता के घर में घुसने नहीं दिया। वास्तव में गिलानी को सभी परिवारिक संपर्कों से दूर रखा गया है। सूत्रों ने यह जानकारी दी।

एक सरकारी अस्पताल में यहां एक डॉक्टर नईम गिलानी को सुबह करीब 10 बजे तब गिरफ्तार किया गया, जब वह यहां हैदरपोरा स्थित अपने पिता और हुर्रियत के कट्टरपंथी नेता के निवास पर जा रहे थे। एक पारिवारिक सूत्र ने कहा, नईम को घर के अंदर नहीं घुसने दिया गया और पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी शनिवार अपराह्न फोन के जरिए राष्ट्र को संबोधित करने के बड़े गिलानी के कार्यक्रम से पहले हुई।

हैदरपोरा स्थित निवास के आसपास प्राधिकारियों द्वारा जैमर्स लगाए जाने के कारण गिलानी का भाषण नहीं हो सका। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के शेर-ए-कश्मीर कृषि विश्वविद्यालय के सहायक प्रोफेसर और गिलानी के छोटे बेटे नसीम गिलानी को सुबह में पुलिस ने पिता के घर में घुसने से रोक दिया। पुलिस ने कहा, आपको गिलानी से मिलने की स्वीकृति नहीं है।

बाद में नसीम ने जम्मू एवं कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती पर भावनात्मक हमला करते हुए अपने फेसबुक पृष्ठ पर लिखा, मैं महबूबा मुफ्ती से एक साधारण सवाल पूछना चाहता हूं। जब कोई आपके पिता के नाम का भी उल्लेख करता है तो आप रोने लगती हैं। मेरे पिता के बारे में क्या सोचती हैं, जो प्रतिदिन मुझको देखना चाहते हैं।

परिवारिक सूत्रों ने कहा, हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के 88 वर्षीय अध्यक्ष हृदय रोग, गुर्दे की समस्या और सांस की समस्या से पीडि़त हैं। नसीम ने आगे कहा, मेरे बड़े भाई को भी गिरफ्तार किया गया है और उन्हें हमहमा पुलिस थाना ले जाया गया है।

पुलिस ने बड़े गिलानी के परिजनों, मीडिया और आगंतुकों को उनके घर में प्रवेश पर रोक लगा दी है। सूत्र ने आगे कहा, प्राधिकारियों ने सभी फोन संपर्क बंद करने के लिए उनके निवास पर जैमर्स भी लगा दिए हैं।

गिलानी गत आठ जुलाई को हिजबुल कमांडर बुरहान वानी के सुरक्षा बलों के हाथों मारे जाने के बाद से कश्मीर घाटी में आंदोलन का नेतृत्व कर रहे हैं। वे लगातार घर में नजरबंद हैं। गिलानी मीरवाइज फारूक और यासिन मलिक समेत अन्य अलगाववादी नेताओं के साथ ‘संयुक्त प्रतिरोध नेतृत्व’ के बैनर तले हर सप्ताह ‘विरोध कैलेंडर’ जारी कर रहे हैं।

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने गत अगस्त महीने के मध्य में नईम को बुलाया था और जांच एजेंसी ने उनसे कथित आतंकी कोष के बारे में आरंभिक पूछताछ की थी। सरकार की नजर में हिंसा भडक़ाने वालों समेत सैकड़ों अलगाववादी नेताओं और पार्टी कार्यकर्ताओं को राज्य की पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों ने गिरफ्तार किया है।

नेशनल

कर्नाटक के मंत्री बोले- मोदी-मोदी के नारे लगाने वालों को थप्पड़ मारे जाने चाहिए

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बेंगलुरु। कर्नाटक के मंत्री शिवराज तंगाडागी ने विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा कि ‘मोदी-मोदी’ के नारे लगाने वाले युवकों और छात्रों को थप्पड़ मारे जाने चाहिए। मंत्री ने हर साल दो करोड़ नौकरियां देने का वादा पूरा नहीं करने का आरोप लगाते हुए बीजेपी नीत केंद्र सरकार पर भी निशाना साधा। कन्नड़ एवं संस्कृति मंत्री ने यह भी कहा कि भाजपा को आगामी लोकसभा चुनाव में वोट मांगने के लिए शर्म आनी चाहिए, क्योंकि वह विकास के मोर्चे पर भी विफल रही है।

“दो करोड़ नौकरियां देने का वादा किया था”

तंगाडागी ने कहा, “उन्हें शर्म आनी चाहिए। वे विकास का एक काम तक नहीं कर पाए, फिर किस मुंह से वोट मांग रहे हैं। उन्होंने दो करोड़ नौकरियां देने का वादा किया था। क्या उन्होंने किसी को नौकरी दी। जब नौकरियों के बारे में पूछो तो वे कहते हैं- पकौड़े बेचो, उन्हें शर्म आनी चाहिए।” कोप्पल जिले के करातागी में कांग्रेस कार्यकर्ताओं की बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, अगर कोई छात्र या युवक अब भी ‘मोदी-मोदी’ कहे तो उन्हें थप्पड़ मारे जाने चाहिए

भाजपा के वरिष्ठ नेता और पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव सी टी रवि ने मंत्री की टिप्पणियों को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, “आगामी लोकसभा चुनाव कांग्रेस के बहुत बुरी तरह से हारने को भांपकर वे निचले स्तर पर पहुंच गए हैं और वे प्रधानमंत्री मोदी को तानाशाह कहते हैं!” भाजपा ने निर्वाचन आयोग को याचिका देकर मंत्री के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

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