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नेशनल

सहारा प्रमुख सुब्रत राय की एम्‍बी वैली की नीलामी का सुप्रीम कोर्ट का आदेश

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निवेशकों का पैसा न लौटाने पर सुप्रीम कोर्ट ने सहारा प्रमुख को दिया बडा झटका

नई दिल्ली: सहारा प्रमुख सुब्रत रॉय को बड़ा झटका देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को महाराष्ट्र की एम्बी वैली सिटी नीलाम करने का आदेश दे दिया। देश की सर्वोच्च अदालत ने निवेशकों का पैसा लौटा पाने में सहारा समूह की नाकामयाबी का हवाला देते हुए यह फैसला दिया।

सहारा प्रमुख 13 अप्रैल तक सेबी के पास 5,092 करोड़ रुपये नहीं जमा कर पाए। सुप्रीम कोर्ट ने यहां तक कहा कि आपको पैसा जमा कराने के लिए बहुत वक्त दिया जा चुका है, और अगर आप पैसा नहीं दे रहे हैं, तो आप जेल जाइए। इसके अलावा सुब्रत रॉय को अगली सुनवाई में कोर्ट में पेश होने का आदेश भी दिया गया है, और कोर्ट ने कहा है कि वह उसी दिन यह तय करेगा कि सहारा प्रमुख को जेल भेजा जाए या जमानत दी जाए,। शीर्ष कोर्ट ने  सहारा प्रमुख से साफ कहा कि अगर आपको आज़ादी चाहिए, तो रुपये चुकाइए।

सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट के ऑफिसर लिक्विडेटर को संपत्ति के आकलन और नीलामी की प्रक्रिया शुरू करने के आदेश दिए, और सहारा प्रमुख से संपत्ति का ब्योरा 48 घंटे में ऑफिसर लिक्विडेटर को सौंपने के लिए कहा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बॉम्बे हाईकोर्ट का यह ऑफिसर लिक्विडेटर सीधे सुप्रीम कोर्ट को रिपोर्ट करेगा।

सुप्रीम कोर्ट ने साफ-साफ कहा कि ‘इनफ इज इनफ’।. लगभग 39,000 करोड़ रुपये मूल्य की 8,900 एकड़ में फैली एम्बी वैली लोनावला के पास है,। इसके बारे में आदेश जारी करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सहारा प्रमुख से कहा, आपको पैसा जमा कराने के लिए बहुत वक्त दिया जा चुका है, और अब अगर पैसा नहीं दे रहे हैं, तो जेल जाइए। दरअसल, सहारा को सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार 13 अप्रैल तक सेबी-सहारा खाते में 5,092 करोड़ रुपये जमा कराने थे।

इससे पहले, सहारा की ओर से कहा गया था कि 24 मई को न्यूयार्क और यूके के होटल के बेचने पर पैसा आएगा, जो सीधे सेबी के एकाउंट में जाएगा। दरअसल, सेबी-सहारा विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान से पहले भी सुब्रत रॉय को राहत नहीं मिली थी. सुप्रीम कोर्ट ने सहारा को चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर तय समय पर पैसे जमा नहीं होते, तो सहारा के एम्बी वैली प्रोजेक्ट की नीलामी कर देंगे। कोर्ट ने कहा कि अब पैसे जमा कराने की तारीख नहीं बढ़ाई जाएगी।

दरअसल, सहारा ने सुप्रीम कोर्ट से मांग की थी कि 13 अप्रैल तक सेबी-सहारा खाते में 5,092 करोड़ रुपये जमा कराने की तारीख बढ़ा दी जाए। सहारा ने कोर्ट में कहा था कि प्रॉपर्टी के बिक्री की प्रकिया चल रही है, लेकिन पैसे जमा कराने के लिए और समय दिया जाए.

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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