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संबंधों की नई परिभाषा गढऩे पीएम मोदी जाएंगे ‘लंकेश के देश’

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नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी दो दिवसीय दौरे पर गुरुवार और शुक्रवार को ‘लंकेश यानी रावण के देश’ श्रीलंका में होंगे। इससे दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूती मिलेगी।

मोदी संयुक्त राष्ट्र द्वारा मान्यता प्राप्त 14वें अंतर्राष्ट्रीय वेसक दिवस पर मुख्य अतिथि होंगे। वेसक दिवस भगवान बुद्ध के निर्वाण दिवस के रूप में मनाया जाता है।

मोदी श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना के निमंत्रण पर श्रीलंका जा रहे हैं। मार्च 2015 के बाद प्रधानमंत्री के रूप में मोदी का श्रीलंका का यह दूसरा दौरा होगा।

प्रधानमंत्री के श्रीलंका दौरे के बारे में विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव संजय पांडा (हिंद महासागर क्षेत्र) ने कहा कि श्रीलंका में पहली बार अंतर्राष्ट्रीय वेसक दिवस मनाया जा रहा है।

पांडा ने कहा, “प्रधानमंत्री के इस दौरे का थीम समाज कल्याण और विश्व शांति के लिए बुद्ध के संदेश है।” उन्होंने बताया कि श्रीलंका में वेसक दिवस समारोह के लिए विभिन्न देशों से धार्मिक एवं राजनीतिक नेताओं को आमंत्रित किया गया है, खासकर बौद्ध परंपरा वाले देशों से।

पांडा ने कहा, “वेसक दिवस समारोह में हिस्सा लेने के लिए प्रधानमंत्री का यह दौरा काफी अहम है, क्योंकि यह हमारे देश में सदियों से चली आ रही बौद्ध परंपरा का परिचायक होगा।”

वेसक दिवस समारोह के तहत प्रधानमंत्री मोदी कोलंबो स्थित गंगारमाया मंदिर में दीप प्रज्‍जवलित करेंगे। गंगारमाया मंदिर श्रीलंका के सर्वाधिक महत्वपूर्ण मंदिरों में से एक है।

इस दौरे में मोदी कैंडी मंदिर भी जाएंगे, जहां श्रीलंका के सर्वाधिक महत्वपूर्ण बौद्ध अवशेष, भगवान बुद्ध का एक दांत रखा हुआ है। इस मंदिर की छत सोने की है।

प्रधानमंत्री मोदी पाल्लेकेले में श्रीलंकन अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध अकादमी में कांड्यान नृत्य संकाय की आधारशिला रखेंगे। यह कांड्यान नृत्य संकाय भारतीय मदद से निर्मित होगा।

मोदी मध्य पहाड़ी जिले में भारत द्वारा वित्त पोषित एक 150 बिस्तरों वाले मल्टी स्पेशियलटी अस्पताल का उद्घाटन करेंगे। यह भारतीय मूल के तमिल चाय बागान श्रमिकों का इलाका है।

पांडा ने कहा, “यह अस्पताल 2005 से चली आ रही हमारी विकास में सहयोग परियोजना का हिस्सा है, जिसके तहत श्रीलंका को 2.6 अरब डॉलर की सहयोग राशि देने का वादा किया गया है। इसमें से 45 करोड़ डॉलर अनुदान दिया जा चुका है।”

उन्होंने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय वेसक दिवस समारोह के तहत भारत के अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त रेत शिल्पकार सुदर्शन पटनायक श्रीलंका की संसद के नजदीक विशेष वेसक क्षेत्र में भगवान बुद्ध की विश्व की सबसे बड़ी रेत प्रतिमा का निर्माण करेंगे।

पांडा ने कहा, “भारत इस अवसर पर आयोजित अंतर्राष्ट्रीय बुद्ध फिल्म महोत्सव में भी हिस्सा ले रहा है, जिसका आयोजन अंतर्राष्ट्रीय वेसक समारोह से इतर होगा।”

हालांकि कोई द्विपक्षीय वार्ता निर्धारित नहीं है, लेकिन भारतीय अधिकारियों ने इससे भारत-श्रीलंका संबंधों को गति मिलने की बात कही है।
श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे पिछले महीने भारत दौरे पर आए थे।

नेशनल

दूसरे चरण में धार्मिक ध्रुवीकरण के समीकरण का चक्रव्यूह भेद पाएंगे मोदी!

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सच्चिदा नन्द द्विवेदी एडिटर-इन-चीफ

लखनऊ। राजस्थान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व पीएम डॉ. मनमोहन सिंह के बयान का जिक्र करते हुए कहा कि अगर कांग्रेस केंद्र में सत्ता में आती है, तो वह लोगों की संपत्ति लेकर मुसलमानों को बांट देगी. इसके बाद ही विकास की रफ्तार पर चलने वाला चुनाव दूसरे चरण के पहले हिन्दू मुस्लिम के बीच बंट गया है। दरअसल मोदी का ये बयान यूं ही नहीं आया है, दूसरे चरण में जहां जहां मतदान होना है वहाँ की बहुतायत सीटों पर मुस्लिम मतदाता निर्णायक स्थिति में है… इसमें राहुल गांधी की वायनाड सीट भी है जहां मुस्लिम वोटर करीब 50 फीसदी है।

26 अप्रैल को लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण का मतदान होना है। पहले चरण का मतदान 19 अप्रैल को हो चुका है जिसमें कम मतदान प्रतिशत ने सत्तारूढ़ बीजेपी के केन्द्रीय नेतृत्व को चिंता में डाल दिया है। दूसरे चरण में 88 लोकसभा सीटों पर वोटिंग हैं। केरल की सभी 20 लोकसभा सीटों पर इसी चरण में मतदान हो जाएगा। कर्नाटक की 14 और राजस्थान की 13 लोकसभा सीटों पर भी मतदान होगा।

इसके पहले कि मोदी के बयान के गूढ़ार्थ को समझा जाए एक बार दूसरे चरण की सीटों का गणित समझना जरूरी हो जाता है। इसमें सबसे ज्यादा जरूरी है केरल राज्य जहां पर चल रहे लव जिहाद के किस्से और धार्मिक ध्रुवीकरण के समीकरण का चक्रव्यूह आज तक बीजेपी नहीं भेद पाई है। केरल में हिन्दू आबादी करीब 54 फीसदी है तो मुस्लिम आबादी करीब 26 फीसदी तो ईसाई वहां 18 फीसदी हैं। जबकि सिख बौद्ध और जैन महज 1 फीसदी हैं। यही वो धार्मिक समीकरण का तिलिस्म हैं जिसे बीजेपी इस बार तोड़ने का प्रयास कर रही हैं।

इतना ही नहीं केरल में करीब 15 लोकसभा सीट ऐसी हैं मुस्लिम बहुतायत में हैं। वहीं वायनाड में तो मुस्लिम आबादी करीब 50 फीसदी है जहां से राहुल गांधी पिछले बार जीत कर सांसद चुने गए थे और इस बार भी वायनाड़ के रास्ते दिल्ली पहुंचना चाहते हैं। राज्यवार नजर डालें तो पिक्चर काफी हद तक साफ हो जाती है। आखिर शब्दों पर संयम रखने वाले मोदी ने चुनावी फिजा बदलने वाला ये बयान क्यों दिया? इसके लिए इन सीटों पर नजर डालिए।

इन सीटों पर दूसरे चरण में मतदान

असम: दर्रांग-उदालगुरी, डिफू, करीमगंज, सिलचर और नौगांव।
बिहार: किशनगंज, कटिहार, पूर्णिया, भागलपुर और बांका।
छत्तीसगढ़: राजनांदगांव, महासमुंद और कांकेर।
जम्मू-कश्मीर: जम्मू लोकसभा ।
कर्नाटक: उडुपी-चिकमगलूर, हासन, दक्षिण कन्नड़, चित्रदुर्ग, तुमकुर, मांड्या, मैसूर, चामराजनगर, बेंगलुरु ग्रामीण, बेंगलुरु उत्तर, बेंगलुरु केंद्रीय, बेंगलुरु दक्षिण,चिकबल्लापुर और कोलार।
केरल: कासरगोड, कन्नूर, वडकरा, वायनाड, कोझिकोड, मलप्पुरम, पोन्नानी, पलक्कड़, अलाथुर, त्रिशूर, चलाकुडी, एर्णाकुलम, इडुक्की, कोट्टायम, अलाप्पुझा, मवेलिक्कारा, पथानमथिट्टा, कोल्लम, अट्टिंगल और तिरुअनंतपुरम।
मध्य प्रदेश: टीकमगढ़, दमोह, खजुराहो, सतना, रीवा और होशंगाबाद।
महाराष्ट्र: बुलढाणा, अकोला, अमरावती, वर्धा, यवतमाल- वाशिम, हिंगोली, नांदेड़ और परभणी।
राजस्थान: टोंक-सवाई माधोपुर, अजमेर, पाली, जोधपुर, बाड़मेर, जालोर, उदयपुर, बांसवाड़ा, चित्तौड़गढ़, राजसमंद, भीलवाड़ा, कोटा और झालावाड़-बारा।
त्रिपुरा: त्रिपुरा पूर्व।
उत्तर प्रदेश: अमरोहा, मेरठ, बागपत, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर, बुलंदशहर, अलीगढ़ और मथुरा।
पश्चिम बंगाल: दार्जिलिंग, रायगंज और बालूरघाट।

दरअसल देश की 543 लोकसभा सीटों में से 65 सीटें ऐसी हैं जहां मुस्लिम वोटर जीत और हार में बड़ी भूमिका निभाते हैं। ये वो सीटें हैं जहां मुस्लिम वोटरों की संख्या 30 फीसदी से लेकर 80 फीसदी तक है। वहीं, करीब 35-40 लोकसभा सीटें ऐसी हैं जहां इनकी मुस्लिम समुदाय के वोटरों की अच्छी खासी संख्या है। यानि करीब 100 लोकसभा सीट ऐसी हैं जहां अगर वोटों का ध्रुवीकरण हो गया तो भाजपा के लिए उसके लक्ष्य 400 के आंकड़े को हासिल करना आसान हो जाएगा। ऐसे में एक बार फिर ये साफ हो गया विपक्षी कितनी भी कोशिश कर लें वो चुनाव बीजेपी की पिच पर ही लड़ने को मजबूर हैं।

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