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नेशनल

सुखोई की सेहत दुरुस्त रखेगा रूस

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नई दिल्ली। वायुसेना की सबसे बड़ी ताकतों में एक सुखोई-30 लड़ाकू विमानों को फिट बनाए रखने के लिए बड़ी पहल की गई है। भारत और रूस ने भारतीय वायुसेना आईएएफ के सुखोई यानी एसयु-30 एमकेआई बेड़े को दीर्घकालिक मदद के लिए शुक्रवार को दो समझौतों पर हस्ताक्षर किए। इससे इस विमान के रखरखाव और इसकी सेवा क्षमता में सुधार होगा।

हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड एचएएल और पीजेएससी युनाइटेड एयरक्राफ्ट कॉरपोरेशन ऑफ रूस के बीच हुए एक समझौते के जरिए पांच वर्षो तक कल-पुर्जे और तकनीकी सहायता की आपूर्ति की जाएगी।

दूसरा समझौता एचएएल ओर जेएससी युनाइटेड इंजन कॉरपोरेशन के बीच रूस निर्मित इंजनों के कल-पुर्जो की आपूर्ति के लिए है। भारत में अर्कुट कॉरपोरेशन द्वार खासतौर से भारत के लिए डिजाइन और एसएएल द्वारा महाराष्ट्र के नासिक में निर्मित लगभग 230 एसयू-30 एमकेआई हैं।

भारतीय वायुसेना के अग्रिम पंक्ति के लड़ाकू विमान को अतीत में सेवा योग्यता संबंधित समस्याओं का सामनाा करना पड़ा है। नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक सीएजी की दिसंबर 2015 में आई एक रिपोर्ट में कहा गया है कि वायुसेना के एसयू-30 एमकेआई विमान खराब सेवा योग्यता से पीड़ित थे, जिनकी सेवा योग्यता निर्धारित 75 प्रतिशत नियम के मुकाबले मात्र 55 प्रतिशत ही रही।

जनवरी 2017 में तत्कालीन रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा कि लड़ाकू विमानों की सेवा योग्यता सुधरी है, और अब यह 60 प्रतिशत है। जानकार सूत्रों ने कहा कि एसयू-30 एमकेआई बेड़े की मौजूदा सेवा योग्यता 60 और 55 प्रतिशत के बीच है।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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