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स्नेपड्रैगन 821 प्रोसेसर के साथ वनप्लस 3टी स्मार्टफोन भारत में लांच

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स्नेपड्रैगन 821 प्रोसेसर के साथ वनप्लस 3टी स्मार्टफोन भारत में लांचनई दिल्ली | अपने फ्लैगशिप डिवाइस-वनप्लस 3 की सफलता पर सवार होकर चीनी स्मार्टफोन निर्माता कम्पनी-वनप्लस ने शुक्रवार को इस प्रीमियम डिवाइस का उन्नत संस्करण वनप्लस-3टी भारतीय बाजार में लांच किया। यह कंपनी का सबसे शक्तिशाली संस्करण है, जिसमें क्वॉलकॉम स्नैपड्रेगन 821 प्रोसेसर (2.35 गीगाहर्ट्ज) के साथ 6 जीबी रैम लगा है। इसके सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर को ग्राहकों की प्रतिक्रिया के आधार पर तैयार किया गया है।

वनप्लस 3टी के 64 जीबी वैरिएंट की कीमत 29,999 रुपये और 128 जीबी वैरिएंट की कीमत 34,999 रुपये रखी गई है। खास बात यह है कि इस सेगमेंट में कम्पनी ने सिर्फ दो ही वेरिएंट उतारे हैं। इसमें 16 एमपी फ्रंट और बैक कमरा लगा है, जो वन प्लस 3 की तुलना शक्तिशाली है।

वनप्लस के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी पीटे लाउ ने बताया, “हमने वनप्लस 3टी को नवीनतम उपलब्ध तकनीक समेत महत्वपूर्ण सुधारों का साथ विकसित किया है। ताकि हमारे ग्राहकों को सर्वोत्तम संभव यूजर एक्सपीरिएंस के लिए इंतजार ना करना पड़े।”

वनप्वल 3टी में 3,400 एमएएच की बैटरी लगी है, जो इसके पिछले संस्करण से 13 फीसदी ज्यादा है। वनप्लस 3 में 3000 एमएएच की बैटरी लगी थी। इसमें डैश चार्ज तकनीक है जिससे महज आधा घंटा चार्ज करने पर फोन भारी इस्तेमाल के बावजूद दिन भर चलता है।

वनप्लस के महा प्रबंधक (भारत) विकास अग्रवाल ने बताया, “हमारे ग्राहकों के लिए खुशी की बात यह है कि हम शीघ्र ही कई ऑफर की घोषणा करेंगे।”

वनप्लस 3टी में एंड्रायड 6.0.1 आधारित आक्सीजेन ओएस कस्टम आपरेटिंग सिस्टम है। इस आपरेटिंग सिस्टम की मदद से उपभोक्ता अपने स्क्रीन की साइज के मुताबिक आइकनों की साइज में फेरबदल कर सकते हैं।

कम्पनी ने अपने नए फोन के लिए कई रंगों पर विचार किया लेकिन अंतत: उसने गनमेटल रंग पर भरोसा किया। कम्पनी का मानना है कि इस रंग से फोन की डिजाइन बेहतर तरीके से उभरकर सामने आती है।

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केंद्र सरकार का बड़ा एक्शन, 70 लाख मोबाइल नंबर हुए सस्पेंड; जानें क्या है कारण 

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70 lakh mobile numbers suspended in INDIA

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नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने एक बड़ा एक्शन लेते हुए 70 लाख मोबाइल नंबर को सस्पेंड कर दिया है। यानी इन मोबाइल नंबर का इस्तेमाल पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। अब आपके जेहन में ही यही सवाल आ रहा होगा कि आखिर सरकार की ओर से यह कदम क्यों उठाया गया है। दरअसल, यह कदम बढ़ते डिजिटल फ्रॉड को देखते हुए उठाया गया है।

इस वजह से हुए मोबाइल नंबर सस्पेंड

सस्पेंड किए गए ये वे मोबाइल नंबर थे जो किसी तरह के संदिग्ध लेन-देन से जुड़े थे। दरअसल, इस मामले को लेकर वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने मंगलवार को जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इंटरनेट के समय में डिजिटल पेमेंट को लेकर हो रही धोखाधड़ी को देखते हुए ऐसा किया गया है। बता दें, वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने यह जानकारी डिजिटल पेमेंट को लेकर धोखाधड़ी और इससे जुड़े मुद्दों पर बैठक के बाद दी है।

जनवरी में होगी अगली बैठक

जोशी ने कहा है कि डिजिटल फ्रॉड के बढ़ते मामलों को देखते हुए बैंकों को भी निर्देश दिए गए हैं। बैंकों को उनकी प्रक्रियाओं और प्रणालियों को पहले से मजबूत बनाने को कहा गया है। उन्होंने बैठक को लेकर जानकारी देते हुए कहा है कि इस मुद्दे पर आगे भी बैठकें होती रहेंगी। इसी के साथ मामले पर अगली बैठक अगले साल जनवरी में रखी गई है।

वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने आधार सक्षम भुगतान प्रणाली (AEPS) धोखाधड़ी को लेकर कहा है कि राज्यों को इस मुद्दे पर ध्यान देने की जरूरत है। इसी के साथ राज्य सरकारों को डेटा सुरक्षा को भी मजबूत बनाने पर गौर देना चाहिए।

फ्रॉड के मामले कैसे होंगे कम

विवेक जोशी ने कहा है कि डिजिटल धोखाधड़ी को लेकर जागरुकता बेहद जरूरी है। इस तरह की धोखाधड़ी पर लगाम लगाने के लिए जरूरी है कि समाज को इन मामलों से अवगत करवाया जाए और जागरुक किया जाए। मालूम हो कि हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी साइबर धोखाधड़ी को लेकर समाज को जागरुक करने की बात पर जोर दिया था।

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