नेशनल
सुकमा हमला सोची समझी साजिश : राजनाथ सिंह
रायपुर। सुकमा जिले में नक्सली हमले में शहीद केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के 25 जवानों को गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को श्रद्धांजलि अर्पित की।
इसके बाद प्रेस कॉफ्रेंस में गृहमंत्री ने कहा कि जवानों की शहादत बेकार नहीं जाएगी। यह हमला कायरतापूर्ण है। सरकार इसकी कड़ी निंदा करती है।
राजनाथ सिंह ने कहा कि नक्सली नहीं चाहते कि आदिवासी बहुल इलाकों का विकास हो। वे गरीबों और आदिवासियों के दुश्मन हैं। वे इन क्षेत्रों में चल रहे विकास कार्यों से घबरा गये हैं। उन्होंने कहा कि नक्सली हमलों को लेकर हमने एक उच्चस्तरीय बैठक 8 मई को बुलायी है। इस बैठक में राज्यों के अधिकारी शामिल होंगे।
गृहमंत्री ने कहा कि सुकमा हमला सोची-समझी हत्या है। वामपंथी उग्रवादी विकास कार्यों को रोकने का प्रयास कर रहे हैं। नक्सली हमले को हमने चुनौती के तौर पर लिया।
गौरतलब है कि सुकमा जिले में नक्सलियों ने पुलिस दल पर घात लगाकर सोमवार को हमला कर दिया था। इस घटना में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के 25 जवानों की मौत हो गई थी, जबकि छह जवान घायल हो गए थे। राज्य के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने बताया कि सुकमा जिले के चिंतागुफा थाना क्षेत्र के अंतर्गत बुरकापाल गांव के करीब नक्सलियों ने पुलिस दल पर घात लगाकर हमला किया।
विकास से देंगे नक्सली हमले का जवाब : रमन सिंह
हमले को लेकर सूबे के मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कहा कि नक्सलियों के गढ़ में घुसकर हम विकास का कार्य कर रहे हैं। इससे वे घबरा गये हैं। हमले से हम डरने वाले नहीं हैं। क्षेत्र में विकास करके हम नक्सलियों को जवाब देंगे।
नेशनल
सीएम बने रहेंगे केजरीवाल, कोर्ट ने पद से हटाने वाली याचिका की खारिज
नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को उनके पद से हटाने की मांग वाली जनहित याचिका हाई कोर्ट ने खारिज कर दी है। कोर्ट ने कहा कि ऐसी कोई संवैधानिक बाध्यता नहीं है कि अरविंद केजरीवाल अपने पद पर बने नहीं रह सकते हैं। हाई कोर्ट ने कहा कि ये कार्यपालिका से जुड़ा मामला है। दिल्ली के उपराज्यपाल इस मामले को देखेंगे और फिर वह राष्ट्रपति को इस भेजेंगे। इस मामले में कोर्ट की कोई भूमिका नहीं है।
केजरीवाल को सीएम पद से हटाने के लिए याचिका दिल्ली के रहने वाले सुरजीत सिंह यादव ने दी है, जो खुद किसान और सामाजिक कार्यकर्ता बताते हैं। सुरजीत सिंह यादव का कहना था कि वित्तीय घोटाले के आरोपी मुख्यमंत्री को सार्वजनिक पद पर बने रहने की अनुमति नहीं मिलनी चाहिए। याचिकाकर्ता सुरजीत ने अपनी याचिका में कहा था कि केजरीवाल के पद पर बने रहने से न केवल कानून की उचित प्रक्रिया में दिक्कत आएगी, बल्कि न्याय प्रक्रिया भी बाधित होगी और राज्य में कांस्टीट्यूशनल सिस्टम भी ध्वस्त हो जाएगा।
याचिका में कहा गया था कि सीएम ने गिरफ्तार होने के कारण एक तरह से मुख्यमंत्री के रूप में अपना पद खो दिया है, चूंकि वह हिरासत में भी हैं, इसलिए उन्होंने एक लोक सेवक होने के कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को निभाने से खुद को अक्षम साबित कर लिया है, अब उन्हें इस मुख्यमंत्री पद पर नहीं बने रहना चाहिए।
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