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शेयर बाजारों में गिरावट, सेंसेक्स 194 अंक नीचे

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sensex downमुंबई। देश के शेयर बाजारों में मंगलवार को गिरावट देखी गई। प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 193.60 अंकों की गिरावट के साथ 27,655.96 पर और निफ्टी 71.45 अंकों की गिरावट के साथ 8,561.30 पर बंद हुआ। बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स सुबह 18.36 अंकों की मजबूती के साथ 27,867.92 पर खुला और 193.60 अंकों या 0.70 फीसदी गिरावट के साथ 27,655.96 पर बंद हुआ। दिनभर के कारोबार में सेंसेक्स ने 27,867.92 के ऊपरी और 27,624.54 के निचले स्तर को छुआ।

सेंसेक्स के 30 में से 10 शेयरों में तेजी रही। आईटीसी (0.84 फीसदी), पॉवरग्रिड (0.76 फीसदी), बजाज ऑटो (0.44 फीसदी), ओएनजीसी (0.25 फीसदी) और हिन्दुस्तान यूनीलीवर (0.19 फीसदी) में सर्वाधिक तेजी रही।

सेंसेक्स के गिरावट वाले शेयरों में प्रमुख रहे – टीसीएस (4.47 फीसदी), गेल (3.41 फीसदी), अडाणी पोर्ट्स (3.23 फीसदी), सन फार्मा (2.06 फीसदी) और इंफोसिस (2.01 फीसदी)।

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी सुबह 3.3 अंकों की गिरावट के साथ 8,629.45 पर खुला और 71.45 अंकों या 0.83 फीसदी गिरावट के साथ 8,561.30 पर बंद हुआ। दिनभर के कारोबार में निफ्टी ने 8,631.75 के ऊपरी और 8,552.40 के निचले स्तर को छुआ।

बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांक में भी गिरावट देखी गई। मिडकैप 143.48 अंकों की गिरावट के साथ 12857.47 पर और स्मॉलकैप 134.19 अंकों की गिरावट के साथ 12,935.66 पर बंद हुआ।

बीएसई के 19 में से केवल एक सेक्टर तेज खपत उपभोक्ता वस्तु (0.04 फीसदी) में तेजी रही।

बीएसई के गिरावट वाले सेक्टरों में सूचना प्रौद्योगिकी (2.96 फीसदी), प्रौद्योगिकी (2.49 फीसदी), तेल और गैस (1.64 फीसदी), स्वास्थ्य सेवाएं (1.38 फीसदी) और औद्योगिक (1.17 फीसदी) प्रमुख रहे।

बीएसई में कारोबार का रुझान नकारात्मक रहा। कुल 814 शेयरों में तेजी और 1,905 में गिरावट रही, जबकि 226 शेयरों के भाव में कोई बदलाव नहीं हुआ।

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मुंबई बना एशिया के अरबपतियों की राजधानी, बीजिंग को पीछे छोड़ा

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मुंबई। मुंबई में अरबपतियों की संख्या बीजिंग से अधिक हो गई है। हुरुन रिसर्च की 2024 ग्लोबल रिच लिस्ट के अनुसार, मुंबई में 92 अरबपति हैं, जबकि बीजिंग में 91 अरबपति हैं। हालांकि चीन में भारत के 271 की तुलना में कुल मिलाकर 814 अरबपति हैं। ग्लोबल लेवल पर, मुंबई अब न्यूयॉर्क के बाद अरबपतियों के मामले में तीसरे स्थान पर पहुंच गया है, न्यूयार्क में अरबपतियों की संख्या 119 है। लिस्ट के मुताबिक, सात साल बाद लंदन 97 के साथ दूसरे स्थान पर है।

रिपोर्ट में कहा गया है, “मुंबई दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ते अरबपतियों की राजधानी है, इस साल इसमें 26 अरबपति शामिल हुए और यह दुनिया में तीसरा व एशिया में अरबपतियों की राजधानी बन गया है। नई दिल्ली पहली बार शीर्ष 10 में शामिल हुई।” भारत की आर्थिक शक्ति उसकी अरबपति आबादी में उल्लेखनीय वृद्धि से और भी अधिक रेखांकित हुई। देश में आश्चर्यजनक रूप से 94 नए अरबपति जुड़े, जो संयुक्त राज्य अमेरिका को छोड़कर किसी भी देश में सबसे अधिक है। कुल मिलाकर यहां 271 अरबपति हो गए। यह उछाल 2013 के बाद से सबसे ज्‍यादा है और भारतीय अर्थव्यवस्था में बढ़ते आत्मविश्‍वास का प्रमाण है।

2024 हुरुन ग्लोबल रिच लिस्ट रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय अरबपतियों की संचयी संपत्ति चीन की प्रति अरबपति औसत संपत्ति (3.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर बनाम 3.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर) को पार करते हुए 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गई।

रिपोर्ट में बताया गया है कि उद्योग के लिहाज से फार्मास्युटिकल क्षेत्र 39 अरबपतियों के साथ सबसे आगे है, इसके बाद ऑटोमोबाइल और ऑटो कंपोनेंट उद्योग (27) और रसायन क्षेत्र (24) का स्थान है। सामूहिक रूप से भारतीय अरबपतियों की संपत्ति 1 खरब डॉलर के बराबर है, जो वैश्विक अरबपतियों की संपत्ति का 7 फीसदी है, जो देश के पर्याप्त आर्थिक प्रभाव को दर्शाता है।

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